इस सप्ताह से शिशु बहुत कुछ इंसानी बच्चे के आकार में आने की शुरूआत करता हैं शिशु का सिर अपना आकार ले रहा है उसके गाल, जबड़े और चीन भी बनने लगे हैं अर्थात शिशु में शारीरिक अंगो का विकास होने लगा हैं
6 सप्ताह के पहले ही शिशु का दिल धड़कने लगता है मगर इस सप्ताह शुरूआत के साथ शिशु का ह्रदय अपनी कार्यप्रणाली शुरू कर चुका होता हैं जिसे आने वाले सप्ताहो में आप अल्ट्रासाउंड के जरिए देख भी सकती है।
छ: सप्ताह गर्भावस्था में शिशु के लगभग सभी अंग विकसित होने की अवस्था में आ जाते है हार्मोन्स तो जैसे धड़ाम धड़ाम निकल रहे होते है आपको एहसास भी हो रहा होगा परन्तु आंतरिक रूप से आपके शरीर में अनेकों परिवर्तन हो रहे होते है
कुछ दिन पहले ही तो आपको पता चला आप गर्भवती है जिसके बाद से ही अनेकों बदलाव होने लगते हैं आपमें भी और शिशु में भी
6 सप्ताह गर्भावस्था में आप खुद को पूरी तरह गर्भवती मान सकती हैं अब तो आप प्रेगनेंसी के शुरुआती लक्षण – हार्टबर्न, मतली और अत्याधिक पेशाब जैसी समस्या की चपेट में भी आने लगी होंगी
6 week of pregnancy मतलब – 2 माह गर्भावस्था
1st trimester मतलब – गर्भावस्था दूसरी तिमाही
34 week’s to go मतलब – 34 सप्ताह बचें
Table of Contents
गर्भावस्था छ: सप्ताह – शिशु विकास, प्रेगनेंसी सिंप्टम्स और देखभाल से जुड़ी जरूरी बाते | 6 week pregnant in hindi
Here’s quick summary
- आपके छोटे से शिशु का फेस अब आकार लेने लगा है उसके कान, चीन और जबड़े भी बनने लगे हैं
- शिशु का दिल भी अब धड़कने लगा है भ्रूण में दिल की धड़कन 5 सप्ताह गर्भावस्था से ही शुरू हो जाता हैं
- शिशु जिसकी पूछ भी है एक मेढ़क के बच्चे के समान दिख रहा होता हैं
छ: सप्ताह गर्भावस्था में शिशु में विकास | baby development by week 5 in hindi
शिशु का आकार 6 सप्ताह गर्भावस्था में – baby size at 6 week
शिशु का आकर अभी भी बहुत छोटा है 6 सप्ताह गर्भवती होने पर शिशु की लंबाई उसके सिर से पूंछ तक एक इंच के पांच चौथाई भाग के बराबर होता है लगभग चावल के एक दाने के जितना
शारीरिक अंगो का विकास
अभी के समय तो आपका शिशु (भ्रूण) शिशु के समान नहीं लग रहा होता है लेकिन इस शुरुआती दौर में बहुत कुछ है जो शिशु के अंदर चल रहा होता है –
- शिशु का दिल जो अभी भी विकसित हो रहा है यहीं वह पहला अंग होता है जो शिशु के शरीर में कार्यशील भी होता है क्योंकि 6 सप्ताह प्रेगनेंसी पहुंचने पर शिशु का दिल कभी न रुकने वाली धड़कनो की शुरूआत करता है
- न्यूरल ट्यूब भी इस सप्ताह बंद हो जाते हैं जो आगे चलकर शिशु के दिमाग, मेरुदंड में विकसित होते हैं
- शीशु में एक ऑप्टिक वेंट्रीकल है जो उसकी आंखों में विकसित होंगें
- दूसरे अंग जैसे – नाक, कान, जबड़े भी आकार लेने लगे हैं
- लिंब बर्ड जो शिशु के हाथ और पैरों का निर्माण करते हैं वह भी बनने लगे हैं
- डाइजेस्टिव, रिप्रोडक्टिव तथा यूरिनरी सिस्टम का भी विकास होने लगा हैं
शिशु की माप
एंब्राय (फेटल) डेवलपमेंट के समय डॉक्टर शिशु की माप उसके सिर से पूछ तक की लेते हैं क्योंकि जब शिशु विकसित होने लगता है उसके पैर मुड़े हुए होने की वजह से शिशु की लंबाई का सटीक अनुमान लगा पाना कठिन हो जाता है।
छ: सप्ताह में गर्भवती का शरीर | your body at 6 week pregnant in hindi
बार बार पेशाब लगना
बाहर से भले आपको कोई बदलाव नजर न आ रहा हो लेकिन प्रेगनेंसी में होनी वाली सुविधाए आपको 6 सप्ताह गर्भवती होने की याद जरूर दिला देती होंगी, हालंकि, बार-बार पेशाब की समस्या किसी भी गर्भवती को पसंद नहीं, लेकिन यह भी आपके प्रेग्नेंट होने के शुरुआती लक्षणों में एक है
प्रेगनेंसी हार्मोन एचसीजी के कारण आपके पेल्विस एरिया में ब्लड फ्लो बढ़ जाता हैं इस समय आपकी किडनी भी पहले से दोगुने रूप में कार्य कर रही होती है जिससे दूषित पदार्थों को निष्काशित किया जा सके, बढ़ता हुआ गर्भाशय भी आपके ब्लैडर पर प्रेशर डालने लगता है।
हार्टबर्न और इनडाइजेशन
पूरे गर्भावस्था के दौरान हार्टबर्न और इनडाइजेशन की समस्या होना पूरी तरह सामान्य रहता है तथा पूरी प्रेगनेंसी में इसे छुटकारा पाना ना के बराबर रहता हैं लेकिन कुछ चीजें आप कर सकते हैं जो आपको इसमें राहत दे सकता हैं कुछ खाद्य पदार्थ जिनसे आपको परहेज करना चाहिए
- पिज़्ज़ा
- पास्ता
- अत्याधिक चिप चिपा भोजन
- मसालेदार भोजन
- एक साथ बहुत सारा खाना
छ: सप्ताह गर्भावस्था के लक्षण | 6 week symptoms of pregnancy in hindi
बाहर से तो आप गर्भवती बिल्कुल नहीं लग रही होती, लेकिन अंदर से आप काफी कुछ अलग महसूस कर रही होती हैं प्रेगनेंसी हार्मोन्स भी 6 सप्ताह से ही अत्याधिक बढ़ना शुरू होते हैं
प्रेगनेंसी सिंप्टम्स अप्रत्याशित होते हैं कुछ लोगों के लिए यह बहुत तीव्र हो सकता हैं तो कुछ को ये महसूस ही नहीं होते, ये आपके साथ पूरे दिन भी रह सकते हैं अथवा आएंगे और चले जाएंगे, हालांकि, ये चिंता का कारण जरूर है इसलिए यदि आप चिंतित है तो अपने डॉक्टर से बात करें
भारी थकान महसूस करना
थकान महसूस होना सामान्यतः शुरुआती प्रेगनेंसी का ही लक्षण होता है प्रेगनेंसी हार्मोनस् का इसमें बहुत बड़ा हांथ होता है आपका शरीर इस समय बहुत मेहनत कर रहा होता है मानसिक और शारीरिक बदलाव के बीच खुद को स्थाई रखना प्रेगनेंसी के इस समय बहुत कठीन होता हैं जिसके कारण नींद की कमी, गलत खानपान, आत्याधिक तनाव, एनीमिया, शारीरिक ऊर्जा में कमी के कारण बनते हैं
मॉर्निंग सिकनेस
लगभग 80% गर्भवती महिलाओं को पहली तिमाही में उल्टी और मछली की शिकायत होती है पेट में होने वाली यह कमजोरी ही मॉर्निंग सिकनेस का कारण बनती है यह आपको दिन के किसी भी समय, आधी रात को भी हो सकते हैं
मूड स्विंग्स
बहुत से गर्भवतीयों मूड स्विंग्स बढ़ने की शुरुआत 6 से 10 सप्ताह के दौरान होती हैं, ये इमोशनल स्ट्रेस, तनाव, थकान और हार्मोनल बदलाव के कारण हो रहे होते हैं। इसके साथ ही आप अनेकों प्रकार की फीलिंग महसूस करेंगी गर्भवती होने पर यदि आप अत्याधिक रूप से तनाव महसूस करें तो इसपर अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर करें
स्तनों में सूजन और कसांव
ब्रेस्ट टेंडर्नेस (स्तनों में कसांव) प्रेगनेंसी के शुरुआती लक्षणों में एक है जो हार्मोनल बदलाव के कारण होते हैं इस समय शरीर में रक्त स्त्राव (फ्लूइड) में भी बढ़ोतरी हुई है जो स्तनों में सूजन और कसांव, दर्द और झुनझुनी का कारण भी बनते है।
मैटेलिक टेस्ट
शरीर में एस्ट्रोजन बढ़ने से आप अपने मुंह में एक मैटेलिक टेस्ट (धात्विक स्वाद) महसूस करेंगी, वैसे तो आप इससे छुटकारा नहीं पा सकती लेकिन ब्रश करना, गरारे लेना, चिंगम चबाना आपकी इसमें कुछ सहायता कर सकता है।
गर्भावस्था छठवे सप्ताह में पेट निकलना | Pregnant belly at 6 week in hindi
गर्भावस्था में कितना और कब पेट निकलेगा या बहुत से प्रकरणों पर निर्भर करता है जैसे गर्भ में शिशु की पोजीशन, गर्भवती की उम्र, गर्भवती की लंबाई (अधिकांशतः लंबे कद की महिलाओं में पेट कम और धीरे से निकलते हैं) अगर आपने दूसरी बार कंसीव किया है तो गर्भावस्था में पेट जल्दी दिखने लगता हैं क्योंकि पहली प्रेग्नेंसी में आपके पेट के मसल्स स्ट्रेच हो चुके होते हैं।
गर्भावस्था के छठवे सप्ताह में अल्ट्रासाउंड | Ultrasound in 6 week of pregnancy in hindi
प्रेगनेंसी के शुरुआती दिनों में आपको अल्ट्रासाउंड कराने की जरूरत नहीं, शुरुआत में अल्ट्रासाउंड की आवश्यकता तब होती है जब आप फर्टिलिटी मेडिसिन ले रही हो, मिसकैरेज हिस्ट्री या एक्टोपिक प्रेगनेंसी, दर्द व ब्लीडिंग की समस्या हो…
6 सप्ताह गर्भावस्था में डॉक्टर अल्ट्रासाउंड में
- गैस्टेशन सैक, योल्क सैक और छोटे से एम्ब्राय को देखेंगे जिससे प्रेगनेंसी कंफर्म किया जा सके
- गैस्टेशन सैक और एम्ब्राय को मापेगें जिससे प्रेगनेंसी में आप कितनी आगे आ चुकी हैं प्रेगनेंसी ड्यू डेट का सटीक अनुमान लगाया जा सके
- जुड़वा बच्चे होने की जांच की जाएगी
- शिशु की हार्ट बीट चेक की जाएंगी
गर्भावस्था छ: सप्ताह के लिए टिप्स | Self care tips 6 week pregnant in hindi
यहां आपको यह ध्यान रखना चाहिए जैसे सभी को एक जैसे प्रेगनेंसी लक्षण नहीं आते उसी तरह उनसे बचने के लिए एक जैसे उपाय भी काम नहीं आएंगे।
आपको स्वयं के लिए सही रास्ता चुनना होगा, और खुद को बचाना होगा।
अत्याधिक थकान से कैसे बचें
अत्याधिक थकान बताता है आपके शरीर को आराम की सख्त जरूरत है। इसलिए छोटी मोटी झपकी लेना फायदेमंद रहेगा और आपको अच्छा महसूस कराएगा। परन्तु यदि अपने दायित्वों के कारण खुद को आराम देने में असमर्थ हैं तो ये टिप्स आपकी मदद करेंगे…
- जल्दी सोने जाए
- निश्चित समय पर सोए और जागे
- कैफीन से दूर रहे
- रोज एक्सरसाइज करें
- हेल्दी तथा न्यूट्रिएंट भोजन करें
- शरीर में पानी की कमी न होने दें
पेशाब की समस्या से राहत पाए
वैसे बार-बार बाथरूम जाना संकेत है, आप सही मात्रा में पानी ले रही है आपको शरीर को हाइड्रेटड रखना चाहिए, यह दोनों माता और शिशु दोनों के लिए आवश्यक होता है, हालांकि, बार-बार पेशाब की समस्या तनावपूर्ण होती हैं…
- रोके नहीं, जब मन करे तब जाएं
- कोशिश करें, पूरी तरह खाली करने की
- फ्लूइड में कमी न करें
- शाम के समय इसे रोक सकती हैं ताकि रात में ज्यादा थकान ना हो।
लेकिन अगर आपको पेशाब की समस्या नहीं हो रही, इसका मतलब है आप पानी की सही मात्रा नहीं ले रही है। आपको खुद को हाइड्रेटेड रखना चाहिए
- रोज 10 से 12 गिलास पानी पिए
- प्यास बुझते तक पानी पिए
- कसरत या व्यायाम करने पर अधिक पानी पिए
पेट की मतली से छुटकारा
यदि प्रेगनेंसी में आप पेट की मतली और उल्टी जैसी समस्या से बचना चाहती है तो आप इन उपायों का प्रयोग कर सकती है
- भोजन थोड़ा-थोड़ा करके खाए ना की एक साथ बहुत सारा
- गर्म स्थानों से दूर रहें, इससे ऐठन अधिक हो सकती
- खाने के तुरंत बाद सोए नहीं
यदि कब्ज जैसी समस्याओं के कारण आप खाना सही से नहीं खा पाती तो कोई बात नहीं अभी इससे शिशु को किसी प्रकार से नुक्सान नहीं होगी, किन्तु आपको खुद को हाइड्रेटेड रखना चाहिए।
दूसरों की मदद ले
इन सभी बदलावों के होने के कारण शारीरिक और मानसिक रूप से कमजोर महसूस करना प्रेगनेंसी के इस समय सामान्य हैं इसलिए आपको इस समय अपने साथी या माता-पिता से मदद लेने में संकोच नहीं करना चाहिए
छ: सप्ताह के लिए प्रेगनेंसी डाइट
- प्रोटीन युक्त भोजन खाए – जैसे नाइट्स, मूंगफली, दाल
- यदि आप दूध नहीं पीना चाहती, तो आप दही का सेवन करें
- हरी सब्जियां खाये, रेशेदार फल और सब्जियां जरूर सेवन करे
प्रेग्नेंसी में ध्यान देने योग्य बातें
हालांकि, प्रेगनेंसी में यूरिनरी प्रॉब्लम्स, स्पॉटिंग सामान्य लक्षण है ये बताता हैं आपके शरीर में कुछ तो हो रहा है। लेकिन यदि आपको कुछ नया symptoms देखने को मिले तो डॉक्टर से सलाह जरूर ले… जैसे –
यूरिनरी ट्रैक इनफेक्शन
UTI जो एक बैक्टीरियल इंफेक्शन है यह अक्सर प्रेगनेंसी में हुआ करते है चूंकि इसके लक्षण प्रेगनेंसी से काफी मिलते-जुलते हैं तो शायद ही आप इसका पता लगा पाएंगी, आपको यूरिनरी ट्रैक्ट इनफेक्शन हुआ है।
यह जानने के लिए आपको खुद के प्रति जागरूक होना होगा। जैसे – दर्द, जलन, पेशाब में परेशानी, अत्याधिक ब्लीडिंग होना, पेशाब में खून, तथा म्यूकस से दुर्गन्ध अगर इनमें से कोई भी लक्षण आपको दिखे तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
मिसकैरेज
मिसकैरेज होना अति संवेदनशील रहता। किसी भी महिला के लिए गर्भपात होना अत्यंत पीड़ादायक रहता है। गर्भपात होने का खतरा पहली तिमाही में सबसे अधिक रहता है।
आपको सभी छोटे बड़े बदलावो पर ध्यान देने की आवश्यकता है लेकिन थोड़ा बहुत दर्द, ऐठन होना सामान्य रहता है।
यदि लंबे समय से कुछ लक्षण दिखाई दे रहे है, जो सामान्य ना हो – अत्यधिक ब्लीडिंग, पीड़ादायक अनुभव तो आपको डॉक्टर से तुरंत संपर्क करना चाहिए।
Hindiram के कुछ शब्द
6 week of pregnancy में काफी कुछ बदलाव देखने मिल जाएंगे। यहां आपके शिशु का पहला अंग कार्य करना शुरू कर देता हैं, साथ प्रेगनेंसी के 6 सप्ताह में माता में भी अनेकों बदलाव देखने को मिल जाएंगे