पुत्र प्राप्ति के लिए क्या करें – सन्तान प्राप्ति के उपाय, मंत्र, टोटके | putr prapti ke upaye

एक बच्चे का जन्म पूर्णतः प्राकृतिक होता है जिसमें कोई हस्तक्षेप नहीं कर सकता, मगर जिन दंपतियों के यहां केवल लड़की संतान रूप में है उनकी इच्छा पुत्र प्राप्ति के लिए जरूर कामना करती है जो उनका वारिश बने, कुल को आगे बढ़ाए…


समस्या ये है क्या कोई ऐसा तरीका, विधि या उपाय हैं जिससे मनचाही संतान (पुत्र अथवा पुत्री) की प्राप्ति की जा सकें। बात अगर विज्ञान की करें तो विज्ञान के पास इसका भी तोड़ मौजूद है जिससे कोई भी दंपति पुत्र या पुत्री, बेटा या बेटी संतान रुप में प्राप्त कर सकते हैं किन्तु हर कोई इन तरीको का उपयोग नहीं कर सकता

मतलब की यदि आप putr prapti ke upaye संतान प्राप्ति के लिए उपाय मंत्र, टोटके ढूंढ रहे है जिसे अपनाकर पुत्र अथवा पुत्री की प्राप्ति कर सकें, तो लेख को पूरा पढ़े… अगर आपकी भी पुत्र प्राप्ति की कामना है यहां आपको संतान प्राप्ति के वैज्ञानिक तरीको से लेकर, प्राचीन उपायों, पुत्र प्राप्ति के ज्योतिषीय उपाय, मंत्र और सभी टोटको के बारे में समपूर्ण जानकारी मिलेगी…

Table of Contents

पुत्र प्राप्ति के लिए क्या करें – सन्तान प्राप्ति के उपाय, मंत्र, टोटके | putr prapti ke upaye 

पुत्र-प्राप्ति-के-उपाय

“हाउ टू चूज द सेक्स ऑफ योर बेबी” किताब के लेखक डॉक्टर शेटल बताते हैं – “पुरुष शुक्राणु” आकार में छोटे व महिला शुक्राणु से तेज होते हैं

उनका यह भी मानना है “पुरुष शुक्राणु” लंबे समय तक महिला के शरीर में जीवित नहीं रह सकते हैं, इसलिए यदि आप लड़का होने के उपाय ढूंढ रहे हैं तो इन तरीकों का उपयोग करें…

पीरियड्स टू कंसीव बेबी बॉय – Fertile days me putr prapti ke liye upay

डॉक्टर शेटल बताते हैं पुरुष शुक्राणु (यानी Y क्रोमोसोम) महीला शुक्राणुओं (X क्रोमोजोम) की तुलना में बहुत तेज होते हैं जिन्हें पुत्र प्राप्ति की चाहत हैं बेबी बॉय कंसीव करने के लिए इन तरीकों को अपनाए

ओवुलेशन के समय संबंध बनाना, क्युकी पुरुष शुक्राणु महीला शुक्राणुओं से तेज होते हैं इसलिए यदी आप ओव्यूलेशन के नजदीक संबंध 

बनाते हैं तो पुरुष शुक्राणु (यानी Y क्रोमोसोम) तेजी से अंडाणु तक पहुंच कर फर्टिलाइज हो जाते है जिससे आपको पुत्र प्राप्ति होने की संभावना बहुत अधिक बढ़ जाएगी

अगर संबंध ओव्यूलेशन के बहुत पहले ही बना लेंगे तो बहुत कम संभावना है  पुरुष शुक्राणु के फर्टिलाइज हो पाने के

सेक्स पोजीशन से लड़का कैसे होगा | physical relationship se putr prapti ke upay

डॉक्टर शेटल के अनुसार सेक्स पोजीशन लिंग निर्धारण में अहम भूमिका निभा सकते हैं उनके मुताबिक पुरुष का लिंग अगर महिला योनि में गहराई तक जाए, इससे पुरूष शुक्राणुओं के fertilize होने की संभावना बढ़ जाती हैं।

  • डॉगी स्टाइल
  • स्टैंडिंग अप
  • स्ट्रेडलिंग

ये कुछ बेस्ट सेक्स पोजीशन हैं जिनका उपयोग करने से महिला के baby boy कंसीव करने कि संभावना बढ़ जाती हैं।

इन सेक्स पोजीशन से शुक्राणु महिला योनि में गहराई तक जाते हैं और चूंकि पुरूष शुक्राणु तेज होते हैं संभोग के दौरान योनि की गहराई में इजूकुलेट करने से ‘पुरूष शुक्राणु’ ‘महिला शुक्राणुओं’ को पीछे छोड़ जल्दी फर्टिलाइज हो जाते हैं।

फीमेल ऑर्गेज्म टू कंसीव बेबी बॉय –  ladka hone ke upay

संभोग के दौरान महिला यदि पहले चरमोत्कर्ष तक पहुंचती है तो गर्भधारण से पुत्र की प्राप्ति होती है।

इसके पीछे वैज्ञानिक कारण ये बताया जाता है पहले चरमोत्कर्ष तक पहुंचने पर योनि से एक अल्कलाइन पदार्थ का स्त्राव होता है। 

यही अल्कलाइन पदार्थ पुरुष शुक्राणु को तैर कर अंडाणुओं तक पहुंचने में भी मदद करते है इसलिए यदि पुत्र प्राप्ति करना चाहते हैं तो कोशिश करे महिला को पहले चरमोत्कर्ष तक पहुंचाने की

पुत्र प्राप्ति के लिए क्या खाएं | पुत्र प्राप्ति की दवा | foods to eat to get pregnant with a boy

जानना चाहते हैं पुत्र प्राप्ति के लिए कौन सा फूड खाना चाहिए…  

पुत्र प्राप्ति के लिए माता क्या खाए – baby boy diet for mother

एक शोध में पता चला, गर्भवतीयां जो कंसीव करने के दौरान तथा बाद में हाई पोटैशियम और सोडियम डाइट लेती थी उन्होंने बेबी बॉय को जन्म दिया…

केला, साल्मन, एवाकाडो ये foods पोटैशियम और सोडियम जैसे खनिज पदार्थो के बहुत अच्छे शोधक है जो पुरुष शुक्राणुओं को अधिक समय तक जीवित रखने में मदद करता है इसलिए इनका सेवन पुत्र प्राप्ति करा सकता हैं।

पुत्र प्राप्ति के लिए पिता क्या खाए – baby boy diet for father

पुरुषों को फ्रेश फ्रूट, वेजीटेबल तथा ऐसी चीजों का सेवन करना चाहिए जो alkalinity बढ़ाते हो, नट्स का सेवन भी पुरुष शुक्राणुओं के उत्पादन में लाभदायक रहता है

लूस अंडरवियर से पुत्र प्राप्ति के उपाय – loose underwear to conceive baby boy

टाइट अंडरवियर पहनना शुक्राणुओं के उत्पादन को प्रभावित करता हैं टाइट अंडरवियर low sperm count की वजह भी बन सकते है।

इसलिए यदि आप पुरुष हैं और पुत्र प्राप्ति के उपाय ढूंढ रहे हैं तो खासकर टाईट अंडरवियर पहनने से बचें, बॉक्सर शॉर्ट्स अंडरवियर पुरूषों के लिए बेस्ट होते है ये बेबी बॉय कंसीव करने तथा स्पर्म काउंट बढ़ाने में आपकी सहायता कर सकता हैं।

पुत्र प्राप्ति के लिए स्पर्म काउंट – putr prapti ke liye sperm count

संतान प्राप्ति के लिए पुरुष साथी में उचित मात्रा में शुक्राणुओं का होना भी आवशयक रहता है यदि पुरूष low sperm count की समस्या से जूझ रहा है तो यह उनके पुत्र अथवा पुत्री पाने की मनोकामना को प्रभावित कर सकता हैं।

पुत्र प्राप्ति के ज्योतिषी उपाय, मंत्र, टोटके | लड़का होने के उपाय बताएं| putr prapti ke liye upaye

आयुर्वेद के अनुसार गर्भधान ऋतुकाल की आठवीं दसवीं और बारहवीं रात्रि को किया जाना चाहिए, मासिक ऋतु स्त्राव के शुरुआती दिन को प्रथम मानकर छठवीं, आठवीं जैसी सम रात्रियां पुत्र तथा सातवीं, नवी जैसी विषम रात्रियों से पुत्री का जन्म होता हैं।

ध्यान दें, इन रात्रियों के समय शुक्ल पक्ष अर्थात चांदनी वाला पखवाड़ा हो, यानी कृष्ण पक्ष की राते ही हो…

ज्योतिषी उपाय पुत्र प्राप्ति के लिए सही तिथि की गणना

पुत्र प्राप्ति के लिए प्राचीन आयुर्वेद ग्रंथों में दिन-रात, शुक्ल पक्ष, कृष्ण पक्ष और महामारी के 16 दिनो के महत्व को परिष्कृत किया गया है

अगर आपको पुत्र रत्न की प्राप्ति करनी है साथ ही शिशु गुणवान हो तब आपको माहवारी के विभिन्न रात्रियों के महत्व को समझना होगा…

  1. चौथी रात्रि के गर्भ से पैदा पुत्र अल्पायु और दरिद्र होता है
  2. पांचवी रात्रि के गर्भ से जन्मी कन्या भविष्य में सिर्फ लड़का पैदा करती हैं
  3. छठी रात्रि के गर्भ से मध्यम आयु वाला पुत्र जन्म लेता हैं
  4. सातवीं रात्रि के गर्भ से पैदा होने वाली कन्या बांझ होती हैं 
  5. आठवीं रात्रि के गर्भ से पैदा पुत्र ऐश्वर्य शाली होगा
  6. नवी रात्रि के गर्भ से ऐश्वर्य शाली पुत्री पैदा होगी
  7. दसवीं रात्रि के गर्भ से चतुर पुत्र का जन्म होगा
  8. ग्यारहवी रात्रि के गर्भ से चरित्रहीन पुत्री पैदा होगी
  9. बारहवीं रात्रि के गर्भ से पुरुषोत्तम पुत्र जन्म लेता है
  10. तेरहवीं रात्रि के गर्भ से वर्णसंकर पुत्री पैदा होती हैं।
  11. चौदहवीं रात्रि के गर्भ से उत्तम पुत्र का जन्म होता है
  12. पंद्रहवीं रात्रि के गर्भ से सौभाग्यवती पुत्री पैदा होती है
  13. सोलहवीं रात्रि के गर्भ से सर्वगुसंपन्न पुत्र पैदा होता है।

अर्थात 4, 6, 8, 10, 12, 14, 16 जैसी सम रात्रियों को गर्भधारण पुत्र तथा 5, 7, 9, 11, 13, 15 जैसी विषम रात्रियों के गर्भधान से पुत्री का जन्म होता है।

ज्योतिषियों के मुताबिक सूर्य उत्तरायण में रहने से पुत्र तथा दक्षिणायन रहने की स्थिति में पुत्री एवम् मंगलवार, गुरुवार, रविवार पुत्र तथा सोमवार, शुक्रवार कन्या और बुध और शनि नपुंसक संतान का जन्म होता हैं।

संतान प्राप्ति के लिए उपाय | पुत्र प्राप्ति के टोटके | putr prapti ke totke (tantrik vidhiya)

अगर पुत्र प्राप्ति के लिए आप कोई तांत्रिक विद्या या किसी टोटके की तलाश में थे तो चलिए जानते हैं प्राचीन तांत्रिक विद्या से पुत्र प्राप्ति कैसे करें…

नींबू से पुत्र प्राप्ति के उपाय – nibu se putr prapti ka totka

अगर आपको भी बेटा चाहिए अर्थात पुत्र प्राप्ति की इच्छा है… इस टोटके को पूरा करने लिए आपको कुछ चीज़ों की जरूरत पड़ेगी:

सबसे पहले तो आपको एक बिना दाग लगा नीबू ले, अब इस नींबू को अच्छे से निचोड़ रस निकाल लें, थोड़ा सा नमक लेकर नींबू के रस में मिलाए अब इसे लड्डू गोपाल के समक्ष रख देवे

पुत्र प्राप्ति के टोटके के दूसरे चरण को पूरा करने के लिए जिस किसी भी स्त्री को पुत्र की कामना है वह इस नींबू के रस को असुरक्षित यौन संबंध से पहले पिए

शमशान की मिट्टी पुत्र प्राप्ति के उपाय – shamshan ki mitti putr prapti ka totka

इस पुत्र प्राप्ति के टोटके के लिए एक मिट्टी के बर्तन ले, इसमें शुद्ध शहद जो जंगलों से प्राप्त होता है भर ले तथा मंगलवार वाले दिन इस मिट्टी के बर्तन को शमशान की भूमि में गाड़ देना है

ध्यान रखें, आपको शुद्ध शहद ही लेना है जो केवल जंगल के मधुमक्खियों द्वारा बनाए गया हो, बाजार में मिलने वाली डुप्लीकेट शहद का उपयोग बिल्कुल भी ना करें, प्रातः काल स्नान तथा भगवान का स्मरण करने के पश्चात ही पुरुष द्वारा इसे संपन्न किया जाना चाहिए…

लाल गुंजा पुत्र प्राप्ति के उपाय – lal gunja putr prapti ka totka

इस टोटके के लिए आपको लाल गुंजा की जड़ों की आवश्यकता होगी, शुभ मुहूर्त देखकर लाल गुंजा की जड़ों को तांबे के ताबीज में भरकर इसे स्त्री की भुजा अथवा कमर पर बांधे

इसके पश्चात यदि आप प्राप्ति के प्रयास करें तो जरूर पुत्र संतान की प्राप्ति होगी…

ध्यान दें, ताबीज आपको केवल शुभ मुहूर्त में ही महिला की भुजा अथवा कमर पर बांधना है।

मोर पंख से पुत्र प्राप्ति के उपाय – mor pankh se putr prapti ka totka

इसके लिए आपको तीन मोरपंखों की जरूरत पड़ेगी, मोर पंख के बीच में चांद जैसा हिस्सा होता है उतने भाग को काटकर अलग करें…

अब इन कटे हुए मोर पंखों को पिस कर इसमें गुड़ मिलाए और तीन गोलियां बना लें।

प्रातः काल ब्रह्मवेला में लगातार 3 दिन इन गोलियों का सेवन एक ही गाय के दूध के साथ करना हैं, ध्यान रखें, गोली खाने के 4 घंटे बाद तक आपको कुछ नहीं खाना हैं हां 2 घंटे बाद पानी पी सकती है 

पुत्र प्राप्ति के लिए सूर्य मंत्र – putr prapti ke liye sury mantra

पहला सूर्य मंत्र पुत्र प्राप्ति के लिए

पुत्र संतान की चाहत रखने वाली स्त्री को रोज प्रात: काल उठकर, सिर धोकर, खुले बालों के साथ उगते सूर्य को जल अर्पित करना चाहिए तथा सूर्य देव से योग्य एवं बुद्धिमान पुत्र की कामना करनी चाहिए, इसे आपको 16 रविवार करना है

आपकी मनोकामना अवश्य पूरी होगी, लगभग साडे 3 महीने का समय होगा जिसे आपको संडे टू संडे रोज करना है।

दूसरा सूर्य मंत्र पुत्र प्राप्ति के लिए 

पुत्र प्राप्ति की चाहत रखने वाले दंपतियों को व्यस्तता के अनुसार सोना या चांदी से निर्मित सूर्य यंत्र की स्थापना करनी है यंत्र को पूर्व दिशा में रखकर प्रतिदिन उसकी ओर मुखकर बैठे, दीप जलाकर यंत्र और सूर्य देव को प्रणाम करें

“”ओम सूर्याय नमः””

इस मंत्र का आपको 108 बार जाप करना है ध्यान रखें जो दीप आप जलाएंगे उसमें चार बत्तियां तथा बगल वाली से 90 अंश पर जल रहा हो, मंत्र जाप करते तक दीपक जलते रहना चाहिए। इसे 40 दिन तक नियम पूर्वक करना है यकीनन आपको पुत्र प्राप्ति हो जाएगी।

शिवलिंगी के बीज से संतान प्राप्ति – shivlingi ke bij se putr prapti

ऐसा माना जाता हैं अगर कोई महिला 21 दिन लगातार शिवलिंगी के बीजों का सेवन करे तो उसे पुत्र रत्न की प्राप्ति होती हैं

इसके लिए प्रतीदिन पांच शिवलिंगी के बीजों का सेवन करना चाहिए, सुबह के समय, खाली पेट 21 दिनों तक, ऐसा करने वाली महिला को निश्चित ही पुत्र संतान की प्राप्ति होती है

आपको शिवलिंगी बीज को पीसकर पाउडर बना लेना है 108 शिवलिंगी के बीजों को 21 दिनों के हिसाब से कागज की पुड़िया में बांध ले तथा रोज इसे गाय अथवा बकरी के दूध के साथ इसका खाए

वैज्ञानिक तरीको से पुत्र प्राप्ति के उपाय | scientific ways to convince baby boy | putr prapti ke vaigyanik upaye

आईवीएफ (In vitro fertilization) – IVF se Santan prapti ke upaye

इन विट्रो फर्टिलाइजेशन एक प्रजनन टेक्नोलॉजी है जिसमें महिला के अंडाणुओं को बाहर निकाल कर पुरुष के शुक्राणु से फ़र्टिलाइज़ कराया जाता है। जिसके पश्चात पुनः इसे महिला के गर्भ में स्थापित किया जाता हैं।

फर्टिलाइजेशन से पूर्व शुक्राणुओं की समीक्षा की जाती है जहां दंपति जन्म लेने वाले शिशु का लिंग निर्धारित कर सकते है शिशु लड़का होगा या लड़की, हालांकि, ये थोड़ा खर्चीला हो सकता हैं मगर इससे आपको पुत्र रत्न की प्राप्ति हो जाएगी।

जी आई एफ टी – GIFT Santan prapti ke upaye

जीआईएफटी भी एक प्रकार का फर्टिलिटी ट्रीटमेंट है जो IVF के समान होता है मतलब महिला के अंडाशय को स्टिम्युलेट करके अधिक से अधिक अंडाणुओं को एकत्रित किया जाएगा फिर उन्हे पुरूष शुक्राणुओं से फर्टिलाइज कराया जाता है।

आईवीएफ (IVF) से भिन्नता इस प्रकार हैं – यहां अंडाणु और शुक्राणु दोनों को तुरंत ही फैलोपियन ट्यूब (fertilization की जगह) में ट्रांसफर कर दिया जाता है जिससे फर्टिलाइजेशन फैलोपियन ट्यूब के अन्दर नेचुरल एन्वायरनमेंट में होता हैं, जिससे भी आप पुत्र प्राप्ति कर सकते हैं।

जेड आई एफ टी – ZIFT santan prapti ke upaye

ZIFT भी एक फर्टिलिटी ट्रीटमेंट है अधिकतर फैलोपियन ट्यूब ब्लॉकेज में प्रेगनेंसी के लिए उपयोग किया जाता है। इसमें भी आईवीएफ की तरह अंडाणुओं को एकत्रित किया जाता है और शुक्राणुओं से फर्टिलाइज कराया जाता हैं।

तब लेप्रोस्कॉपी (medical procedure) की सहायता से फर्टिलाइजड ऐग को गर्भाशय में स्थापित किया जाता है जिससे भी पुत्र रत्न की प्राप्ति की जा सकती है। इसके अलावा भी PGD और PGS तरीके हैं जिनसे मनचाहे लिंग अर्थात संतान की प्राप्ति की जा सकती हैं।

पुत्र प्राप्ति के लिए व्रत | लड़का होने के लिए कौन सा व्रत रखें | putr prapti ke liye kon sa vrat rakhe

शीतला षष्ठी व्रत पुत्र संतान प्राप्ति के लिए – shitla shashthi vrat

संतान प्राप्ति की कामना कर रहें दंपती शीतला षष्ठी व्रत रख सकते है ये उन्हें पुत्र अथवा पुत्री की प्राप्ति कराने में मदद करेगा, शीतला षष्ठी व्रत, माघ शुक्ल को रखा जाता है।

कहीं-कहीं इसे बासियोरा नाम से भी जाना जाता है। इस दिन प्रात: काल स्नानादि से निवृत्त होकर मां शीतला देवी से पुत्र प्राप्ति की कामना करनी चाहिए, इस दिन बासी भोजन का भोग लगाकर बासी भोजन ग्रहण किया जाता है यह व्रत वैशाख शुक्ल षष्ठी में रखा जाता है भगवान शिव द्वारा इसे पुत्र प्राप्ति का अचूक उपाय बताया गया है।

 

पुत्रदा एकादशी व्रत पुत्र संतान प्राप्ति के लिए – putrda akadashi vrat

श्रावण शुक्ल एकादशी व पौष शुक्ल एकादशी दोनों ही पुत्रदा एकादशी के नाम से जाने जाते है। इस एकादशी को व्रत रखने से पुत्र की प्राप्ति होती है इस कारण इसे पुत्रदा एकादशी कहा जाता है।

Hindiram के कुछ शब्द 

putr prapti ke upaye – यदि आप प्राकृतिक रूप से पुत्र प्राप्ति करना चाहते हैं तो इसके लिए कोई भी तरीका उपलब्ध नहीं है सिवाय आर्टिफिशियल तरीको के, आप चाहे तो प्राचीन समय में उपयोग किए जाने वाले ज्योतिषी उपाय और टोटके का प्रयोग कर सकते हैं।

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