गर्भपात की गोली के बाद पेट में दर्द क्यों होता है? – जानें कारण, बचाव और उपचार तरीके | garbhpat ki goli ke baad pet me dard

वैसे तो गर्भपात के बाद दोबारा स्वस्थ होने में ज्यादा समय नहीं लगता, मगर अलग-अलग महिलाओं में इसकी अवधि अलग हो सकती है गर्भपात के बाद शायद आप मासिक धर्म (mensturation) की तरह दर्द, पेट में ऐठन और रक्त स्त्राव महसूस करें – garbhpat ki goli ke baad pet me dard

गर्भपात गोली के लक्षण खुद ब खुद कुछ दिनों के बाद ठीक होने लगते हैं। हालांकि, इनका असर 2 से 3 सप्ताहों तक भी रह सकता हैं और यह पूरी तरह समान्य और चिंता करने योग्य नहीं हैं

100 में से 3 गर्भवती महिलाएं, जिन्होने 9 सप्ताह गर्भावस्था से पहले गर्भपात कराया होता हैं शारीरिक और मानसिक रूप से खुद को कमजोर महसूस करती हैं, हालांकि, अधिकतर इसे आसानी से मैनेज कर लेती हैं।

सर्जिकल अबॉर्शन सामान्यतः ब्लीडिंग कम देखने को मिलती हैं मगर मेडिकल अबॉर्शन में रक्त स्त्राव नॉरमल पीरियड ब्लीडिंग की तरह ही होगा, मगर इसके साथ ब्लड क्लॉट्स (रक्त के थक्के) जाना महसूस कर सकती हैं, गर्भपात की गोली के बाद पेट में दर्द भी एक समस्या हो सकती हैं

चलिए जानते हैं, गर्भपात की गोली के बाद कौन कौन से लक्षण हानिकारक होते तथा कौन से नहीं होते हैं? क्या इनसे बचने का कोई तरीका है – पेट में दर्द गर्भपात की गोली के बाद

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गर्भपात की गोली के साइड इफेक्ट्स – garbhpat ki goli ke baad pet me dard

 

गर्भपात-की-गोली-के-बाद-पेट-में-दर्द

गर्भपात (abortion) एक मेडिकल तरीका है जिससे प्रेगनेंसी को खत्म किया जाता है भले अबॉर्शन के बाद पेट दर्द, ऐठन, रक्त स्राव होता हो, मगर बहुत सी महिलाएं इसे मैनेज कर लेती है

गर्भपात के बाद महिला क्या महसूस करेगी यह निर्भर करता है… पेट दर्द और ऐठन जैसे डिस्कंफर्ट के अलावा दूसरे साइड इफेक्ट भी होते हैं ये कितना महसूस होगें यह गर्भपात कराए जाने वाले तरीके पर भी निर्भर करता है जैसे – 

मेडिकल अबॉर्शन में – garbhpat ki goli ke baad

मेडिकल अबॉर्शन उस गर्भपात को कहा जाता है जब महिला कुछ मेडिसिन (garbhpat ki goli) का यूज करके प्रेगनेंसी खत्म करें, अधिकांशत: इसमें दो मेडिसिन उपयोग किया जाते हैं तथा डॉक्टर इसे 10 सप्ताह के पहले कराए जाने की सलाह देते हैं

वैसे, abortion tablet, गर्भपात के लिए पूरी तरह सुरक्षित और इफेक्टिव रहते हैं मगर कई बार ये भी कार्य नहीं कर पाते, जिसकी वजह से गर्भपात अधूरा (अपूर्ण) रह जाता है 

जरूर पढ़े: अपूर्ण गर्भपात के लक्षण और उपचार

garbhpat ki goli की पहली डोज – माइफप्रिस्टोन लेना, शरीर में प्रेगनेंसी हार्मोन के स्त्राव को रोक देता है जिससे प्रेगनेंसी आगे नहीं बढ़ पाती तथा दूसरी डोज – मिसोप्रोस्टल लेना, UTRINE CONTRACTION का कारण बनता है जिससे प्रेगनेंसी टिशू बाहर निकलने लगते हैं

अधिकाश महिलाएं, इसी UTRINE CONTRACTION की वजह से हल्का दर्द – गर्भपात की गोली के बाद पेट में दर्द महसूस करती हैं जो पूरी तरह सामान्य है

हालंकि, यदि गर्भपात की गोली के बाद पेट में दर्द गर्भपात अधूरा होने से हो रहा हैं तब महिला को गर्भपात की प्रक्रिया दोहराने अथवा अबॉर्शन से बचे प्रेगनेंसी अवशेषों को बाहर निकालने की जरूरत पड़ती है।

वेक्यूम एस्पिरेशन में – vaccume aspiration

वेक्यूम एस्पिरेशन एक तरह का सर्जिकल अबॉर्शन है जिसमें सर्जरी द्वारा गर्भाशय में मौजूद प्रेगनेंसी के अवशेषों को बाहर निकाला जाता है।

सर्जरी से पहले डॉक्टर महिला को जनरल एनेस्थेटिक दे देते है क्योंकि इससे पेन रिलीफ मेडिकेशन का उपयोग किया जाता है इसलिए vaccume aspiration में दर्द नहीं होता, हालांकि, सर्जरी के दौरान महिला कुछ सेंसेशन महसूस कर सकती हैं।

vaccume aspiration से गर्भपात के बाद महिला 1 से 2 दिन पेट मे दर्द और ऐठन utrine contraction के कारण महसूस कर सकती है कुछ केसो में हल्की ब्लीडिंग और स्पॉटिंग 2 सप्ताहो तक हो सकता हैं।

डाइलेशन एंड इवेक्युएशन – dilation and evacuation

यह भी एक तरह का सर्जिकल अबॉर्शन है जिसे 13 सप्ताह से अधिक की गर्भवतीयां कराती हैं।

इसमें जनरल एनेस्थेटिक उपयोग शामिल है मतलब प्रोसीजर के दौरान महिला बेहोश रहती है जिससे किसी प्रकार का दर्द नहीं होता, 

डाइलेशन एंड इवेक्युएशन प्रोसीजर के बाद महिला 1 से 2 दिन पेट में दर्द और ऐठन महसूस करती हैं ब्लीडिंग और स्पॉटिंग भी दो सप्ताहों तक हो सकती है।

गर्भपात गोली के अन्य साइड इफेक्ट – garbhpat ki goli ke other Side effects

  • उल्टी
  • मतली
  • डायरिया
  • बुखार
  • ठंडी
  • चक्कर
  • सिर दर्द

गर्भपात के बाद पेट दर्द तथा अन्य साइड इफेक्ट्स दूर करने के उपाय – how to ease abortion side effects

गर्भपात के बाद दर्द और अन्य साइड इफेक्ट कम करने के लिए महिला –

  • OTC पेन रिलीफ मेडिकेशन जैसे ibuprofen ले सकती है
  • हॉट वाटर बॉटल या गर्म सेकाई – दर्द और ऐठन में आराम दिलाता है
  • गर्म स्नान करना भी दर्द और ऐठन कम करता है

OTC पेन रिलीफ मेडिकेशन कार्य नहीं करने पर डॉक्टर स्ट्रांगर मेडिसिन लेने की सलाह देते है

गर्भपात के बाद केयर टिप्स – garbhpat ki goli ke baad care tips

गर्भपात के बाद खुद की केयर करना एक महिला के लिए बहुत जरूरी होता है क्युकी वो शारीरिक और मानसिक दोनों रूपों से कमजोर हो जाती हैं

दर्द और ऐठन – pain and cramps

गर्भपात की गोली के बाद पेट में दर्द और ऐठन समान्य और जरूरी भी होता है क्युकी इसी की वजह से गर्भाशय (uterus) अपने नॉनप्रेगनेंट साइज मतलब अपनी समान्य अवस्था में आता है

  • दर्द और ऐठन अचानक भी हो सकता है जैसे मासिक धर्म के शुरुआती दिनों की तरह
  • ऐठन का होना, ब्लीडिंग और स्पॉटिंग के साथ बढ़ता है खासकर तीसरे से पांचवें दिनों में
  • ibuprofen, गर्म सेंकाई, आराम करना ऐठन दूर करेगा

इन तरीकों से भी पेट की ऐठन और दर्द ठीक कर सकते है…

  • 800mg ibuprofen खाने अथवा दूध के साथ हर 6 से 8 घंटों में लें
  • हल्के हांथो से डीप यूट्राइन मसाज – पेट को नीचे की ओर दबाना, उंगलियों द्वारा, सर्कुलर मोशन में नाभि से प्यूबिक बोन तक (10 मिनट तक)
  • गर्म पेय पदार्थों का सेवन करें – गर्म पानी
  • हीटिंग पैड या हॉट-वॉटर बॉटल एब्डोमिनल में उपयोग करें

ब्लीडिंग – bleading

कुछ महिलाएं abortion tablet लेने के बाद कोई bleading (रक्तस्राव) महसूस नहीं करती, वहीं कुछ ऐसी भी महिलाए होती है जिन्हे 2 से 6 सप्ताह तक ब्लीडिंग हो सकती है।

  • ब्लीडिंग धब्बों के जैसे, भूरे रंग का, रक्त के साथ
  • अधिकांशतः शुरुआत में ब्लीडिंग नहीं होती, मगर जैसे हार्मोन बदलाव होते, बिल्डिंग भी हैवी पीरियड्स जैसे होने लगते
  • जब ब्लीडिंग हैवी होने लगे – 1 घंटे के अंतराल में 1-2 पैड्स भीग जाए, तब डीप यूट्राइन मसाज करें (10 मिनट तक)
  • दर्द और ऐठन के लिए ibuprofen अथवा गर्म सेंकाई का सहारा लें सकते है
  • कम से कम हरकत में आए
  • रक्त स्राव 4 – 5 घंटों से अधिक होने पर विशेषज्ञ की सलाह ले

डिस्चार्ज होना – Discharge

  • बिना खून के, भूरे या काले रंग का
  • म्यूकस के समान

अगर डिस्चार्ज खुजली, दर्द भरा और दुर्गंध के साथ हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें, क्युकी ये किसी गंभीर समस्या का संकेत है।

गर्भपात गोली के हानिकारक लक्षण – garbhpat ki goli ke hanikark lakshan

garbhpat ki goli खाने के बाद यदि आप इनमें से कोई भी symptoms (लक्षण) महसूस करें तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क (सलाह) लें…

लंबे समय तक भारी रक्त स्राव

  • दो या इससे अधिक पैड्स 1 से 2 घंटे के अंतराल में भीग जाए
  • ब्लड क्लॉट्स जाना, नींबू जैसे आकार में

तेज दर्द और ऐठन 

  • तेज दर्द और ऐठन जो दवाइयों से ठीक ना हो

तापमान में अचानक बदलाव

  • ठंडी या बुखार 
  • प्रोसीजर के बाद तापमान में वृद्धि

अन्य साइड इफेक्ट्स

  • उल्टी, मतली, डायरिया जो 24 घंटे से अधिक रहे
  • बेहोशी या बार बार चक्कर लगना
  • दुर्गंध के साथ योनि स्त्राव
  • मानसिक तनाव 
  • गर्भवती महसूस करना

कुछ जरूरी दवाइयां – some helpful medications

नीचे कुछ एंटीबायोटिक मेडिसिन्स दिए गए हैं जिनका प्रयोग किसी भी प्रकार के इंफेक्शन से बचाव में किया जाता हैं मगर आप इन्हे डॉक्टर के निर्देशानुसार ही ले

  • Doxycycline
  • Azithromycin
  • Flagyl

नीचे दिए गए मेडिसीन्स का प्रयोग गर्भाशय में संकुचन (utrine contraction) लाने के लिए किया जाता हैं इससे गर्भाशय अपनी समान्य अवस्था (नॉन प्रेगनेंट साइज) में जल्दी आता हैं। एक tablet हर 8 घंटे में ले

  • Methergine
  • Ergotamine

गर्भपात की गोली के बाद पेट में दर्द और ऐठन दूर करने के लिए नीचे दी गई मेडिकेशन को यूज कर सकते है। एक टेबलेट खाने के बाद या दूध के साथ हर 6 से 8 घंटे में ले

  • Ibuprofen
  • Norco

गर्भपात के बाद इंफेक्शन से बचाव – Infection treatment after abortion

गर्भाशय अथवा फेलोपियन ट्यूब में इन्फेक्शन होना बहुत बार गर्भपात के साथ आ जाता हैं इंफेक्शन के लक्षण – 

  • बुखार 101 डिग्री फारेनहाइट से ज्यादा
  • पेट दर्द जो ऐठन से अलग हो
  • दुर्गंध के साथ डिस्चार्ज

क्या करना चाहिए

  • तापमान में वृद्धि दिखे, दिन में दो बार इसकी जांच करें, 12 घंटों से अधिक 101°F रहने पर डॉक्टर से संपर्क करें
  • डॉक्टर द्वारा प्रिसक्राइबड एंटीबायोटिक ले
  • संभोग क्रिया से दूर रहें
  • टेम्पॉन यूज ना करें

Menstural cycle, Pregnancy & Birth control

गर्भपात के तुरंत बाद महिला का शरीर खुद को अगले मासिक चक्र के लिए तैयार करने लगता है मतलब की इसी समय यदि महिला असुरक्षित यौन संबंध बनाती है तब वह पुनः गर्भधारण कर सकती हैं।

  • गर्भपात के बाद पीरियड (मासिक धर्म) 4 से 6 सप्ताह बाद होगा

आराम करें – Rest and recovery

खुद को Rest देकर अधिकतर साइड इफेक्टस को मैनेज किया जा सकता है इसलिए गर्भपात के बाद 2 से 3 दिन आराम करें, जिससे शरीर पूरी तरह समान्य अवस्था में आ जाए – 

  • चाहे आप जैसा भी महसूस करें, भारी कसरत करने से बचें 
  • अधिक हरकत में रहना ब्लीडिंग और ऐठन बढ़ा सकता है
  • ब्रेस्ट टेंडर्नेस और सूजन 2 सप्ताहो तक रह सकता है
  • ब्रेस्ट स्टिमुलेशन ना करें
  • बेड से उठने पर रक्त के थक्के जाना समान्य हैं


Here’s a quick recap…

  • दर्द और किसी प्रकार कि डिस्कंफर्ट को दूर करने के लिए ibuprofen ले
  • सैनिटरी टॉवेल और पैड्स इस्तेमाल करें, ब्लीडिंग रूकने तक

इन लक्षणों के दिखने पर तुरन्त मेडिकल हेल्प ले… 

  • तेज दर्द, जिसे OTC पेन किलर से भी नियंत्रित ना किया जा सके
  • भारी रक्त स्त्राव,1 से 2 घंटे के अंतराल में 2 या इससे अधिक पैड्स भीगना
  • पेट की ऐठन और दर्द जो मेडिकेशन, रेस्ट और गर्म सेकाई जैसे तरीकों से भी ठीक ना हो
  • तापमान में बढ़ोतरी, 38 डिग्री सेल्सियस या इससे अधिक
  • योनि से बेरंगा, दुर्गंधहिन स्त्राव होना
  • अभी भी गर्भवती महसूस होना 
  • गर्भपात की दूसरी डोज के 24 घंटे बाद भी ब्लीडिंग ना होना 

अगला मासिक चक्र – next periods cycle

गर्भपात abortion treatment के बाद महिला का पीरियड्स – अगला मासिक चक्र 4 से 6 सप्ताह होगा। यदि 4 सप्ताह बाद भी पीरियड शुरू ना होए तो डॉक्टर से संपर्क करें

डेली रूटीन में आना – normal routine 

अधिकतर महिलाएं 1 से 2 दिनों में ही स्वस्थ होकर अपनी डेली रूटीन में आ जाया करती हैं लेकिन सभी महिलाएं अलग होती हैं

कार्य – work

अभी आपको आराम करने कि ज्यादा जरूरत है जब तक, आप, खुद यह महसूस ना करने लगें कि आप फिर से अपनी डेली रूटीन में आ सकती हैं इसलिए 1 से 2 दिन आराम करें

सफर – traveling

बेहतर यही होगा, गर्भपात के 24 घंटे बाद तक सफर ना करें, यदि आप करते हैं तो इस बात का ख्याल रखें एमरजैंसी सर्विस का कैसे इस्तेमाल करना है आपको पता होना चाहिए। यह तब जब आप किसी प्रकार की कॉम्प्लिकेशन में फंस जाए

सेक्स – sambhog

जब आप पूरी तरह स्वस्थ हो जाए तब संभोग कर सकते हैं लेकिन ध्यान रखें, गर्भपात के कुछ दिनों बाद ही महिला फिर से गर्भवती हो सकती है अतः गर्भनिरोधक तरीको का प्रयोग करें

Hindiram के कुछ शब्द

गर्भपात की गोली के बाद पेट में दर्द – garbhpat ki goli खाने के बाद दर्द और ऐठन होने की एक वजह गर्भाशय में संकुचन (utrine contraction) है, यह जरूरी भी है क्युकी इसी से महिला का शरीर समान्य अवस्था में आता हैं। garbhpat ki goli ke baad pet me dard होने के अन्य कारण भी हो सकते हैं

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