गर्भावस्था दूसरा सप्ताह – शिशु विकास, गर्भावस्था लक्षण और प्रेगनेंसी केयर टिप्स | 2 week pregnant in hindi

टू वीक प्रेगनेंसी – गर्भावस्था की जो शुरुआत आप कर चुकीं हैं भले उस पूरा होने में अभी समय है आपको जानकर हैरानी होगी, गर्भावस्था के दूसरे सप्ताह (2nd week of pregnancy) में वास्तवीक तौरपर महिला गर्भवती (प्रेगनेंट) नहीं होती… जाने क्यों!

गर्भावस्था के दूसरे सप्ताह जहां अनेकों बदलाव अपनी सीमा पर होते हैं, ये बदलवा प्रेगनेंसी के न होकर मासिक धर्म चक्र (ओव्यूलेशन) के होते है प्रेगनेंसी वीक टू में ओव्यूलेशन (अंडोत्सर्ग) की शुरुआत हो रहीं होती है लेकिन अगर आप कंसीव कर चुकीं हैं और प्रेगनेंसी के लक्षण जानना चाहती है तो आपको 4 week of pregnancy से शुरुआत करनी चाहिए

गर्भावस्था का दूसरा सप्ताह ओव्यूलेशन का समय है पहले हफ्ते के मुकाबले प्रेगनेंट होने के ज्यादा करीब, मगर प्रेग्नेंट नहीं होती हैं pregnancy week 2 के अंत तक महिलाएं शायद कंसीव कर चुकी होती हैं

हालांकि, इस सप्ताह (pregnancy 2 week) में जो लक्षण महसूस करेंगी वह भी ओव्यूलेशन के रहते हैं। अगर आप नहीं जानते प्रेगनेंसी वीक, मंथ और ट्राइमेस्टर कैसे गीना जाता हैं तो यह जान सकते हैं

2 week of pregnancy मतलब – 1 माह गर्भावस्था

1st trimester मतलब – गर्भावस्था दूसरी तिमाही

38 week’s to go मतलब – 38 सप्ताह बचें

Table of Contents

गर्भावस्था दो सप्ताह लक्षण – शिशु का विकास, प्रेगनेंसी सिंप्टम्स, केयर टिप्स और देखभाल से जुड़ी जरूरी बाते | 2 week pregnant in hindi

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Here’s quick summary

अगर महिला 35 से ज्यादा उम्र की हैं और अधिक फॉलिकल स्टिम्यूलेटिंग हार्मोन प्रोड्यूस करती हैं ये जुड़वां होने (ओव्यूलेशन में एक से अधिक अंडाणु रिलीज होने की संभावना बढ़ा देता हैं)

वास्तविक तौरपर महिला अभी भी गर्भवती नहीं होती क्युकी प्रेगनेंसी डेट को महिला के आखरी मासिक चक्र के पहले दिन से गीना जाता हैं

महिलाएं जों शुरुआत से 400 माइक्रोग्राम फोलिक एसिड रोजाना लेती हैं शिशु में होने वाले न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट को 70% कम कर देता हैं

दूसरे सप्ताह गर्भावस्था में शिशु में विकास | baby development by week 2 in hindi

प्रेगनेंसी के पहले, दूसरे, और तीसरे सप्ताह महिला गर्भवती नहीं होती, ये समय मासिक चक्र का होता हैं जिसमें महिला ओवियूलेट करती है और शायद कंसीव भी कर लेती है फर्टिलाइजेशन भी इन्हीं दिनों में हो जाता है। हालांकि, प्रेगनेंसी सिंप्टम्स आपको तीसरे – चौथे सप्ताह के अंत में हि दिखना शुरू होंगे

इस समय शरीर एस्ट्रोजन हार्मोन का स्त्राव करा रहा होता है जिससे शरीर खुद को प्रेगनेंसी के लिए तैयार (सक्षम) बना रहा है। अंडाशयो में ऐग (अंडाणु) मेच्योर हो रहें होते है जो जल्द ही रिलीज़ होंगें…

गर्भाशय भी खुद को एक नए जीवन के परवरिश के लिए तैयार कर रहा होता हैं pregnancy week 2 के अंत तक महिला ओवियूलेट कर चुकीं होती हैं जहां अंडाणु अंडाशयों से निकलकर फर्टीलाइजेशन के लिए फेलोपियन ट्यूब में इंतजार कर रहें होते हैं

अंडाणु रिलीज होने के 24 घंटे तक फेलोपियन ट्यूब में किसी स्वस्थ्य शुक्राणु के आने का इंतेजार करते हैं जिसके बाद विघटित होते होते गर्भाशय तक पहुंच कर नष्ट हो जाते हैं

दूसरे हफ्ते गर्भवती में शारीरिक बदलाव | your body at 2 week pregnant in hindi

मासिक चक्र में होने वाले हार्मोनल बदलाव हि गर्भवती को गर्भधारण करने के लिए सक्षम बनाते हैं हार्मोन्स की कार्यशीलता जैसे – फॉलिकल स्टिम्यूलेटिंग हार्मोन (FHS) ये फॉलिकल को तेजी से मैच्योर होने में मदद करते हैं। फॉलिकल मैच्योर पर एक अन्य हार्मोन एस्ट्रोजन (estrogen) का स्त्राव होने लगता हैं जो गर्भाशय के दीवार को मजबूत बनाना और LH हार्मोन को ट्रिगर करता है

लूटेनीजिंग हार्मोन (LH) ही फॉलिकलस् से अंडाणुओं को बाहर निकालने के लिए प्रेरित करता हैं जिसे oviulation भी कहते हैं

ओव्यूलेशन की प्रक्रिया 24 से 36 घंटे चलती है जहां ये शुक्राणु से फर्टिलाइज होने का इंतेजार करता हैं अगर अंडाणु फर्टिलाइज नहीं हो पाता है तब ये नष्ट हो कर बाहर निकल जाता हैं और एक नए मासिक चक्र की शुरुआत होती हैं

बेसल बॉडी टेम्प्रेचर – basal body temperature

जब महिला ओव्यूलेट करने वाली होती हैं तब उनका बेसल बॉडी टेम्प्रेचर अपनी निम्न सीमा के गीराव वाले स्तर तक चला जाता हैं जैसे ही ओव्यूलेशन खत्म होता हैं तुरंत आधा डिग्री टेम्प्रेचर बढ़ जाता हैं अगर महिला इसे प्रतिएक मासिक चक्र में मापे तो एक पैटर्न महसूस कर सकती हैं जिससे ओव्यूलेशन का पता लगाया जा सकता हैं

सर्वाइकल चेंजेज

टू वीक प्रेगनेंसी में जैसे ही ओव्यूलेशन नज़दीक आता हैं सरविक्स की लंबाई थोड़ी सी बढ़ने जाती है और इससे निकलने वाला श्लेमा जो सामान्य दिनों में गाढ़ा और चिपचिपा होता हैं ओव्यूलेशन में ये पतला, साफ, पानी के समान और सफेद रंग का हो जाता हैं यहीं श्लेमा शुक्राणुओं को अंडाणु तक तैर कर जाने में मदद करता हैं

दूसरे सप्ताह में गर्भावस्था के लक्षण | 2 week symptoms of pregnancy in hindi

दूसरे सप्ताह में महिला प्रेगनेंट होने (फर्टिलाइजेशन और ओव्यूलेशन) के ज्यादा करीब होती हैं इस समय नजर आने वाले सिंप्टम्स प्रेग्नेंसी के लक्षणों से काफी कुछ अलग होते है क्युकी ये ओव्यूलेशन के होते हैं जैसे – 

सेक्स करने की इच्छा होना

प्रकृति भी जानती हैं कब क्या करना है शायद इसीलिए जब महिलाओं में अंडोत्सर्ग (ओव्यूलेशन) की शुरुआत होती हैं उनमें संभोग करने की लालसा बढ़ने लगती है। अंडोत्सर्ग (ओव्यूलेशन) का समय ही होता है जब महिला गर्भधारण करने के लिए पूरी तरह तैयार होती हैं इसलिए देखा गया हैं 2nd week pregnancy में महिलाओं को सेक्स की अधिक इच्छा होती हैं

फर्टाइल सलाइवा में बदलाव

 

ओवुलेशन होने पर शरीर एस्ट्रोजन हार्मोन का स्तर बढ़ाने लगता हैं जिसका असर कुछ ऐसा होता हैं मुंह में उत्पन्न लार में बदलाव या सूखापन आने लगता हैं अगर नॉर्मल सलाइवा को माइक्रोस्कोप से देखे, ये दाने और लाइन जैसे दिखेंगे, परंतु oviulation week में जो सलाइवा आता हैं वह पेड़ की शाखाओं की तरह जुड़े होते हैं जिसे वैज्ञानिक भी प्रेगनेंसी से जुड़ा मानते हैं।

सर्वाइकल चेंजेज

प्रेगनेंसी वीक टू में महिलाओं की सरविक्स में बदलाव आता हैं जिससे यह आकार में थोड़ा बढ़ने लगता हैं। सरविक्स से निकलने वाला श्लेमा जो सामान्यतः गाढ़ा, चिपचिपा रहता हैं ओव्यूलेशन के समय पतला और साफ (पानी के समान) हो जाता है यही श्लेमा शुक्राणुओं को अंडाणु तक तैर कर फैलोपियन ट्यूब तक पहुंचने में मदद करता हैं

निचले पेट में दर्द

इसे ओव्यूलेशन पेन भी कहते हैं अधिकांशतः मासिक धर्म मे 2nd week या ओव्यूलेशन (अंडोत्सर्ग) के समय होता है। हालांकि, ये लंबे समय तक नहीं रहता, साथ ही कई बार ओव्यूलेशन से इसका कोई सीधा संबंध भी नहीं होता है, क्योंकि ऐसा भी देखा गया है कुछ महिलाओं को ओव्यूलेशन के दौरान पेन बिल्कुल नहीं होते, वहीं इसके होने के अन्य कारण भी हो सकते हैं जैसे – गैस, पेट संबंधी समस्या

थकावट लगना

प्रेगनेंसी का दूसरा सप्ताह जहां अनेकों हार्मोनल बदलाव होते है शरीर भी अनेकों बदलावो से गुजरता है। हालांकि, इस समय प्रेगनेंसी की तुलना में शारीरिक बदलाव कम होते हैं परंतु आंतरिक बदलाव सबसे ज्यादा होते हैं, जिसका असर आप शारीरिक थकावट के रूप में भी देख सकतीं है।

ब्रेस्ट चेंजेज

शरारिक् बदलाव जों वीक टू प्रेगनेंसी में होते है उनमें ब्रेस्ट चेंजेज होना सबसे ज्यादा कॉमन देखा जाता है महिलाओं में ब्रेस्ट सूजन, स्तनों में हल्का दर्द जैसे प्रेग्नेंसी लक्षण सामान्यतः देखने को मिलते है।

पेशाब अधिक लगना

शरीर जब शारीरिक और मानसिक बदलावो से गुजर रहा होता हैं तब शरीर में हार्मोनल असंतुलन भी होने लगते हैं हार्मोनस कम-ज्यादा स्त्राव होने से ही महिलाओं को अधिक पेशाब लगने जैसी समस्या होने लगती है यदि महिला गर्भवती हो जाती है तो ये समस्या काफी लंबे समय तक भी रह सकता है।

गर्भावस्था दूसरे सप्ताह में पेट निकलना | pregnant belly at 2 week in hindi

टू वीक प्रेगनेंसी में आप गर्भवती नहीं होती हैं इसलिए इस समय ऐसा सोचना कि आपका पेट निकलने वाला है बेवकूफी भरा होगा, हां सेकंड वीक प्रेगनेंसी में पेट फुला हुआ महसूस कर सकती हैं, लेकिन ऐसा प्रेगनेंसी के कारण नहीं होता है

गर्भावस्था के दूसरे सप्ताह में अल्ट्रासाउंड | ultrasoumd test in 2 week of pregnancy in hindi

गर्भावस्था में 10 सप्ताह से पहले आपको अल्ट्रासाउंड टेस्ट कराने की जरुरत नहीं होती है, हालांकि, यदि आप अल्ट्रासाउंड टेस्ट कराना चाहतीं हैं तो ये आपके फर्टिलिटी चेकअप का एक हिस्सा हो सकता हैं जहां आप जान सकती है कि आपको प्रेग्नेंट होने में कोई समस्या तो नहीं आ रही हैं।

गर्भावस्था दूसरे सप्ताह के लिए टिप्स | self care tips 2 week pregnant in hindi

संभोग का सही समय

फर्टिलाइजेशन और इंप्लांटेशन का होना तभी संभव है जब महिला सही समय पर गर्भधारण करें, सही समय पर गर्भधारण के लिए जरूरी है सही समय पर संभोग किया जाए, ओव्यूलेशन के बाद अंडाणु मात्र 24 घंटे तक कार्यशील होता हैं जिसके बाद विघटित होना शुरू हो जाता हैं 

ओव्यूलेशन के 24 घंटे के अंतराल में ही अंडाणु को फर्टिलाइज होना होता है, हालांकि, ओवुलेशन का सटीक पता लगाना मुश्किल होता हैं मगर ओवुलेशन होने के चार-पांच दिन पहले ही आपको इसके सिंप्टम्स दिखने लगते है जिसे पहचान कर यदि आप संभोग करे तो निश्चित ही गर्भधारण कर लेंगी

यदि आप ओवुलेशन से पहले ही संबन्ध बना लेती हैं तो चिंता ना करें शुक्राणु महिलाओं के शरीर में 5 से 6 दिन अंडाणु के आने का इंतेजार करते है इसलिए अगर आप ओव्यूलेशन से 4-5 दिन पहले से सम्बंध बनाते आऐंगे तो गर्भधारण बहुत जल्दी कर लेंगी

अपने स्वास्थ्य का ख्याल रखें

गर्भवती का स्वस्थ्य भी महिला के गर्भधारण करने में अहम भूमिका निभाता है यदि आप फैमिली प्लानिंग कर रहे हैं तो अपने स्वास्थ ध्यान जरूर रखें, क्योंकि अगर माता का स्वास्थ सही नहीं है तो शिशु को भी हानि हो सकती है।

नशीली चीजों को परहेज करें: नशीले पदार्थों का सेवन आज के युवा और युवतियों के लिए सामान्य बात है यह जानते हुए भी ये उनके लिए हानिकारक हो सकता हैं उदाहरण के लिए अगर महिला प्रेगनेंसी के लिए प्रयास कर रही हैं नशीले पदार्थो का सेवन गर्भधारण नहीं कर पाने का कारण बन जाता है ये मिसकैरेज की संभावना को भी बढ़ा देता है।

हरी सब्जियां खाए: खान-पान का असर जिस प्रकार स्वास्थ्य पर पड़ता है प्रेगनेंसी में खानपान सही रखने से महिला एक स्वस्थ्य और हेल्दी बेबी को जन्म देती हैं

बच्चे के बारे सोचे: गर्भावस्था के शुरूआती दिनों से ही आपको बच्चे के बारे में सोचना प्रारंभ कर देना चाहिए, उसकी शिक्षा, अगर लड़का हुआ तो क्या नाम होगा, लड़की हुई तो क्या नाम रखना है? क्युकी जन्म के बाद बहुत सी जिम्मेदारियां बढ़ जाती हैं जिससे इन चीज़ों के बारे में सोचने को समय नहीं मिलता 

कपल्स के लिए सुझाव 

दोनों पार्टनर्स के लिए जरूरी है आप दोनो अधिक से अधिक समय साथ रहें, एक दूसरे का साथ दे, एक दूसरे को समझे और आने वाले परिस्थितियों के लिए तैयार रहें, वैसे भी आप दोनों इसके बाद भी साथ ही रहना हैं

रोजाना संभोग करना अगर मानसिक तनाव का कारण बनता हैं तो हर दूसरे दिन संबंध बनाए, जरुरी ये आप आप इसे कार्य रूप में ना देखे, दोनों पार्टनर्स के बीच आपसी प्रेम और सहयोग का होना भी आवश्यक है।

यदि प्रेगनेंसी हेतु प्रयास करते काफी समय हो गया है फिर भी गर्भधारण नहीं कर सके हैं इस अवस्था मे आपको किसी एक्सपर्ट या डॉक्टर से सलाह लेने की जरुरत है आप फर्टिलिटी चेक भी करवा सकते हैं!

FAQ. गर्भावस्था से जुड़े कुछ महत्वूर्ण प्रश्न

दूसरे सप्ताह गर्भावस्था के लक्षण क्या हैं?

  • सेक्स की अधिक इच्छा होना
  • फर्टाइल सलाइवा में बदलवा
  • सर्वाइकल बदलाव
  • निचले पेट में दर्द
  • थकावट लगना
  • ब्रेस्ट चेंजेज
  • पेशाब अधिक लगना

Hindiram के कुछ शब्द 

2 week of pregnancy in hindi – गर्भावस्था के दूसरे सप्ताह में आप आप बिलकुल भी गर्भवति नहीं होती, क्युकी ये समय महिला में अंडोत्सर्ग (ओव्यूलेशन) का होता हैं इस हप्ते के आखिर तक महिला कंसीव कर चुकीं होती हैं जिसके पश्चात एक नए सायकल की भी शुरूआत होती हैं

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