गर्भावस्था 40वां सप्ताह – शिशु विकास, गर्भावस्था लक्षण और प्रेगनेंसी केयर टिप्स | 40 week pregnant in hindi

40 सप्ताह में आप गर्भावस्था के उस स्थान पर पहुंच गई होती है जहां शुरुआत से ही आप पहुंचने के बारे में सोच रही थी। अधिकांश महिलाएं गर्भावस्था के इस स्तर में अपनी गर्भावस्था खत्म करने के लिए पूर्ण रूप से सज्ज होती है, यानी फुल टर्म प्रेगनेंसी।

इस सप्ताह आप एक नन्हे मेहमान का स्वागत कर रही होती हैं ऐसा भी हो सकता हैं शिशु को आने में थोड़ा समय और लग जाएं। चाहे आप शिशु को गोद में खिला रही हों या अभी भी उसके आने का इंतेजार करें, बहुत जल्द आप शिशु से मिलने वाली है।

40 सप्ताह को फुल टर्म प्रेगनेंसी मानी जाती है। इस दौरान जन्मे शिशु पूरी तरह स्वस्थ और हेल्दी होते हैं तथा किसी तरह के हेल्थ कॉम्प्लिकेशन होने की भी बहुत निम्न संभवना होती है।

40 सप्ताह गर्भवती होने पर भी आप 9 माह की ही गर्भवती कहलाती है। लगभग 1 से 3% गर्भवतीयां 40 सप्ताह में शिशु को जन्म देती हैं। हालांकि, इस सप्ताह आप खुद को मानसिक रूप से चिंतित महसूस कर रही होती हैं इस सोच में कि शिशु कब आने वाला हैं

 

40 week of pregnancy मतलब – 9 माह गर्भावस्था

3rd trimester मतलब – गर्भावस्था तीसरी तिमाही

0 week’s to go मतलब – 0 सप्ताह बचें

 

Table of Contents

चालीस सप्ताह गर्भावस्था – शिशु का विकास, प्रेगनेंसी सिंप्टम्स और देखभाल से जुड़ी जरूरी बातें | 40 week pregnant in hindi

 

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Here’s quick summary

  • 40 सप्ताह में शिशु फुल टर्म बनने के साथ जन्म के लिए भी पूरी तरह तैयार हो जाता है
  • अगर अभी भी आप शिशु के इंतेजार में हैं तो चिंता ना करें, लगभग 3% प्रेगनेंसीयां अपने निर्धारित ड्यू डेट को पार कर जाती है।
  • शिशु से बातें करें – ताकि जन्म के बाद वह आपकी आवाज आसानी से पहचान सके

चालीस सप्ताह गर्भावस्था में शिशु का विकास | Baby development by week 40 in hindi

 

40 सप्ताह में शिशु का आकार कितना हैं – baby size

आपका शिशु एक कद्दू के जितना बड़ा हो गया होता है। हालांकि, बहुत से हेल्दी बेबीज भी छोटे – बड़े या कम – ज्यादा वजनी हो सकते हैं। शिशु अभी 6 से 9 पाउंड वजनी और लगभग 19 से 22 इंच लंबा हो गया होता है।

 

गर्भावस्था का अंत

40 सप्ताह में आप प्रेग्नेंसी की अंतिम चरण में होती हैं आपका शरीर और प्लेसेंटा दोनों शिशु को एंटीबॉडीज प्रदान कर रहा होता हैं जिससे शिशु जन्म के छह माह तक अपनी सुरक्षा कर सकें

अगर आप शिशु को ब्रेस्टफीडिंग करा रही है तो दूध भी शिशु को एंटीबॉडी देकर उसके इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने में मदद करता है।

 

जन्म के बाद शिशु

नौ महीनों के सफ़र के बाद आखिर आप शिशु से मिल रहीं होती हैं –

 

शिशु कैसा दिखेगा

सबसे पहले! आप जैसा सोच रही है शिशु वैसा बिलकुल भी नहीं दिखने वाला जैसे – टीवी, मैगज़ीन में दिखाया जाता है। क्योंकि उन शिशुओं को जन्में कुछ सप्ताह बीत चुके होते हैं।

  • जन्म के तुरंत बाद शिशु थोड़ा गीला, शरीर पर जन्म के संकेत दिख रहे होते हैं।
  • शिशु का सिर मुलायम और काफ़ी लचीला है वेजाइनल डिलीवरी के कुछ दिनों तक शिशु का सिर कोन शेप में दिखाई दे सकता है।
  • शिशु की त्वचा में वरनिक्स के कुछ अंश दिखाईं दे रहे होते हैं सफेद मोम जैसा पदार्थ
  • शिशु की आंखें हल्की सूजी हुईं होंगी
  • उसके हाथ और पैर हल्के नीले
  • सफेद दाने, पिंपल, घमोरियां शिशु के चेहरे पर हों सकते हैं
  • शिशु के ब्रेस्ट और जेनिटल सूजे हो सकते है

 

शुरुआत में तो शिशु आपको थोड़ा अजीब लगेगा, लेकिन हेल्दी बर्न शिशुओं में यह सब सामान्य रहता है। कुछ दिन या सप्ताह के बाद बदलाव होने लगेंगे।

 

 

जन्म के बाद होने वाले टेस्ट और प्रोसीजर

 

एक शिशु के जन्म के बाद कुछ टेस्ट और प्रोसीजर होते हैं जिन्हें पूरा किया जाना आवश्यक होता है कुछ जो जन्म के तुरंत बाद होते है तो कुछ जन्म के एक से दो दिनों के अंतराल बाद…

 

माता से स्पर्श : जन्म के तुरंत बाद बहुत से हॉस्पिटलों में शिशु और माता का पहला स्पर्श कराया जाता है। नवजात शिशु को माता के पेट अथवा सीने पर कुछ समय के लिए रख दिया जाता है लेकिन अगर डिलिवरी C-section हुई हैं तो इसमें थोड़ा समय लगेगा

गर्भनाल काटना : शिशु के बाहर आने के बाद शिशु को प्लेजेंटा से अलग करने के लिए गर्भनाल काट दिया जाता है जो उसे पूरी प्रेगनेंसी में पोषित कर रहा था

हाइट और वेट : जन्म के बाद शिशु की लंबाई और वजन को मापा जाता है

APGAR स्कैन : जन्म के बाद शिशु की स्किन कलर, हॉट रेट, स्वसन तंत्र, मसल्स टोन और दूसरे प्रतिक्रियाओं की जांच की जाती है इसे जन्म के 5 मिनट बाद उसी समय भी किया जा सकता है जब वह मां के सीने पर हो

विटामिन के इंजेक्शन : जन्म के 6 घंटे के अन्दर शिशु को vitamin k इंजेक्शन दिया जाता है जिससे ब्लड क्लॉटिंग सही से हो सके ताकि इंटरनल ब्लीडिंग का खतरा ना रहे

हेपेटाइटिस बी वैक्सीन : जन्म के 24 घंटे के अंतराल में शिशुओं को hept B वैक्सीन दी जाती है इसके लिए आपसे एक डॉक्यूमेंट भी साइन कराया जाएगा

 

गर्भ के बाहर जीवन – Survival outside the womb

40 सप्ताह में आप प्रेगनेंसी में उस जगह पर आ गई होती हैं जिसे फुल टर्म माना जाता है। फुल टर्म में जन्मे शिशुओं में किसी प्रकार के बर्थ रिलेटेड डिसेबिलिटी होने की बहुत कम संभावना होती है।

 

चालीस सप्ताह में गर्भवती का शरीर | Your body at 40 week pregnant in hindi

 

प्रसव के तीन स्तर – 3 stage of labour

अगर आप सोच रहीं थीं लेबर पेन कैसे शुरू होगा? वैसे शिशु अगर अपनी मर्जी से बाहर आने की फिराक में है तो आप पाएंगी इस सप्ताह भी आप उसके आने का इंतजार कर रही हो, इसलिए सब्र रखें। प्रसव के तीन स्तर…

 

अर्ली लेबर 

ये प्रसव की सबसे शुरूआती अवस्था है यहां आप जो कॉन्ट्रेक्शन महसूस करेंगी वें बहुत कम दर्द भरे होंगें तथा हर कॉन्ट्रेक्शन के साथ सर्विस डाईलेट हो रहा होता हैं। लेकिन जब आप पोजीशन बदलती है तब ये कॉन्ट्रेक्शन बंद हो जाते है जबकि असली कॉन्ट्रेक्शन समय के साथ और अधिक तीव्र होते जाते हैं

 

एक्टिव लेबर 

एक्टिव लेबर तब शुरू होता है जब सर्विक्स 3 से 6 सेंटीमीटर तक खुल गया होता है एक्टिव लेबर में सर्विस एक घंटे में 1 सेंटीमीटर तक खुलने लगा होता है

  • इस समय कॉन्ट्रेक्शन निरंतर और पास पास होने लगते हैं
  • कॉन्ट्रेक्शन मजबूत, लंबा और अधिक दर्द भरा होगा
  • शिशु बर्थ केनाल की तरफ बढ़ रहा होता है

एक्सपर्ट के अनुसार अगर कॉन्ट्रेक्शन बहुत तेज 1 घंटे में तीन से पांच बार होने लगे तब आपको तुरंत हॉस्पिटल के लिए निकल जाना चाहिए।

 

ट्रांजीशन लेबर

ट्रांजीशन लेबर शुरूआती प्रसव की आखरी अवस्था होती है। यहीं सबसे कठीन, सबसे छोटा लेबर होता हैं। ट्रांजिशन लेबर में एक कॉन्ट्रेक्शन कि लंबाई बहुत लंबी और एफेसमेंट के साथ होता है। कॉन्ट्रेक्शन के बीच का समय भी बहुत कम होता है इसलिए इस समय रिलैक्स कर पाना भी आपके लिए बहुत कठिन होगा

इस समय सर्विस आपके मुट्ठी की चौड़ाई तक खुल गई होती है। ट्रांजीशन लेबर में आप बहुत असुविधाए महसूस करेंगी, मतली और उल्टी भी हो सकती है वैसे इन सभी का होना सामान्य है

 

फुल डाईलेशन

जब सर्विस पूरी तरह खुल जाता है लगभग 10 सेंटीमीटर तक, तब आप प्रसव के दूसरे स्टेज में पहुंच जाती है जो 20 मिनट से कुछ घंटों के लिए रह सकता है।

इस समय आप शिशु का दोनों पैरों के बीच महसूस करेंगी और पुश करने का मन भी कर रहा होगा।

 

पुश एंड डिलीवरी

जब पुश करने का समय होगा, डॉक्टर आपको बताएंगे कि कब आपको पुश करना है हर एक पुश के साथ शिशु नीचे बर्थ कैनाल में आते जाता है।

इस पुश करने वाले स्टेज में एक समय ऐसा आएगा जब शिशु का सिर वेजाइना से बाहर निकलने लगेगा, जब शिशु का सिर दिखने लगता है बिना वापस अंदर जाए तब डॉक्टर आपको जोरो से पुश करने को कहेंगे, जिससे शिशु बाहर आ सकें।

प्रसव का दूसरा चरण शिशु के जन्म के साथ ही खत्म हो जाता है।

 

प्लेसेंटा की डिलीवरी

शिशु के जन्म के साथ आप प्रसव के आखिरी पड़ाव में पहुंच जाती हैं जहां डिलीवरी के बाद आपको प्लेसेंटा को भी डिलीवर करना होता है। इस समय फिर आप कॉन्ट्रेक्शन महसूस करने लगेंगी

फिर से आपको पुश करने का मन करेगा। वैसे प्लेजेंटा की डिलीवरी 30 मिनट के अंतराल में हो जाती है प्लेजेंटा के बाहर आने के साथ आपका प्रसव भी समाप्त हो जाता हैं।

 

 

चालीस सप्ताह गर्भावस्था के लक्षण | 40 week symptoms of pregnancy in hindi

 

प्रेगनेंसी के इन आखिरी सप्ताहों में भी आप उन्हीं पुराने प्रेगनेंसी सिंप्टम्स को महसूस कर रही होती है। मगर इस समय आपको लेबर के संकेतों पर विशेष ध्यान देना चाहिए…

 

कॉन्ट्रेक्शन (संकुचन)

ब्रैक्सटन हाइक्स कॉन्ट्रेक्शन ही असल लेबर में बदल जाएगा, इसलिए जब आप इन्हें ज्यादा ही महसूस करने लगें तो देखें इन कॉन्ट्रेक्शन के बीच कितना अंतर है अगर ये पास पास और दर्द भरे होने लगे तो आप प्रसव के अर्ली स्टेज में है।

लेकिन शारीरिक अवस्था में बदलाव करने, इधर-उधर घूमने पर यदि ये बंद हो जाता है तो यह असली प्रसव नहीं है। 

 

शिशु की हरकतों में बदलाव

आप शिशु की हरकतों में भी बदलाव देखेगी, एक समान्य तौर पर शिशु 1 घंटे में 10 बार हरकत करता है इसलिए उसकी हरकतों पर नजर रखें। 

 

डाइलेशन और एफेसमेंट

डाइलेशन को सेंटीमीटर में मापा जाता है और एफेसमेंट को परसेंटेज में, इसे आपके डॉक्टर मेजरमेंट के बाद आपको रिजल्ट बताएंगे। अर्ली और एक्टिव लेबर में सर्विक्स लगातार डाइलेट हो रहा होता है।

 

डायरिया

प्रेगनेंसी में गर्भवती का शरीर बहुत से कष्टों को सहन करते हुए शिशु को पोषित कर रहा होता हैं। जहां कई बार गर्भवती का शरीर भी इससे प्रभावित होने लगता हैं। वैसे ये भी एक संकेत होता है कि आपका लेबर बहुत पास हैं

 

पेल्विस प्रेशर

इस सप्ताह तक अगर शिशु पेल्विस पर आ गया है तो आप अपने पेल्विस में एक प्रेशर महसूस करेंगी। मानो किसी का सिर पेल्विस पर उछल कूद कर रहा है। मसाज कराना आपकी इस असुविधा को कम करने में मदद करेगा

 

इनसोम्निया

इस समस्या ने तो आपको इतना परेशान कर दिया होगा मानो आप एक चैन की नींद लेने के लिए कोई मेडिसिन लेने का खयाल करें, हालांकि ऐसा बिल्कुल ना करें! आप चाहें तो अपने पार्टनर से मसाज करा सकते हैं।

अगर आप अच्छे से सो नहीं पाती हैं तो उठकर कोई दूसरा काम कर ले, लेकिन आरामदायक एक्टिविटी ही करें जैसे किताब पढ़ना या लिखना, साफ सफाई ना करने लग जाए। आपको आराम की सख्त जरूरत है

 

नेस्टिंग इंस्टिंक्ट

शारीरिक ऊर्जा में बदलाव इन दिनों में बहुत कॉमन है शायद आप नेस्टिंग इंस्टिंक्ट के लक्षणों को महसूस कर रही होती हैं। ऐसा भी हो सकता हैं आपको टीवी के सामने लेट कर बस आराम करने का मन करें। दोनों ही रूपों में ये पूरी तरह समान्य है।

 

 

चालीस सप्ताह में प्रसव के संकेत – labour symptoms at 40 week pregnant

 

हो सकता है 40 सप्ताह गर्भवती होते हुए भी आप प्रसव का कोई संकेत देखे ही ना, लेकिन 40 सप्ताह में लेबर आपको कभी भी महसूस हो सकता हैं। अगर कॉन्ट्रेक्शन सामान्य से ज्यादा सुविधाजनक महसूस होने लगे तो तुरंत डॉक्टर को सूचित करें

40 सप्ताह में अन्य प्रसव के संकेत जिन पर आपको नजर रखनी चाहिए, एमनियोटक फ्लूइड का लिक होना या पानी की थैली फुटना। जब ऐसा होगा तो आप खुद जान जाएंगी।

 

चालीस सप्ताह मैं लेबर कैसे लाएं

40 सप्ताह गर्भवती होने पर आप खुद को बहुत उत्तेजित महसूस कर सकती हैं वैसे भी आप प्रेगनेंसी के आखिरी सप्ताह में हैं शायद आप लेबर प्रेरित करने के घरेलू तरीके खोज रही हो

लंबे वॉक पर जाना या एक्यूपंचर जैसे तरीकों का उपयोग प्रेगनेंसी में सुरक्षित माना जाता है। लेकिन किसी प्रकार की हर्बल सप्लीमेंट लेने से बचें क्योंकि ये प्रेगनेंसी के लिए हानिकारक होते हैं। अपने निप्पल को भी स्टिम्युलेट ना करें।

क्योंकि आप अपनी ड्यू डेट में पहुंच गई हैं डॉक्टर मेडिकल लेबर प्रेरित करने के निर्देश दे सकते हैं। अगर आपका शिशु पूरी तरह हेल्दी है और प्रेगनेंसी में किसी तरह की कोई कॉम्प्लिकेशन नहीं है तो आपको लेबर प्रेरित कराने की कोई जरूरत नहीं, शिशु अगर समय ले रहा है तो लेने दे, अगले सप्ताह जरूर वह आपकी गोद में होगा।

 

किन कारणों से शिशु को वर्डियो हो जाते हैं

यहां कोई एक निश्चित कारण नहीं क्यों शिशु अपने निर्धारित जन्म समय से आगे चले जाते हैं। शायद ये आपकी फैमिली में होते आ रहा हो, हों सकता हैं आप भी ओवर ड्यू जन्मी हो। पहली बार मां बनी गर्भवतीयों के साथ भी ऐसा हो सकता हैं। कुछ लोग मानते हैं लड़के ज्यादा समय लेते हैं या ये प्रेगनेंसी के शुरुआत में ड्यू डेट कैलकुलेशन में गड़बड़ी के कारण भी हो सकता हैं।

 

 

चालीस सप्ताह गर्भावस्था में अल्ट्रासाउंड | Ultrasound in 40 week of pregnancy in hindi

 

40 सप्ताह में भी शिशु के बाल और नाखून लगातार बढ़ रहे होते हैं। उसके फेफड़ों में विकास भी हो रहा होता है। जब आप फुल टर्म प्रेगनेंसी (40 सप्ताह) में पहुंच जाती है आपके डॉक्टर बायोफिजिकल प्रोफाइल टेस्ट कराने के निर्देश देंगे

अगर इसे आपने नहीं कराया है इसे दो रूपों में किया जाता है पहला जिसमें आपका अल्ट्रासाउंड होगा और एक नॉन स्ट्रेस टेस्ट जिसमें शिशु की हरकतों और हार्ट रेट को मॉनिटर किया जाता है। 40 सप्ताह में अल्ट्रासाउंड एमनीयोटिक लेवल को जांचने के लिए भी किया जाता है।

बायोफिजिकल प्रोफाइल टेस्ट के परिणाम से पता चले कि शिशु गर्भ से ज्यादा गर्भ के बाहर सुरक्षित रहेगा तो लेबर इंडक्शन मेथड का उपयोग किया जाता है।

 

गर्भावस्था में याद रखने वाली चीजें – 40 week pregnant checklist

  • रोज 10 से 12 गिलास पानी पिए
  • प्रिनेटल विटामिन्स लेते रहे
  • लेबर के लिए तैयार रहें
  • आरामदायक और सपोर्टिव ब्रा पहने

 

गर्भावस्था चालीस सप्ताह में केयर टिप्स | Self care tips 40 week pregnant in hindi

 

प्रसव लाना – inducing labour

यदि आप लेबर इंड्यूस कराने की सोच रही हैं तो अपने डॉक्टर से पूछे लेबर कब, कैसे और किस तरह लाया जाए। बिना मेडिकल एमरजेंसी के 39 सप्ताह से पहले लेबर इंड्यूस कराना रिकमेंड नहीं किया जाता है। अधिकांश डॉक्टर 41 सप्ताह बाद ही इसे करते हैं।

 

होम बर्थ

होम बर्थ उन गर्भवती महिलाओं के लिए बेस्ट होता है जिन्हें प्रेगनेंसी में कोई समस्या ना हो, लेकिन अगर आपमें प्रसव इंड्यूस किया जा रहा है या आप और आपके बेबी को मेडिकल देख रेख़ की जरूरत है तो आपको हॉस्पिटल जाना चाहिए

अगर फिर भी आपको होम डिलीवरी चाहिए तो अपने डॉक्टर से बात करें और सभी मेडिकल सेटिंग को ट्रांसफर करें ताकि डिलीवरी हो सके

 

चालीस सप्ताह के लिए प्रेगनेंसी डाइट

यदि आप वेजीटेरियन है तो आपको जरूरी पोषक तत्व जैसे प्रोटीन, विटामिन बी12, कैल्शियम, विटामिन डी, डीएचए, आयरन और फोलेट की उचित मात्रा लेना आवश्यक हैं 

  • प्रोटीन युक्त भोजन खाए – जैसे नाइट्स, मूंगफली, दाल
  • यदि आप दूध नहीं पीना चाहती, तो आप दही का सेवन करें 
  • हरी सब्जियां खाये, रेशेदार फल और सब्जियां जरूर सेवन करे

 

FAQ. प्रेगनेंसी में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों के उत्तर

 

क्या प्रेगनेंसी में सेक्स कर सकते हैं?

जी हां…, प्रेगनेंसी में संभोग करना पूरी तरह सुरक्षित हैं व इससे शिशु को कोई नुक्सान नहीं होता है, बल्कि शिशु को इन सबका कुछ पता ही नहीं होता 

 

प्रेगनेंसी में कौन सी गलतियां ना करें?

प्रेगनेंसी में नशीले पदार्थों के सेवन से दूर रहें, ऐसे कार्यों को न करें जिसमें अत्याधिक शारीरिक कसरत की जरूरत हो

 

प्रेगनेंसी में क्या करना चाहिए?

एक प्रेगनेंसी बहुत से उतार चढ़ावो से भरा होता है इसलिए आपको एक हेल्दी लाइफ स्टाइल अपनाने की जरूरत है, अपने पार्टनर, परिवारजनों और दोस्तों के साथ समय व्यतीत करें

 

Hindiram के कुछ शब्द

40 week of pregnancy in hindi : प्रेगनेंसी का ये सप्ताह गर्भवती और शिशु दोनों के लिए अनेकों बदलाव लेकर आता है लेकिन अभी सबसे जरूरी होगा आप खुद का और शिशु का ख्याल रखें, हेल्दी डाइट ले, और अधिक से अधिक पानी पिए, यदि आपको किसी प्रकार की शंशा हैं तो अपने निरीक्षक से परामर्श कर सकते हैं

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