चार सप्ताह गर्भवास्था में आपको अनेकों परिवर्तन देखने को मिल जाएंगे, कुछ तो शारीरिक होंगे, परंतु अत्याधिक बदलाव आंतरिक ही रहते हैं
स्तनों में कसाव, एब्डोमिनल प्रेशर जैसे प्रेगनेंसी लक्षण भी आपको इसी सप्ताह दिखने को मिलेंगे, छोटी-छोटी कोशिकाओं का गुच्छा (शिशु) खुद को गर्भाशय में स्थापित कर रहा होता हैं जिसकी वजह से आप इंप्लांटेशन ब्लीडिंग महसूस करेंगी
हालांकि, अगर आपको चार सप्ताह गर्भावस्था में कोई भी प्रेगनेंसी सिंप्टम्स देखने को नहीं मिलता है इसका मतलब ये नही की आप गर्भवती नहीं हुई है क्युकी बहुत सी महिलाएं चार सप्ताह गर्भावस्था में कोई भी प्रेगनेंसी सिंप्टम्स महसूस नहीं करती हैं
4 week of pregnancy मतलब – 1 माह गर्भावस्था
1st trimester मतलब – गर्भावस्था दूसरी तिमाही
36 week’s to go मतलब – 36 सप्ताह बचें
Table of Contents
गर्भावस्था चार सप्ताह लक्षण – शिशु, प्रेगनेंसी सिंप्टम्स, केयर टिप्स और देखभाल से जुड़ी जरूरी बाते | 4 week pregnant in hindi
Here’s quick summary
- शिशु (एंब्रॉय) अभी कोशिकाओं के दो परतो में हैं एपिब्लास्ट और हाइपोब्लास्ट जो आगे चलकर शिशु और अन्य अंगों का निर्माण करती हैं
- वैसे तो 6 सप्ताह से पहले गर्भवती को अल्ट्रासाउंड की जरूरत नहीं पड़ती, हालांकि, यदि आप अल्ट्रासाउंड कराती हैं और आपको जुड़वा शिशु होने होंगें तो अल्ट्रासाउंड में आप दो प्रेगनेंसी सैक को देख सकेंगी
- प्लेसेंटा बनने से पहले अंडाणु के अन्दर एक योल्क सैक तैयार होता हैं यहीं सैक शिशु में रक्त निर्माण कराता हैं
चार सप्ताह गर्भावस्था में शिशु में विकास | baby development by week 4 in hindi
4 सप्ताह गर्भावस्था में शिशु का आकार – baby size
बावजूद इसके कि शिशु अभी बहुत छोटा है 1 मिलीमीटर या एक खसखस के दाने के आकार का, हालंकि, शिशु अभी अपने रहने के लिए घर का निर्माण कर रहा होता हैं
प्लेसेंटा और भ्रूण निर्माण
वैसे तो अभी आप खुद को ये सोचते हुए पाएंगी, क्या सच में आप गर्भवती हैं या नहीं! लेकिन चार सप्ताह गर्भावस्था में शिशु अपनी जगह पर आ गया हैं मतलब ब्लास्टोसिस्ट फैलोपियन ट्यूब से गर्भाशय तक सफर कर खुद को गर्भाशय की दीवार में स्थापित कर चुका होता हैं
जैसे ही भ्रूण खुद को गर्भाशय की दीवार से चिपका लेता है ये एक ऐसा जुड़वा बना लेता है जो आने वाले 8 महीने और पूरे जीवन भर रहेगा
ब्लास्टोसिस्ट स्थापित होने के बाद खुद को दो भागों में बांट लेता हैं जिसमें आधे शिशु का निर्माण करते हैं और बाकी बचे प्लेसेंटा का, प्लेसेंटा से ही भ्रूण को सभी तरह के पोषक तत्व जाते हैं तथा शिशु के वेस्ट प्रोडक्ट को प्लेसेंटा ही जन्म तक संभाले रखाता है
भ्रूण और एमनियोटिक सैक में विकास
एमनियोटिक सैक जिसे ‘पानी की थैली’ भी कहते हैं एमनियोटिक सैक गर्भ में शिशु को चारों ओर से घेरे रहता है जिससे योल्क सैक जो शिशु के अंगों में बदलते हैं।
अभी भ्रूण कोशिकाओ के तीन अलग अलग परतो में विभाजित हैं अंदरूनी परत जिसे एंडोडर्म (endoderm) कहते हैं आंतो, लीवर, फेफड़ों में विकसित होता है मध्य परत जिसे मेसोडर्म (mesoderm) कहते हैं दिल, जनन्नाग, हड्डियों, किडनी और मसल्स में विकसित होते है बाहरी परत एक्टॉडर्म (ectoderm) तंत्रिका तंत्र, बालों, आंखों और त्वचा का निर्माण करते हैं।
चौथे सप्ताह गर्भवती में शारीरिक बदलाव | your body at 4 week pregnant in hindi
कोई सिम्टम्स नहीं
निषेचन के एक सप्ताह बाद भी शिशु में विकास अपनी प्रारंभिक अवस्था में होता हैं जहां 4 सप्ताह गर्भवती में शरीर बदलावो के लिए तैयार हो रहा होता है यहां बहुत सी महिलाओ को तो प्रेगनेंसी का कोई लक्षण महसूस नहीं होता है
प्रेगनेंसी के लक्षण जों इस सप्ताह आप महसूस कर सकती हैं PMS जैसे – प्रेगनेंसी के शुरुआती लक्षण जिनमें मूड स्विंग्स होना, ब्लॉटिंग, क्रेपिंग शामिल है
चार सप्ताह गर्भावस्था में चाहे आप कुछ महसूस करें या ना करें, यह बहुत जल्दी हो जाएगा प्रेगनेंसी के कोई भी लक्षणों को महसूस करना
अंडाणु का गर्भ में स्थापित होना
अभी तो आप पूरी तरह गर्भवती भी नहीं हुई, क्युकी भ्रूण तो अभी गर्भ में स्थापित हो रहा हैं चलिए जानते हैं चार सप्ताह गर्भावस्था में क्या क्या होने वाला है?
इस सप्ताह शिशु माता से इस प्रकार जुड़ाव बनाता है, इंप्लांटेशन के जरिए, जो न सिर्फ आने वाले 9 महीनों बल्कि पूरे जीवन भर रहेगा
लगभग 25% महिलाओं को इंप्लांटेशन के समय ब्लीडिंग महसूस होती है जब कोशिकाओं का गुच्छा (शिशु) खुद को गर्भाशय की दीवार से चिपकाने का प्रयास करता है, हालांकि, इंप्लांटेशन ब्लीडिंग बहुत कम मात्रा में होता है ये हल्का गुलाबी, लाल या भूरे रंग का पीरियड से पहले होता हैं।
ब्लीडिंग की चिंता ना करें, यह कोई बुरा संकेत नहीं है यहां आप पेट में हल्का प्रेशर, स्तनों में कसाव या सूजन महसूस कर सकती हैं
प्रेगनेंसी हार्मोन स्त्रावित होना
फर्टिलाइजेशन के 6 से 12 दिन बाद निषेचित अंडाणु hCG हार्मोन स्रावित करने लगता है प्रेगनेंसी हार्मोन, जिसकी जांच से आप गर्भवती होने का पता लगा सकती हैं
hCG हार्मोन कॉरपस लेटीयम (जिस फॉलिकल से अंडाणु रिलीज हुआ है) को संकेत देता है कि अब उसे प्रोजेस्ट्रोन और एस्ट्रोजन हार्मोन का स्त्राव कर प्लेसेंटा के कार्यशील होने तक प्रेगनेंसी को सपोर्ट करे
चार सप्ताह गर्भावस्था के लक्षण | 4 week symptoms of pregnancy in hindi
इंप्लांटेशन ब्लीडिंग
इस सप्ताह अगर आपको स्पॉटिंग होती है जिस समय आपका पीरियड होता है ये संकेत है कि एंब्राय यूटरिन लाइनिंग (गर्भाशय) में स्थापित हो गया है। अगर स्पॉटिंग नहीं भी होती, तो चिंता ना करें, लगभग एक तिहाई महिलाओं को इंप्लांटेशन ब्लीडिंग या स्पॉटिंग नहीं होती है इसलिए इन सिम्टम्स के न होने का यह संकेत नहीं की आप गर्भवती नहीं हुई है
प्रिमेंस्ट्रुअल समान लक्षण
इन सभी हार्मोन प्रभावो को इससे पहले कभी आपने महसूस नहीं किया होगा, यही हार्मोन आपमें होने वाले बदलावो के लिए भी जिम्मेदार होते हैं जैसे स्वभाव में चिड़चिड़ापन आना, ब्लॉटिंग या ऐठन महसूस करना, अभी तक तो आप इन प्रेगनेंसी हार्मोनस् से परिचित हो गई होंगी क्योंकि आने वाले 9 महीनों में आप इनके बारे में बहुत सुनेंगे
कोई सिंप्टम्स महसूस न होना
वैसे तो इस समय गर्भवतियों को ज्यादा कुछ महसूस नहीं होगा, लेकिन अगले सप्ताह लगभग आधे से ज्यादा महिलाएं प्रेगनेंसी सिंप्टम्स महसूस करती हैं। हालांकि, शुरुआती प्रेगनेंसी लक्षण अधिकांशतः 6 सप्ताह से पहले दिखना शुरू नहीं होते हैं।
स्तनों में कसाव या सूजन
स्तनों में कसाव या सूजन आना भी प्रेगनेंसी के शुरुआती लक्षणों में एक है जो अधिकांशत: पहली तिमाही में शुरू होते हैं आप अपनें स्तनों को बढ़ते तथा निप्पल को डार्क होते देख सकती हैं कुछ महिलाओं को तो स्तनों पर हल्का नीला या बैंगनी रंग की नसे उभरी हुई नजर आती हैं
अत्याधिक थकान लगना
बहुत सी महिलाओं के लिए तो अत्याधिक थकान महसूस करना प्रेगनेंसी लक्षण की शुरूआत होती हैं। हालांकि, गर्भावस्था में थकान लगभग सभी महिलाओं को प्रभावित करता हैं जिसके पीछे प्रोजेस्ट्रोन हार्मोन का बहुत बड़ा हांथ होता है
उल्टी और मतली महसूस करना
मॉर्निंग सिकनेस अपने नाम के विपरीत दिन में भी किसी भी समय प्रभावी हो सकता है, वैसे तो इनकी शुरूआत 6 सप्ताह गर्भावस्था में हि हुआ करती है लेकिन चौथे सप्ताह से ही आप इन्हे महसूस कर सकती है। लगभग 80% से भी ज्यादा महिलाएं इसकी वजह से उल्टी और मतली महसूस करती है
मूड स्विंग्स होना
हार्मोन, स्ट्रेस और थकान सभी मिलकर प्रेगनेंसी में मूड स्विंग्स का कारण बनते हैं जो पहली तिमाही में अधिक तीव्र हो सकता है इसकी वजह से आप मानसिक रूप से प्रताड़ित महसूस कर सकती हैं लेकिन अगर आपको मूड स्विंग्स बहुत ज्यादा और तेज होने लगे हैं या 2 सप्ताह से अधिक इन्हे महसूस करे तो अपने हेल्थकेयर प्रोवाइडर से परामर्श करें, 14 से 30% महिलाएं इसकी वजह से डिप्रेशन भी महसूस करती हैं।
गर्भावस्था चौथे सप्ताह में पेट निकलना | pregnant belly at 4 week in hindi
वैसे तू गर्भावस्था में पेट निकलने के लिए अभी बहुत समय हैं, हालांकि, अगर आप ब्लॉटिंग महसूस करती है तो आपके सामान्य कपड़े भी आपको हल्के टाईट महसूस होगें, इसलिए उन कपड़ों का उपयोग करें जो आपके कमर पर ढीले होते हो जैसे – लैगिंस, जॉगर, मैक्सी ड्रेस, क्योंकि जब आपमें शारीरिक बदलाव होना शुरू होंगे तब यही आपकी मदद करेंगे
गर्भावस्था के चौथे सप्ताह में अल्ट्रासाउंड | ultrasoumd test in 4 week of pregnancy in hindi
गर्भावस्था के चौथे सप्ताह में आपको अल्ट्रासाउंड की जरूरत नहीं, हालांकि, यदि इस सप्ताह आप अल्ट्रासाउंड कराती हैं और यदि आपको जुड़वा होने वाले होंगे तो आप गर्भ में दो प्रेगनेंसी सैक को देख सकेंगी
गर्भावस्था चौथे सप्ताह के लिए टिप्स | self care tips 4 week pregnant in hindi
प्रेगनेंसी टेस्ट करें
अगर अभी तक आपने प्रेगनेंसी टेस्ट नहीं किया तो अब समय है एक होम प्रेगनेंसी टेस्ट करने का, सटीक परिणामों के लिए आपको पीरियड मिस होने का इंतजार करना चाहिए, सुबह की सबसे पहली यूरिन का उपयोग आप एचसीजी हार्मोन टेस्ट कर प्रेगनेंसी जांचने में कर सकते हैं। प्रेगनेंसी टेस्ट अगर नेगेटिव आता है तथा पीरियड भी नहीं आ रहा है तो आपको कुछ दिन इंतजार कर दोबारा प्रेगनेंसी टेस्ट करना चाहिए
ध्यान दें आपकी प्रेगनेंसी मेडिसीन सुरक्षित है या नहीं
प्रेगनेंसी में कोई भी मेडिसिन खाने से पहले आपको निरीक्षक से परामर्श लेंना चाहिए, इस समय भी यदि आप किसी मेडिसीन का सेवन कर रहे होते है तो निरीक्षक से पूछे, क्या इन्हीं लेना सुरक्षित होगा या नहीं!
आंतो का ध्यान रखें
गैस, ब्लाटिंग या आंतो में असुविधा महसूस करते हैं तो आपको खाने को छोटे-छोटे मिल्स में खाना चाहिए, खाने को धीरे-धीरे चबाएं, खाते समय अधिक पानी ना पिए और कार्बोनेटेड खाद्य पदार्थ, आर्टिफिशियल स्वीटनर्स से दूर रहें, आपको प्रीनेटल योगा, एक्सरसाइज करना चाहिए
विटामिन डी सेवन करें
वैसे तो अधिकांश विटामिन डी आप सूर्य की किरणों और दूध से लेंगी, अगर आप दूध नहीं पीती है तो आपको उन चीजों की खोज करनी चाहिए जिसमें आपको विटामिन डी भरपूर मात्रा में मिल सके
ऐसा इसलिए, क्योंकि, विटामिन डी मजबूत दांतो और हड्डियों के लिए आवश्यक होता है। विटामिन डी कैलशियम अब्जॉर्प्शन में भी मददगार होता हैं
प्रीनेटल विटामिंस लेने से भी विटामिन डी की कमी को पूरा किया जा सकता हैं ये आपको ऑरेंज जूस, एग योल्क से ले सकते हैं
अपनी प्रेगनेंसी ड्यू डेट पता करें
प्रेगनेंसी ड्यू डेट पता करने के लिए आपको कोई कठिन गणित सीखने की जरूरत नहीं है प्रेगनेंसी ड्यू डेट पता लगाना बहुत आसान है एक फूलटर्म प्रेगनेंसी 40 सप्ताहों की होती हैं प्रेगनेंसी ड्यू डेट महिला के आखरी मासिक चक्र से 40 सप्ताह बाद होता है।
हालांकि, प्रेगनेंसी ड्यू डेट दिन भी अगर महिला शिशु को जन्म भी दे देती है तब भी शिशु को 38 सप्ताहों का माना जाता हैं क्युकी प्रेगनेंसी की गिनती महिला के कंसीव करने के दो सप्ताह पहले से किया जाता है तथा जब आप पॉज़िटिव प्रेगनेंसी रिजल्ट चेक करती है उस समय आप 4 सप्ताह गर्भवती होती हैं।
आपको यहां बिल्कुल भी नहीं मानना चाहिए कि प्रेगनेंसी ड्यू डेट दिन ही आप शिशु को जन्म देंगी, क्योंकि प्रेगनेंसी ड्यू डेट तो बस एक अनुमानित दिन है अधिकांशत: शिशुओं का जन्म 38 से 42 सप्ताहों के बीच होता है। केवल कुछ प्रतिशत शिशुओं का जन्म संभावित तिथि को होता हैं।
Hindiram के कुछ शब्द
Pregnancy week 4 in hindi : इस सप्ताह भले आप प्रेगनेंसी के सभी लक्षणों को महसूस न करें, लेकिन बहुत से प्रेगनेंसी सिंप्टम्स की शुरूआत 4 week of pregnancy से शुरू हो जाती है प्रेग्नेंसी का पता आप प्रेगनेंसी टेस्ट से कर सकते हैं