हल्दी से प्रेगनेंसी रोकने के घरेलू उपाय – Haldi Se Pregnancy Rokne Ke Upay

क्या यह संभव है हल्दी से प्रेगनेंसी रोक सकते हैं? हां… यह सत्य है कुछ शोधों में पता चला कि हल्दी गर्भवतियों में मिसकैरेज होने की संभावना बढ़ा देता है। क्योंकि हल्दी लेने से गर्भाशय में कॉन्ट्रक्शन बढ़ने लगता

लेकिन क्या इससे गर्भपात किया जा सकता है ? देखिए, हल्दी से प्रेगनेंसी रोकने इस तरह के घरेलू उपाय सोचने में तो अच्छे लगते हैं परंतु यह कारगर साबित नहीं होगा, आपको सही तथा असरदार तरीकों को अपनाना चाहिए।

हल्दी से प्रेगनेंसी रोकने का उपाय, असरदार उपाय नहीं है एवं इससे गर्भपात भी नहीं होगा। यदि आप प्रेगनेंसी रोकना चाहते हैं तो आपको उपयोग उचित घरेलू उपाय अथवा medicines का प्रयोग करना चाहिए जिससे आसानी से गर्भपात किया जा सके।

अनचाहे गर्भ में हल्दी से प्रेगनेंसी रोकने जैसे उपाय भले देखने में आसान लगते हो लेकिन शायद हल्दी पीने अथवा खाने के फायदे और इसके दुष्परिणाम से आप परिचित नहीं है!

हालांकि, यदि आप गर्भपात कराने के लिए उपाय जानना चाहते होंगे तो इस लेख में हम आपको अनवांटेड प्रेगनेंसी से छुटकारा पाने के लिए हल्दी से प्रेगनेंसी रोकने के उपाय के बदले सही और उपयुक्त तरीके बताएंगे लेकिन हल्दी के फायदे तथा नुकसान अवश्य जाने

हल्दी क्या है | हल्दी से प्रेगनेंसी रोकने के उपाय – Haldi Se Pregnancy Rokne Ke Upay

हल्दी-से-प्रेगनेंसी-रोकने-के-उपाय

प्राचीन भारत में पहले से ही हल्दी के आयुर्वेदिक गुणों से लोग परिचित थे इसलिए ना सिर्फ़ वे इसका उपयोग खाने में करते अपितु दवाइयों में भी इसका भरपूर उपयोग किया जाता रहा है।

हल्दी एक फूलने वाला पौधा है इसके जड़ों से इसे प्राप्त किया जाता है अच्छी तरह विकसित होने के पश्चात यह गहरे पीले ( नारंगी ) रंग का हो जाता है जिसे पीस कर खाद्यानों में प्रयोग किया जाता है।

लेकिन बहुत से लोग आपको कहते मिल जाएंगे हल्दी से प्रेगनेंसी रुक जाती है और शायद इसी कारण प्रेगनेंसी में हल्दी लेने से गर्भवतीयो को मनाही की जाती है।

परंतु क्या सच में हल्दी से प्रेगनेंसी रुक सकती हैं

प्रेगनेंसी में हल्दी खाने से क्या होता हैं – termaric effect on pregnancy

वैसे तो इस पर अनेकों चर्चा प्रचलित है लेकिन पूर्ण रूप से अभी भी नहीं कहा जा सकता कि हल्दी लेने से मिसकैरेज हो जाएगा

हां… जिन शोधों के माध्यम से यह बोला जाता है कि हल्दी से प्रेगनेंसी रुक जाती है वह भी कहीं ना कहीं सही है।

वैसे बात हल्दी लेने की नहीं, बल्कि इसमें मौजूद तत्व curcumin है। प्रेगनेंसी में अधिक मात्रा में curcumin का सेवन estrogen harmon को प्रभावित कर देता है।

जिसके कारण ही गर्भाशय में कॉन्ट्रक्शन और बिल्डिंग होने लगता, और यह सब होना गर्भपात या early pregnancy labor का कारण बन सकता है।

प्रेगनेंसी में हल्दी खाने के फायदे – benefits of eating termaric in pregnancy

नॉन प्रेग्नेंट महिलाओं पर हुए अनेकों शोध में curcumin के anti-inflammatory प्रॉपर्टी के बारे में बताते हैं। परन्तु उपयुक्त इंफॉर्मेशन की अभी भी कमी है।

इसी लिए हेल्थ प्रोफेशनल गर्भवतीयों को हल्दी अत्याधिक उपयोग करने से रोकते हैं। हालांकि, कुछ मात्रा खाने – पीने जैसी चीजों में लेना बेनिफिट करता है।

Preeclampsia से बचाव

प्रेगनेंसी में ज्यादा inflammation होना बुरा संकेत होता है इससे शिशु का विकास दर रुकना, Preeclampsia हो सकता हैं।

2017 की एक शोध में curcumin इन्फ्लेमेशन से बचाता है:

  • रिड्यूस सिस्टोलिक ब्लड प्रेशर एंड Preeclampsia
  • एन इंक्रीज नंबर ऑफ़ लाइव बर्थ
  • इनक्रीस फेटल वेट
  • इनक्रीस प्लेसेंटा वेट
  • डिक्रीज फेटल रेसोरप्शन रेट

एक और टेस्ट ट्यूब स्टडी में यह सिद्ध हो चुका हैं कि curcumin के anti-inflammatory गुण Preeclampsia से बचाते हैं।

फेटल ब्रेन डेवलपमेंट – brain development

इन्फ्लेमेशन भ्रूण में न्यूरोलॉजिकल डेवलपमेंट को अफेक्ट करता है। 2018 की एक शोध के मुताबिक हाई लेवल ऑफ इन्फ्लेमेशन प्रेगनेंसी में लोअर मेमोरी फंक्शन का कारण बनता 

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ माताओ में इन्फ्लेमेशन प्रेगनेंसी के शुरुआत में बच्चों में बढ़ते आत्मकेंद्रित के खतरे को बढ़ाता है। तथा हल्दी लेना इन्फ्लेमेशन से बचाव करता है

बेटर ओरल हेल्थ – better oral health

प्रेगनेंसी में महिलाओ को अक्सर बिल्डिंग गम की शिकायत होती ही हैं। जिसे gingivitis कहते हैं। ये हार्मोन के उतार-चढ़ाव के कारण होता है लगभग 30 से 100% महिलाओं में होता हैं।

खाने में curcumin लेना इन्फ्लेमेशन रोकता है ऐसा भी मुमकिन है आप इसका प्रयोग सिर्फ gingivitis और इन्फ्लेमेशन रोकने में कर सकते हैं।

नॉन प्रेग्नेंट महिलाओं पर हुए शोध में हल्दी से माउथवॉश एंटी प्लैक्यू, anti-inflammatory, एंटी माइक्रोबियल रहता हैं।

हालांकि, गर्भवतियों को हल्दी से माउथवॉश करने से पूर्व सावधानी जरूर रखना चाहिए। हमेशा ऐसे प्रोडक्ट खरीदने से पूर्व देखें उसमें termaric की मात्रा कम रहे। अपने डॉक्टर से भी बात कर सकते हैं।

प्रेगनेंसी में हल्दी के नुकसान – side effects of eating termaric in pregnancy

हालांकि, रिसर्चर्स प्रेगनेंसी में कितना हल्दी लेना चाहिए इसपर तो कोई राय नहीं दिया। लेकिन फ्रेश और सूखी हल्दी गर्भवतीयों को सीमित मात्रा में लेंने को कहा जाता हैं।

गर्भवती को हल्दी की मेडिसिनल अमाउंट लेने से परहेज करना चाहिए, खासकर कैप्सूल या सप्लीमेंट जिसमें हल्दी हो, इसमें curcumin की मात्रा आत्याधिक रहती हैं 

अधिक मात्रा में हल्दी लेने से प्रेगनेंसी हार्मोन ( एस्ट्रोजन ) में असंतुलन हो जाता हैं। जिससे गर्भाशय में कॉन्ट्रक्शन और ब्लीडिंग भी होने लगता है। और यह सब गर्भपात और early pregnancy labor का कारण बन सकता हैं।

हालांकि, गर्भवती महिलाओं पर सीधे शोध तो नहीं हुए, लेकिन प्रेग्नेंट एनिमल में हुए शोध के अनुसार जिन एनिमल्स ने curcumin लिया प्रेगनेंसी में उनका वजन कम था।

प्रेग्नेंसी में curcumin लेना लोअर इंप्लांटेशन और लोअर फेटल वेट का कारण बनता, इससे यह साफ पता चलता कि प्रेगनेंसी में हल्दी हार्मफुल भी हैं।

इसलिए इन सभी चर्चाओं के बाद गर्भवती महिलाओं को हल्दी के सेवन में सावधानी बरतने को कहा जाता है।

हल्दी से प्रेगनेंसी रोकने के उपाय के बदले गर्भपात का सही तरीका – Right abortion method

हालांकि, शुरुआती प्रेगनेंसी में यदि आप गर्भपात करना चाहे तो आपके पास अनेकों ऑप्शन्स मौजूद है आप मेडिकल पिल्स ले सकती, सर्जिकल अबॉर्शन भी करा सकती है

नहीं तो आप घरेलू नुस्खों से भी गर्भपात कर सकती है…

कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स – Pregnancy termination pill

यदि संभोग के दौरान, दुर्भाग्यवश, पुरुष के शुक्राणु महिला की योनि में प्रवेश कर जाते हैं तो प्रेगनेंसी रोकने के लिए आप कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स उपयोग कर सकती हैं।

यह अंडाणु और शुक्राणु को मिलने से रोक देता है जिससे गर्भधारण नहीं होता। लेकिन आपको इसे संभोग के 72 घंटो के भीतर लेना होगा

अबोर्शन पिल्स – medical abortion pill

इसको मेडिकल अबोर्शन के नाम से भी जाना जाता हैं। जहां कुछ दवाइयों के प्रयोग से प्रेगनेंसी खत्म की जाती है मुख्य रूप से इसमें दो पिल्स को लिया जाता है। जो प्रेगनेंसी खत्म कर देती है

  • Mifepristone ( mifeprex )
  • Misoprostal ( cytotec )

जरुर पढें – बच्चा गिराने की टेबलेट नाम और उपयोग

सर्जिकल अबॉर्शन – sergical abortion

यदि आपको गर्भवती हुए 10 माह से अधिक का समय हो गया होगा तो आपको सर्जिकल अबोर्शन करने को ही कहा जाएगा 

  1. Vaccume aspiration abortion
  2. Dilation and evacuation abortion

गर्भपात के घरेलू उपाय – home remedy for abortion

गर्भपात करना एक संवेदनशील मामला है। इसलिए ऐसा कुछ भी कदम उठाने से पूर्व आपको एक बार जरूर सोच लेना चाहिए। 

खासकर जब आप घरेलू उपाय से गर्भपात करने जाए तब आपको सावधानी रखने की जरूरत होती। यदि किसी कारण गर्भपात असफल हुआ तो आपको मेडिकल हेल्प की जरूरत पड़ सकती है।

कच्चा पपीता  

कच्छे पपीते में खासकर पेपन नाम का तत्व अधिक मात्रा मे रहता है, एक्सपर्ट्स के मुताबिक ये गर्भवतियों में संकुचन को बढ़ाते हैं ये शरीर में प्रेगनेंसी हार्मोन के स्त्राव को भी रोक देता जिससे गर्भपात संभव हो जाता है।

एस्प्रिन

गर्भवती होने पर डॉक्टर आपको जो सलाह देंगे उसमे एस्प्रिन से दूर रहना भी एक रहता, क्युकी ये बॉडी टेंप्रेचर बढ़ा देता है जो गर्भपात का कारण भी बनता है। यदि आप गर्भपात कराना चाहती है तो दिन में 3 से 4 एस्प्रिन टेबलेट ले सकती है।

एक्यूपंक्चर

प्राचीन चिकित्सीय में एक्यूपंक्चर का उपयोग शुरू से किया जाता रहा हैं इसमें शरीर के कुछ निश्चित अंगो में दबाव कर शारीरिक क्रियाओं को प्रभावित किया जाता है।

यदि आप गर्भपात कराने की सोच रही हैं तो आपको SP6 और L14 इन दोनों जगहों पर ऊर्जा के प्रवाह को रोकना चाहिए।

संभोग करना

वैसे ये थोड़ा अजीब लग सकता है लेकिन यदि आप गर्भपात करने की सोच रहे होंगे तो अत्याधिक संभोग करना इसमें आपकी मदद कर सकता है। गर्भावस्था में ऑर्गेज्म गर्भपात का कारण बनता है।

Hindiram के कुछ शब्द


हल्दी से प्रेगनेंसी रोकने के उपाय बिल्कुल भी कारगर साबित नहीं होगा। इसके लिए आपको उचित गर्भपात तरीकों को अपनाना चाहिए। जिससे आप बिना किसी परेशानी के हल्दी से प्रेगनेंसी रोकने के उपाय के बदले उपयोग कर सके।

Share on:    

Leave a Comment