गर्भावस्था पहला सप्ताह – शिशु विकास, गर्भावस्था लक्षण और प्रेगनेंसी केयर टिप्स | 1 week pregnant in hindi

अगर आप एक बच्चे की प्लानिंग कर रहीं थीं या शायद कंसीव भी कर चुकी हो, तो प्रेगनेंसी के इस रोमांचक सफर में आपका स्वागत है गर्भावस्था का पहला सप्ताह ये उतना ही खास (महत्वपूर्ण) होता हैं जितना कि आने वाले सप्ताह जहां शिशु एक डिंब और शुक्राणु मात्र से पूर्णतः शिशु में विकसित होगा

फिलहाल, अभी तो 1 week of pregnancy में आप प्रेगनेंसी का कोई भी लक्षण देखेंगी, क्युकी गर्भावस्था लक्षण 1 सप्ताह यानी गर्भावस्था का पहला सप्ताह तो आपके गर्भवती (pregnant) होने का समय होता हैं इस समय आप गर्भवती नहीं होती, यदि आप अपने गर्भवती होने की पहचान करना चाहती हैं तो आपको 4th week of pregnancy से शुरुआत करनी चाहिए… 

वास्तविक तौरपर देखे तो 1 week of pregnancy यह तो बस एक अनुमानित तरीका है जिससे गर्भावस्था का सही अनुमान लगाया जाता हैं मतलब की एक महिला के गर्भवती (pregnant) होने से पहले आखिरी मासिक चक्र के शुरुआती दिन से गर्भावस्था को गीना जाता है…

ऐसा इसलिए क्युकी कब महिला कंसीव करती हैं कब फर्टिलाइजेशन होता हैं कब गर्भधारण होगा इन सभी का पता लगा पाना कठीन होता है इसलिए गर्भावस्था लक्षण 1 सप्ताह महिला के आखरी मासिक चक्र के शुरूआती दिन से गीना जाता है

अभी का समय तो आपके मासिक धर्म चक्र शुरुआत का है गर्भावस्था के शुरूआती लक्षण आपको pregnancy week 4 से दिखना शुरू होंगे, जानें कैसे प्रेगनेंसी वीक, मंथ, और ट्राइमेस्टर को गिना जाता है? 

1 week of pregnancy मतलब – गर्भावस्था पहला महीना

1st trimester मतलब – गर्भावस्था पहली तिमाही 

39 weeks to go मतलब – 39 सप्ताह बचे

Table of Contents

गर्भावस्था एक सप्ताह लक्षण – शिशु, प्रेगनेंसी सिंप्टम्स, केयर टिप्स और देखभाल से जुड़ी जरूरी बाते | 1 week pregnant in hindi

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Here’s quick summary

  • अभी का समय मासिक धर्म चक्र शुरूआत का है
  • इस समय महिला का शरीर ओव्यूलेशन के लिए तैयार हो रहा है
  • हेल्दी लाइफ स्टाइल से आप कंसीव करने के चांसेज बढ़ा सकती है
  • गर्भावस्था लक्षण 1 सप्ताह असल में मसिक धर्म चक्र (Period) के होते है
  • ज्यादा स्टिम्यूलेटिन और फॉलिकल प्रोड्यूस करके आप twins के चांसेस बढ़ा सकते हैं।

प्रेगनेंसी कब से काउंट होती हैं | गर्भावस्था की पहचान क्या है | starting of oviulation in hindi

अभी यहां कोई भ्रूण कोई शिशु मौजूद नहीं, बस एक अंडा (डिंब) है जो oviulation के लिए तैयार हो रहा है और बहुत सारे शुक्राणु जिनका केवल एक उद्देश्य होता हैं oviulation से जारी होने वाले डिंब (अंडाणु) से निषेचित (fertilize) होना

गर्भावस्था के पहले सप्ताह (1 week pregnancy) में जहां महिला का शरीर आखरी मासिक चक्र के साथ आगे बढ़ रहा होता है ये खुद को oviulation (अंडोत्सर्ग) के लिए भी तैयार कर रहा होता है

गर्भाशय (uterus) “बच्चा दानी” भी खुद को शिशु की देखभाल (विकास) के लिए तैयार कर रहा होता हैं। हालांकि, यह कहना अभी मुश्किल है क्या महिला आने वाले pregnancy weeks गर्भधारण कर पाएंगी भी कि नहीं… ये तो आने वाले सप्ताहों में ही पता चलेगा 

गर्भवती होने की सच्चाई | week one me pregnant kaise hote hai 

जब तक महिला गर्भवती (pregnant) नहीं हो जाती गर्भावस्था की शुरूआत नहीं होती, मगर सच्चाई कुछ अलग ही हैं असल में 1 week pregnant महिला असलियत में pregnant नहीं हुआ करती हैं क्युकी ये समय तो उनके मासिक धर्म चक्र के शुरुआत का हैं

मासिक चक्र महिलाओं में महत्त्वपूर्ण क्रिया होती हैं जों उन्हें गर्भधारण के लिए सक्षम बनाती हैं मासिक चक्र में डिंबोत्सर्जन भी होता हैं ये वहीं समय होता है जब शुक्राणु और अंडाणु मिलते हैं fertilization होता हैं जिसके बाद महिला कंसीव (pregnant) होती हैं

गर्भ ठहरने के लक्षण क्या हैं (garbhavastha ke lakshan) ये तो आपको आने वाले सप्ताहों में पता चल जाएगा अधिकांशत: 4 सप्ताह गर्भावस्था में, हालांकि, अभी तो आपको 40 सप्ताह गर्भावस्था के सफर को पार करना हैं

गर्भावस्था एक सप्ताह में आपका शरीर | your body at 1 week pregnant in hindi

आखरी मासिक चक्र, मतलब हो सकता हैं आने वाले सप्ताहों में आप गर्भवती (pregnant) हो जाएं, इस सप्ताह आपका शरीर बीते मासिक चक्र के अनिषेचित अंडाणु और गर्भाशय में जमी दीवार को बाहर कर रहा होता है एक नए मासिक चक्र (menstural cycle) की भी शुरुआत हो रही होती है यहीं आपके प्रेगनेंसी की भी शुरुआत होगी

मासिक चक्र बहुत से हार्मोन्स के कार्यशीलता पर निर्भर करता हैं जैसे – फॉलिकल स्टिम्यूलेटिंग हार्मोन (FHS) ये फॉलिकल को तेजी से मैच्योर होने में मदद करता हैं। लूटेनीजिंग हार्मोन (LH) जों पांचवे दिन बढ़ता है, सभी फॉलिकल में egg होते है तथा oviulation से एक अंडाणु बाहर आता हैं

 

जब फॉलिकल मैच्योर होने लगते हैं एक दूसरे हार्मोन एस्ट्रोजन (estrogen) का स्त्राव होता हैं जिसके दो कार्य होते हैं पहला गर्भाशय की दीवार मजबूत बनाना और दूसरा LH हार्मोन को ट्रिगर करना

LH हार्मोन ही फॉलिकल से डिंब (अंडाणु) जारी करवाता है जिसे oviulation भी कहते है ओव्यूलेशन की प्रक्रिया 24 से 36 घंटे चलती है।

इस समय शुक्राणु अगर अंडाणु से निषेचित हो जाता हैं तब महिला गर्भ धारण कर लेती है। लेकिन यदि गर्भ नहीं ठहर पाता हैं तो फिर से नए मासिक चक्र की शुरुआत होती हैं यदि आप कंसीव करने के चांसेज बढ़ाना चाहतीं हैं तो इन टिप्स को फॉलो करें…

जल्दी कंसीव कैसे करें | how to conceive fast in hindi

अगर आप अपने प्रेग्नेंट होने के चांसेज बढ़ना चाहते है तो शुरूआत शुरू से करे…

  • ओव्यूलेशन के समय सेक्स करें
  • हेल्दी डाइट ले
  • हेल्दी लाइफ स्टाइल चुने
  • फर्टिलिटी टेस्ट कराए
  • नशीले पदार्थो से दूर रहें
  • लुब्रिकेंट यूज ना करें

हालांकि, यदि पहली बार प्रेगनेंसी के लिए प्रयास करने जा रही हैं शोधों के मुताबिक पहली बार प्रेगनेंसी के प्रयासों में कपल्स को सफलता पाने में समय लग सकता है इस लिए चिंता ना करें और प्रयास करें

प्रेगनेंसी के शुरुआती लक्षण (गर्भावस्था लक्षण 1 सप्ताह) | 1 week symptoms of pregnancy in hindi

सबसे पहली बात गर्भावस्था एक सप्ताह (pregnancy week 1) में महिला गर्भवती नहीं होती तथा इस सप्ताह जितने भी लक्षण होंगे सभी मासिक धर्म चक्र शुरूआत के होते है –

सर्वाइकल म्यूकस का बढ़ाना – गर्भावस्था लक्षण 1 सप्ताह

अगर महिला सर्वाइकल म्यूकस (श्लेमा) को मॉनिटर करते आ रही थी, वह इसमें बढ़ोतरी देखिंगी, सर्वाइकल म्यूकस (श्लेमा) अभी गाढ़ा और चिपचिपा होगा। मगर जैसे ही ओव्यूलेशन का समय नजदीक आएगा आप सर्वाइकल म्यूकस में ढीलापन देखिंगी, जों कंसीव करने में भी आपकी मदद करेगा

शारीरिक तापमान में उतार चढाव – गर्भावस्था लक्षण 1 सप्ताह

जब महिला डिंबोत्सर्जन (ओवियूलेट) कर रहीं होती है शारीरिक तापमान बहुत कम हो जाता हैं जैसे ही डिंबोत्सर्जन की प्रक्रिया पूर्ण होती हैं शारीरिक तापमान पुनः सामान्य अवस्था में आने लगता हैं महिला चाहे तो तापमान में होने वाले इस परिवर्तन को थर्मोमीटर से जांच कर सकती है। 

ब्लॉटिंग का होना – garbhavastha ke lakshan

जब मासिक धर्म चक्र की शुरूआत होती हैं हार्मोन में आए उतार-चढ़ाव के कारण पेट में भारीपन या फुला फुला होना जैसे लक्षण महसूस हो सकते है ये period के पहले तथा बाद में भी देखने को मिलते है।

लोअर बैक पेन और क्रेंप्स – garbhavastha ke lakshan

गर्भाशय की दीवार “लाइनिंग” टूटना, गर्भाशय में संकुचन होना कहीं न कहीं लोअर बैक पेन और क्रेंप्स (पीठ दर्द और ऐठन) का कारण बनती हैं 

मूड स्विंग होना – early pregnancy symptoms in hindi

पीरियड्स में होने वाले harmonal बदलाव अक्सर महिलाओं के स्वाभाव को भी बुरी तरह प्रभावित करता हैं जो मूड स्विंग होने का बहुत बड़ा कारण होते हैं। इसके साथ डिसकंफर्ट और इरेटिबिल्टी जैसे लक्षण भी हो सकते है।

सिर दर्द (Headaches) – early pregnancy symptoms in hindi

मासिक चक्र के शुरूआत में बहुत सी महिलाओं को तो मेंस्चूरल माइग्रेन की भी शिकायत होती है जहां उन्हें भारी सिर दर्द की समस्या से गुजरना पड़ता हैं। ice packs, OTC pain reliever, रिलैक्सेशन और एक्सरसाइज करना मदगार सबित होगा हैं।

पहले सप्ताह में गर्भवती का पेट | 1 week pregnant belly in hindi 

याद रखें अभी आप गर्भवती नहीं है, 1 सप्ताह गर्भ के अंदर, शरीर, पिछले मसिक चक्र की लाइनिंग रिमूव कर रहा है एक नए मसिक चक्र की शुरुआत हो रहीं है।

क्युकी अभी आप गर्भवती नहीं हुई है गर्भावस्था में पेट दिखने या ना दिखने का कोई सवाल ही नहीं उठता, गर्भावस्था में पेट तब तक नहीं दिखता जब तक महिला पहली तिमाही पार न कर ले, यहां आप जो लक्षण महसूस करती हैं वह भी मासिक चक्र के होते है जैसे – 

  • स्तनों में कसाव, सूजन
  • पेट में मतली
  • थकान
  • बार-बार पेशाब लगना
  • उल्टी
  • मूड स्विंग

Fact – हयूमन एग सेल (अंडाणु), इंसानों में सबसे बड़ी कोशिका होती है ये इतना छोटा होता है एक काली मिर्च के बराबर

गर्भावस्था के पहले सप्ताह अल्ट्रासाउंड | ultrasound in 1 week of pregnancy in hindi

गर्भावस्था 1 सप्ताह में किसी तरह की अल्ट्रासाउंड टेस्ट की जरूरत नहीं पड़ती, हालांकि, यदि आप अल्ट्रासाउंड चेकअप करना चाहे तो pregnancy week 1 में ultrasound कराना भी फायदेमंद साबित होगा

अल्ट्रासाउंड चेकअप के जरिए – fibroids, ओवरी में कितने फॉलिकल ग्रो हो रहे हैं, गर्भाशय की दीवार या कोई ऐसी समस्या तो नहीं जो इनफर्टिलिटी की का कारण बन रहे हो

गर्भावस्था एक सप्ताह के लिए टिप्स | self care tips 1 week pregnant in hindi

अगर आप फैमिली प्लानिंग कर रहीं थीं तो अभी से आपको आने वाले बेबी के बारे में सोचना शुरु कर देना चाहिए, अपने आस पास एक हेल्दी एनवायरमेंट तैयार करें, हेल्दी डाइट लें, एक्टिव लाइफ स्टाइल फॉलो करें… 

अगर आप हेल्थ बूस्ट चाहती हैं तो कुछ लाइफस्टाइल चेंजस ट्राई कर सकती हैं जो आपको हेल्दी प्रेगनेंसी कंसीव करने में मदद करेगा 

न्यूट्रिएंट्स का ध्यान रखें

एक हेल्दी और बैलेंसड डाइट जो न्यूट्रिएंट्स से भरा हो शरीर में विटामिनस, मिनरल और दूसरे न्यूट्रिएंट्स की कमी पूरा करते हैं प्रेगनेंसी के लिए भी हेल्दी और बैलेंसड डाइट का होना आवश्यक रहता हैं।

न्यूट्रिएंट्स से भरे फुड आपको एनर्जी देंगे साथ ही कुछ कॉमन प्रेगनेंसी डिस्कंफर्ट दूर रखने में भी सहायता करते है। न्यूट्रिशियस डाइट लेना शिशु के हेल्थ के लिए भी लाभदायक रहता है।

फोलेट (विटामिन B9) ले

फोलेट जो खाद्य पदार्थों में होता है विटामिन B9 का नेचुरल फॉर्म है। फोलेट गर्भवती के स्वास्थ और शिशु के विकास के लिए आवश्यक होता है, हालांकि, रोज़मर्रा के खाद्य पदार्थों से जरुरी फोलेट की मात्रा लेना मुमकिन नहीं हो पाता 

आप फोलिक एसिड (एक सिंथेटिक फोलेट सप्लीमेंट) का प्रयोग कर सकते है फोलिक एसिड बहुत से प्रिनेटल विटामिन प्रोडक्ट में होते है जो शिशु को जन्मजात होने वाली बीमारियों से बचाता है जैसे – क्लिपट लिप, पैटल, न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट, फोलिक एसिड आप डेली विटामिनस् के साथ ले सकती है।

हेल्दी लाइफ़स्टाइल चुनें – healthy lifestyle choices

जरूरी ये नहीं आप रोजमर्रा के जीवन में क्या करते हैं अगर आप कंसीव करने का प्रयास कर रही है तो कुछ चीजों से दुरत्व बनाना ही बेहतर होता हैं जैसे – शराब, तंबाकू, सिगरेट जैसी नशीली चीजों से दूर रहें

ये गलत आदते शिशु को भी अफेक्ट करती हैं जो जेनेटिक डिसऑर्डर का कारण भी बनते है।

मानसिक रूप से तैयार रहें 

एक शिशु के लिए न सिर्फ शारीरिक बल्कि मानसिक रूप से भी तैयार रहना पड़ता हैं। हार्मोनल बदलाव, स्ट्रेस, एंजायटी जैसी मानसिक व्याधियां मानसिक स्वास्थ्य को बुरी तरह प्रभावित करती हैं जो प्रेगनेंसी के लिए हानिकारक होता हैं

ध्यान रखें, आपको अच्छी नींद और सही से आराम करना है। आप स्ट्रेस मैनेजमेंट टेक्नीक्स अपना सकते हैं या डॉक्टर की सलाह ले सकते है। 

प्रीनेटल विटामिनस ले – prenatal vitamins use kare

प्रीनेटल विटामिनस, रोज़मर्रा के खाद्य पदार्थों से पूर्ति नहीं हो पाने वाले न्यूट्रिएंटस की पूर्ति करता हैं प्रीनेटल विटामिनस से आप पूरी तरह संतुष्ट हो सकती है आप सभी न्यूट्रिएंट ले रही है।

प्रीनेटल विटामिनस में आयरन, कैल्शियम, विटामिन डी और दूसरे जरूरी न्यूट्रिएंट रहते जैसे – फोलिक एसिड, यहां अलग-अलग ब्रांड में थोड़े बहुत दूसरे न्यूट्रिएंट मिल जाएंगे इसलिए प्रोडक्ट्स के लेबल जरूर चेक करें अन्यथा डॉक्टर के प्रिसक्रिप्शन से इन्हें ले

ओव्यूलेशन ट्रैकिंग किट खरीदे

Pregnancy week 1 में भले आप गर्भवती न हो, लेकिन अगर आप pregnant होना चाहती हैं तो आपको ओव्यूलेशन का ध्यान रखते हुए इसी समय संबंध बनाना चाहिए, ओव्यूलेशन का पता आप Oviulation kit से कर सकती हैं जों आपको ऑनलाइन और ऑफलाइन स्टोर्स में आसानी से मिल जाएगा – Oviulation kit खरीदने के लिए click करें

FAQ . गर्भावस्था से जुड़े कुछ सवाल

प्रेगनेंसी कब से काउंट होती हैं ?

प्रेगनेंसी की शुरूआत गर्भवति महिला के आखरी मासिक चक्र के पहले दिन से शुरू होती है।

प्रेगनेंसी के लक्षण कितने दिन में दिखते है ?

प्रेगनेंसी का सबसे सटीक लक्षण पीरियड्स मिस होना हैं  

गर्भ ठहरने के लक्षण क्या हैं

पीरियड मिस होना ही गर्भ ठहरने का पहला लक्षण होता है।

प्रेग्नेंट कितने दिन में होते हैं ?

ओव्यूलेशन के दिनों में संभोग करना प्रेग्नेंट होने की संभावना को बहुत बढ़ा देता है। इससे आप बहुत जल्दी गर्भ धारण कर सकती है।

गर्भ कितने दिन का हैं कैसे पता करें ?

प्रेगनेंसी को महिला के आखरी मासिक चक्र के पहले दिन से गीना जाता हैं। इसी से आप गर्भावस्था के समय का अंदाजा लगा सकते हैं

पीरियड्स मिस होने के कितने दिन बाद उल्टी लगेंगी ?

गर्भधारण के बाद जब शरीर में प्रेगनेंसी हार्मोन स्त्रावित होने लगता है तब उल्टी जैसे लक्षण महसूस करेंगी

Hindiram के कुछ शब्द

1 week of pregnancy in hindi – गर्भावस्था पहला सप्ताह में आप pregnant नहीं रहती बल्कि ये समय तो आपके मेश्चुरेशन मासिक धर्म चक्र के शुरूआत का है क्युकी गर्भावस्था महिला के आखरी मासिक चक्र से गीना जाता है इसलिए इसे week 1 of pregnancy भी कहा जाता हैं।

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