गर्भावस्था 31वां सप्ताह – शिशु विकास, गर्भावस्था लक्षण और प्रेगनेंसी केयर टिप्स | 31 week pregnant in hindi

अब आप 31 सप्ताह की गर्भवती हो चुकी है। इक्कतीस सप्ताह शिशु में प्रिटर्म अवस्था का आखिरी सप्ताह होता है। इस सप्ताह शीशु का दिमाग पहले के मुकाबले काफी विकसित और एक्टिव हो गया होता है। लेकिन जैसे जैसे समय बढ़ते जा रहा है शिशु जन्म लेने के नजदीक आने लगा है।

लेकिन इस सप्ताह सिर्फ शिशु में ही परिवर्तन नहीं आया, बल्कि गर्भवति में भी अनेकों बदलाव हों रहें होते है। क्या आप जानती है 31 सप्ताह तक शिशु के पांचों सेंसज पूरी तरह डिवेलप हो चुके होते हैं। शिशु स्मार्ट भी बन गया होता है।

शायद आप खुद को बहुत भुलक्कड़ किस्म की समझने लगी होंगी। यह सिर्फ आपके साथ ही नहीं है बल्कि गर्भावस्था के इस दौर में बहुत सी गर्भवतियां ये सब महसूस करती है। तीसरी तिमाही में कुछ लोग इसे “प्रेगनेंसी ब्रेन” नाम देते हैं।

शिशु अब बहुत कुछ वैसे ही दिखने लगा होता है जैसे वह जन्म के बाद दिखता है। बालों जैसा कवच जो शिशु के शरीर को ढंके हुए था वह भी गायब होने लगा है। शिशु अभी लगातार अपना वजन बढ़ा रहा होता हैं।

31 week of pregnancy मतलब – 7 माह गर्भावस्था

3rd trimester मतलब – गर्भावस्था तीसरी तिमाही

9 week’s to go मतलब – 9 सप्ताह बचें

Table of Contents

इक्कतीस सप्ताह गर्भावस्था – शिशु का विकास, प्रेगनेंसी सिंप्टम्स और देखभाल से जुड़ी जरूरी बाते | 31 week pregnant in hindi

31-week-pregnancy-in-hindi

Here’s quick summary

  • शिशु की दिमागी तंत्रिकाओं (न्यूरॉन्स) के बीच तेजी से संपर्क स्थापित होने लगा हैं जिसकी वजह से शिशु बहुत सी चीजों में माहिर हो गया है
  • शिशु की नींद अब बहुत पक्की हों गई हैं अब तो वह नींद की उस अवस्था में पहुंच सकता हैं जहां एक सामान्य व्यक्ति सपने देखता हैं।
  • शिशु सभी सेंसेज पूरी तरह विकसित हो गए हैं जो इंफॉर्मेशन भी प्रोसेस करने लगे है।
  • लेकिन इस सप्ताह सिर्फ शिशु में ही परिवर्तन नहीं आ रहा, बल्कि गर्भवति महिला में भी अनेकों बदलाव आ रहें होते है

इक्कतीस सप्ताह गर्भावस्था में शिशु का विकास | Baby development by week 31 in hindi

शिशु का आकार 31 सप्ताह गर्भावस्था – baby size 

31 सप्ताह गर्भवती होने पर आपका शिशु एक बड़े नारियल के जितना बड़ा हो गया होता है। शिशु वजन में 3 पाउंड से अधिक का हो गया है तथा उसकी लम्बाई लगभग 16 इंच तक बढ़ गई होती हैं। आपका शिशु अब अपने birth length में पहुंचने ही वाला है 

शिशु अब इतना बड़ा हो गया है कि उसकी वजह से फेफड़ो के लिए कम जगह होने से वे सिकुड़ने लगते है जिस वजह से छोटी छोटी सांसों जैसी समस्या आ रही होती हैं। हालांकि, जन्म से पहले तक शिशु को 3 से 5 पाउंड वजन और गेन करना होता हैं।

शिशु की निन्द – sleeping baby

शिशु आजकल बहुत लम्बी लम्बी नींद सोने लगा है। शायद इसलिए आप उसकी हरकतों जैसे – जगने और रेस्ट करने में एक पैटर्न देख सकती होंगी।

शिशु के पांचों सेंसेस डेवलप हो रहें हैं – baby’s 5 senses are developing

शिशु का दिमाग अब पहले से बहुत ज्यादा विकसित हैं। उसके पांचों senses भी काफी तेजी से विकसित हो रहें है लाखों की संख्या में तंत्रिकाओं के बीच का संपर्क स्थापित होने लगा है। जों अब informations को भी प्रोसेस करने लगे है।

हालांकि, शिशु के सूघने की क्षमता अभी उतनी विकसित नहीं हुई हैं लेकिन शिशु अलग-अलग खाद्य पदार्थों को अमिनियोटिक फ्लूइड में अंतर कर सकता हैं।

शिशु की हरकतें – baby movements

आपने कभी न कभी ये जरुर सोचा होगा, आखिर शिशु दिन भर क्या करता है?? जब आप शिशु के आने की खुशी में घर को सजा रहीं होती हैं शिशु अंगूठा चूसना, चेहरे बनाना, हिचकियां लेना, गटकना, स्वांस लेना जैसे हरकतों की प्रैक्टिस कर रहा होता हैं। कुछ बच्चे तो अंगूठे को इतना चूसने लगते है कि जन्म के बाद इसका निशान आप आसानी से देख सकती हैं।

गर्भ के बाहर जीवन

31 सप्ताह में शिशु प्रीटर्म अवस्था के आखिरी सप्ताह में होता है। तथा हर बीतते सप्ताह के साथ शिशु के गर्भ के बाहर सर्वाइव और किसी तरह के प्रेमैच्योर डिसेबिलिटी की संभावना भी बेहतर होते जाती है। हालांकि, शिशु जो इस सप्ताह जन्म लेंगे उन्हे एनआईसीयू (NICU) की स्पेशल केयर की जरूरत है। इक्कतीस सप्ताह में जन्में बच्चें 99% गर्भ के बाहर सर्वाइव कर जाते हैं

इक्कतीस सप्ताह में गर्भवती का शरीर | Your body at 31 week pregnant in hindi

छोटी छोटी सांसों का आना – shortness of breath

गर्भावस्था के दौरान छोटी छोटी सांसों का आना एक सामान्य रुप से होता ही हैं। जब शिशु आकार में बड़ा होने लगता हैं जिसकी वजह से फेफड़ों पर प्रेशर पड़ने से ये सिकुड़ने लगते हैं। यहीं अपके छोटी छोटी सांसों का कारण बनता है

31 सप्ताह गर्भवती का पेट नाभि से 4 इंच ऊपर आ गया होता हैं। मतलब बढ़ता हुआ गर्भाशय आंतरिक अंगों को बाहर कि ओर ढ़केलने का प्रयास करता हैं जिससे डायफ्रॉम, फेफड़ों को फैलने के लिए बहुत कम जगह मिलती है।

इसका मतलब ये भी है शरीर के खाली हिस्सों में अभी हवा भरी है जो प्रेगनेंसी के अंत में खाली होंगें। हालंकि, छोटी छोटी सांसे असुविधाजनक हो सकते हैं मगर स्वांस फूलने की समस्या से आपको डिलिवरी के बाद ही राहत मिल पाएगा।

अभी अपने पोस्चर पर ध्यान दें, कम व निश्चित अन्तराल में भोजन करें। सोते समय दाई ओर सोना (left side) फेफड़ों तक हवा पहचाने में मददगार साबित होगा।

प्रेगनेंसी में संभोग – 31 week pregnancy me sambhog karna

यदि आप प्रेगनेंसी में संभोग करने की सोच रहें हैं मगर घबराते है कि इससे शिशु को कोई नुकसान ना हो तो चिंतित ना हो। सेक्स (संभोग करना), ऑर्गेज्म्स शिशु को कोई नुकसान नहीं पहुंचता है। हालांकि, अगर आपकी प्रेगनेंसी में कोई कॉम्प्लिकेशन है तो ऐसा कुछ भी करने से पहले डॉक्टर से परामर्श कर लें

गर्भावस्था में संभोग करना शिशुओं पर विचित्र प्रभाव डालते हैं कुछ बच्चे इस समय काफी शांत रहते हैं तो वहीं कुछ बच्चे संभोग के दौरान उछल कूद मचाने लगते है।

वैसे दोनों ही प्रतिक्रियाए सामान्य है यहां शिशु को तो भनक भी नहीं होता आखिर हो क्या रहा है! इसलिए आप बेझिझक संभोग का आंनद ले सकती हैं।

इक्कतीस सप्ताह गर्भावस्था के लक्षण | 31 week symptoms of pregnancy in hindi

बार बार पेशाब की समस्या – frequent urination

गर्भाशय का बढ़ना शरीर के आंतरिक अंग जैसे ब्लैडर पर प्रेशर डालने लगता हैं खासकर तीसरी तिमाही में यह अधिक प्रभावी होता हैं। जिसके कारण ब्लैडर अधिक समय यूरिन स्टोर नहीं रख पाता हैं। यहीं बार बार पेशाब की इस समस्या का कारण बनता है

इससे राहत पाने के लिए आप ऐसा कर सकते हैं जब आप पेशाब करने जाएं तो कोशिश करें एक ही बार में पूरा खाली करें

पीठ दर्द – backache

यह भी आपके तेजी से बढ़ते पेट और मुड़े हुए पीठ के कारण है आपको पैरेंटल योगा या एक्सरसाइज अपने डेली रूटीन में लाने की जरूरत है।

क्लम्सिनेस – Clumsiness

बदलता हुआ पोस्चर और बढ़ती हुई चौड़ाई आपको थोड़ा भद्दा दिखा सकती हैं प्रेगनेंसी के इस समय आपको उन चीजों से संभल कर रहने की जरूरत है जिनसे फिसलने का खतरा हों 

प्रेगनेंसी ब्रेन – pregnancy brain

प्रेगनेंसी में दिमागी तंत्रिकाएं अक्सर समान्य की तुलना में कमजोर पड़ने लगती हैं खासकर तीसरी तिमाही में, चिंता ना करें डिलीवरी के कुछ महीनों बाद यह सब नॉर्मल हो जाएगा। यदि आप भूलने की समस्या से परेशान है तो चीजों को लिखकर याद रखें

नींद आना – sleep problems

यह भी तीसरी तिमाही का ही एक नया pregnancy symptom है जो दूसरे लक्षणों के चलते आया होता है पैरों में सूजन, बार बार पेशाब की समस्या, हार्मोनल बदलाव, तनाव आदि इसके कारक होते हैं। आप अपने दोस्तो से बाते करें

सिर दर्द – Headache

अगर तनाव सिर में गांठों के समान बंध गया है तो कुछ समय के लिए अंधेरे कमरे में आराम करना, समय बिताना आपकी बहुत सहायता कर सकता हैं। आराम करते वक्त पैरों को ऊपर उठाकर रखना भी आपके लिए लाभदायक होगा।

 

इक्कतीस सप्ताह गर्भावस्था में पेट निकलना | Pregnant belly at 31 week in hindi

इक्कतीस सप्ताह के दौर आपका शिशु उन चीज़ों की प्रैक्टिस कर रहा होता है जो उसे जन्म के बाद जरूरत पड़ने वाली होती है जैसे – पलके झपकाना, स्वांस लेना अब तो आपका शरीर भी उस अंतिम समय के लिए तैयार होने लगा हैं नकली संकुचन के द्वारा (ब्रैक्सटन हिक्स कॉन्ट्रेक्शन)

इक्कतीस सप्ताह गर्भवती होते तक आप लगभग 21 से 27 पाउंड तक वजन गेन कर चुकी होती है। जुड़वा बच्चों से गर्भवती होने पर 27 से 42 पाउंड, अब तो शीशु भी अपने बर्थ पोजीशन (हेड डाउन पोजीशन) में आने लगा है यानी जल्द ही आप शिशु से मिलने वाली हैं।

इक्कतीस सप्ताह गर्भावस्था में अल्ट्रासाउंड | Ultrasound in 31 week of pregnancy in hindi

31 सप्ताह में शिशु मुख्य रूप से मस्तिष्क तंत्रिकाओं के विकास से गुजर रहा होता है शिशु की आंखें भी विकसित हो गई, यहां वह अपनी पलकों को भी झपका रहा होता हैं। आंखो के अन्दर मौजूद आईरिश भी प्रकाश किरणों के प्रति प्रतिक्रिया देने लगा होता हैं अब आपके शिशु के पांचों सेंसेज भी कार्य करने लगें होते हैं।

महिलाएं जिनकी प्रेगनेंसी में कोई कॉम्प्लिकेशन नहीं आया हैं जैसे – गेसस्टेशनल डायबिटीज या जो जुड़वा बच्चों से गर्भवती हैं उन्हें 31 सप्ताह में अल्ट्रासाउंड टेस्ट कराने की जरुरत पड़ सकती हैं। लेकिन यदि आप सेफ प्रेगनेंसी में है तो आपको इसकी जरूरत नहीं होगी

यदी आप जानने को बेताब है आखिरी 31 सप्ताह गर्भ में शिशु कैसा दिख रहा होता है?? वैसे, कुछ माता पिता इसके लिए 3D या 4D अल्ट्रासाउंड कराते हैं लगभग 24 से 32 सप्ताह के बीच में

3D या 4D अल्ट्रासाउंड में आप शिशु के फेस को आसानी से देख सकती हैं वैसे तो इमेज 3D डायमेंशन के ही होते हैं यहां चौथा डाइमेंशन टाइम होता है। आप 31 सप्ताह के 3D इमेज में शिशु को हरकत कर दे देख सकती हैं मतलब आप शिशु को पलकें झपकाते, अंगूठा चूसते या स्माइल करते भी देख सकती हैं।

गर्भावस्था में याद रखने वाली चीजें – 31 week pregnant checklist

  • प्रीटर्म लेबर के बारे में जाने
  • नकली संकुचन और असल प्रसव में अंतर समझे
  • सुरक्षित फिजिकल एक्टिविटी में खुद को शामिल करें
  • कॉलेस्ट्रम लिक होने (स्तनों से होने वाले रिसाव के बारे में जानें)
  • अपने सिंप्टम्स के बारे में डॉक्टर से चर्चा करें

गर्भावस्था इक्कतीस सप्ताह केयर टिप्स | Self care tips 31 week pregnant in hindi

अधिक से अधिक पानी पीए – keep hydrated

गर्भावस्था में शारीरिक तापमान में असंतुलन आना या तापमान बढ़ जाना सामान्य है खासकर जैसे जैसे गर्भावस्था बढ़ती हैं लेकिन पानी पीना शरीर के तापमान को नियंत्रित रखने में अहम भूमिका निभाता हैं इससे गर्मी पसीने के रूप में बाहर निकल जाता हैं।

शरीर में पानी की कमी न होने देना, प्रेगनेंसी की थकान और होने वाले सिर दर्द में राहत पहुंचाता है। क्युकी इनके होने का एक कारण डिहाइड्रेशन (शरीर में पानी की कमी ही हैं) 

ये आपकी त्वचा को भी हेल्दी रखता है और किसी तरह के इरिटेशन और खुजली को दूर करता है। लगातार फ्लूइड लेते रहना त्वचा को भी हाइड्रेटेड रखता है।

चेहरे की सूजन – facial swelling

चेहरे पर यदि आप अचानक से सूजन महसूस करें तो ये सिर्फ प्रेगनेंसी वेट नहीं है, मगर इसके साथ देखने की क्षमता में भी बदलाव आए – सिर दर्द, सूजन तो ये प्रिकलेप्सिया का संकेत है ये एक तरह की प्रेगनेंसी डिसऑर्डर है जो अधिकतर 20 सप्ताह गर्भावस्था के बाद डिवेलप होता हैं।

तकिए का सहारा ले – best supporting pillow

रात में सोते समय आपको तकिए (प्रेगनेंसी पिल्लों) का सहारा लेना चाहिए, लेकिन bumper का उपयोग करने से बचें क्युकी ये शिशु के लिए हानिकारक हो सकता हैं।

हॉस्पिटल के लिए तैयार रहें – hospital ke liye taiyaar rahe

क्योंकि डिलीवरी डेट नजदीक है इसलिए आपको हॉस्पिटल जाने की तैयारी पहले से करके रखनी चाहिए, बेहद जरूरी चीजों को ही साथ रखें।

चिंता करने की जरूरत नहीं, उन चीजों को साथ रखने से बचें जो आपके पसंदीदा हो क्युकी उनके खराब या गुम जाने की संभावना है।

नसों का फूलना – varicose veins

नसों का फूल जाना जरूर आपको बिल्कुल भी पसंद नहीं आते होगें, हालंकि, ये फूली हुई रक्त वाहिनियां बिना दर्द के साथ आती हैं तथा नुकसानदायक भी नहीं होती।

रक्त स्तर में वृद्धि होना इनके होने की मुख्य वजह होती हैं। बढ़ता हुआ गर्भाशय पेल्विस एरिया में नसों (रक्त वाहिनियां) पर प्रेशर डालने लगा होता हैं जिसके कारण अतिरिक्त ब्लड पैरों में आ जाता है। प्रेगनेंसी हार्मोन भी ब्लड वेसल्स को रिलैक्स करके इसमें कुछ मदद कर देते हैं।

इन सभी से आराम पाने के लिए – रोजाना एक्सरसाइज करें, ज्यादा देर खड़े या बैठे ना रहें, कोशिश करें ज्यादा वेट गेन नहीं करने की, पैरों को ऊपर उठाकर आराम करें, दाई ओर मुंह करके सोए

इक्कतीस सप्ताह के लिए प्रेगनेंसी डाइट

यदि आप वेजीटेरियन है तो आपको जरूरी पोषक तत्व जैसे प्रोटीन, विटामिन बी12, कैल्शियम, विटामिन डी, डीएचए, आयरन और फोलेट की उचित मात्रा लेना आवश्यक हैं 

  • प्रोटीन युक्त भोजन खाए – जैसे नाइट्स, मूंगफली, दाल
  • यदि आप दूध नहीं पीना चाहती, तो आप दही का सेवन करें 
  • हरी सब्जियां खाये, रेशेदार फल और सब्जियां जरूर सेवन करे

FAQ. प्रेगनेंसी में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों के उत्तर

क्या प्रेगनेंसी में सेक्स कर सकते हैं?

जी हां…, प्रेगनेंसी में संभोग करना पूरी तरह सुरक्षित हैं व इससे शिशु को कोई नुक्सान नहीं होता है, बल्कि शिशु को इन सबका कुछ पता ही नहीं होता 

प्रेगनेंसी में कौन सी गलतियां ना करें?

प्रेगनेंसी में नशीले पदार्थों के सेवन से दूर रहें, ऐसे कार्यों को न करें जिसमें अत्याधिक शारीरिक कसरत की जरूरत हो

प्रेगनेंसी में क्या करना चाहिए?

एक प्रेगनेंसी बहुत से उतार चढ़ावो से भरा होता है इसलिए आपको एक हेल्दी लाइफ स्टाइल अपनाने की जरूरत है, अपने पार्टनर, परिवारजनों और दोस्तों के साथ समय व्यतीत करें

Hindiram के कुछ शब्द

31 week of pregnancy in hindi : प्रेगनेंसी का ये सप्ताह गर्भवती और शिशु दोनों के लिए अनेकों बदलाव लेकर आता है लेकिन अभी सबसे जरूरी होगा आप खुद का और शिशु का ख्याल रखें, हेल्दी डाइट ले, और अधिक से अधिक पानी पिए, यदि आपको किसी प्रकार की शंशा हैं तो अपने निरीक्षक से परामर्श कर सकते हैं

Share on:    

Leave a Comment