फैब्रिक कितने प्रकार के होते हैं? उनके पहचान और उपयोग

मुझे मालूम है आप मेरा विस्वास नहीं करोगे!

 

फैब्रिक तीन प्रकार के होते है, कॉटन, सिल्क और लिनन, सही कहा ना! देखिए… हां ये सच है जिन फैब्रिक्स का उपयोग अधिकतर हम करते वे यही तीन हैं! परंतु मुझे लगता है आपको सच जान जाना चाहिए…

फैब्रिक सिर्फ तीन नहीं, इसके और भी प्रकार होते है। शायद जो कपड़ा आपने पहना हो वह भी किसी दूसरे फैब्रिक प्रकार से बनाया गया हो।

लेकिन अधिकतम लोग सिर्फ दो या तीन TYPES OF FABRICS जानते है – या तो कॉटन, सिल्क, लिनन या ज्यादा से ज्यादा वूलेन को जानते होगे।

पर यहां आपको मै उन सभी फैब्रिक्स के टाइप बताऊंगा, जिनको अपने देखा तो है, या शायद पहना भी होगा। लेकिन  फैब्रिक कितने प्रकार के होते है जान नहीं पाए हैं। साथ ही हम जानेंगे febric ki pehchan कैसे करें

तो चलिए जाने, फैब्रिक और उससे बने कपड़ों के प्रकार

कपड़ों के फैब्रिक और उनके प्रकार

 

फैब्रिक्स-कितने-प्रकार-के-होते-हैं

सभी फैब्रिक्स के नाम और प्रकार कुछ देर में आपको पता लग जायेंगा, पर आपको नही लगता फैब्रिक कैसे बनाए जाते है तथा उन्हें किससे बनाया जाता हैं आपको ज्ञात होना चहिए? यही आपको कपड़े के प्रकार समझने में सहायता करेगा।

फैब्रिक्स को फाइबर से बनाया जाता है और ये फाइबर इंसानों को बहुत सारे माध्यमों से प्राप्त होता है। जिससे विभिन्न कपड़े के प्रकार बनाए जाते है। हालांकि, फाइबर भी अलग अलग प्रकार के रहते है आयीए जाने…

फाइबर के कितने प्रकार होते ?

  

कपड़े के फाइबर, धागे को बनाने में लगने वाले रेशों को कहा जाता है, इन रेशों को गूंथ कर ही धागे बनाये जाते है। जिनसे विभिन्न कपड़े के प्रकार बनते है। कपड़े के फाइबर तीन प्रकार के होते है:  

1.  Natural fibre

2.  Poly synthetic fibre 

3.  Man made fibre (synthetic fibre)

तथा इनके मिश्रण से ही विभिन्न प्रकार के फैब्रिक का निर्माण किया जाता है जिनका उपयोग फिर कपड़े या दूसरे प्रकार के चीजों में भी करते है।

1. नेचुरल फाइबर तथा प्राप्त फैब्रिक्स

प्राकृतिक पेड़ पौधों, जीव जंतुओं द्वारा प्राप्त किए जाने वाले फाइबर नेचुरल फाइबर कहलाते है। ये उपयोगी और लाभकारी दोनों रहते एवं हानिकारक गुणों से वांछित रहते हैं। इनका उपयोग कपड़ों के अलावा भी उद्योग कार्यों में किया जाता है।

पेड़ों से प्राप्त फैब्रिक्स

कॉटन :  यह पूरी तरह सेल्यूलोज फाइबर से बना फैब्रिक है। जो कपास के बीज से निकलता है सफेद रंग का ये सेल्यूलोज फाइबर बेहद हल्का रहता, कपास के पौधे कहीं भी उगाये जा सकते है और इसे अधिक सिंचाई की भी जरूरत नहीं।

कॉटन की पहचान

  1. कॉटन फाड़ने से कागज़ समान फट जाता
  2. कॉटन जलाने पर आसानी से जलता
  3. जलने पर यदि इसमें गांठे बने तो ये प्योर कॉटन नहीं

 विशेषताएं

  • कॉटन हल्का रहता
  • कॉटन से पतले और मोटे दोनों कपड़े बनते 
  • कॉटन पानी अधिक सोखता

उपयोग:

मुख्यत: कपड़े के प्रकार बनाने

कपोक : (kapok) यह भी कॉटन के जैसे दिखने वाला फैब्रिक है इसे सिल्क कॉटन नाम से जाना जाता है। यह लंबे आकार के बीजों से प्राप्त किया जाता है। इसके अधिकांश पेड़ उत्तरी अफ्रीका में पाए जाते हैं, लेकिन इसे पश्चिमी एशियाई देश में भी देखने को मिल जाता है। इसकी पहचान कॉटन की तरह कर सकते हैं

विशेषताएं

  1. जल्दी सूखता 
  2.  नाजुक रहता
  3.  लचीला रहता

 उपयोग

  •  तकियो में भरने,
  •  लाइफ जैकेट्स में भरने

छाल से प्राप्त फैब्रिक्स

लिनन : इसे सन या अलसी के पौधों से लिया जाता है लिनन फाइबर इसके पौधे की तरह लचीला रहता है। आज के समय लिनन के नाम को क्वालिटी और महंगे फैब्रिक के प्रकार रूप में लिया जाता हैं।

लिनन की पहचान

  1. कपड़े में सिलवटें जल्दी नहीं आती
  2. आग के पास लाने पर तुरन्त जल जाता
  3. जल्दी सुख जाता

विशेषताएं

  • सिलवट नहीं होते
  • चिकना रहता
  • महंगा होता

उपयोग

  • सूट बनाने 
  • शर्ट कपड़े बनाने 
  • बेड-शीट बनाने

गांजा : (hemp) इस fibre को पेड़ के घास रूपी छालों से लिया जाता है उदाहरण के लिए गांजे के पेड़, इसकी पहचान इसके मोटे रशशीयो से की जा सकती

विशेषताएं

  1.  टिकाऊ 
  2.  समय के साथ पतला
  3.  मजबूत

उपयोग

  • हल्के कपड़े बनाने में,
  •  रस्सी या केबल के रूप में

जूट : (jute) यह भी गांजे और अलसी की तरह छाल से प्राप्त किया जानेे जाने वाला एक प्रकार का फैब्रिक है। हालांकि इससे किसी भी प्रकार के कपड़े नहीं बनाए जाते है।

विशेषताएं

  1. मजबूत रस्सी के सामान
  2.  लंबा रहता
  3. चिकना रहता

उपयोग:

  •  फर्नीचर
  •  रस्सी

रमिय : (ramie) इसे चाइना ग्रास के नाम से भी जाना जाता है,इसके पौधे एक चिपचिपी गोंद के सामान फाइबर बनाते हैं जिससे फैब्रिक बनता है 

 

विशेषताएं

  1. समय के साथ चिकना
  2.  चमकीला
  3.  मजबूत

उपयोग

  • कॉटन sweater
  •  तोलिया

Protein से प्राप्त फैब्रिक्स

कश्मीरी : यह एक ऊनी फाइबर है। जिसे कश्मीरी बकरियों के बालों और खाल से बनाया जाता है। यह गर्म होते हैं। वैसे तो जो फैब्रिक भेड़ से आता है वह 36 माइक्रोन का होता है, लेकिन कश्मीरी बकरियों से मिलने वाला फाइबर 7 से 19 माइक्रोन का रहता है

विशेषताएं

  1. पतला होता
  2. गरम रहता
  3. हल्का होता
  4. महंगा मिलता

उपयोग

  • बच्चों के कपड़े
  •  स्वेटर

ऊट : (वूलन) वैसे तो आप नाम से ही जान गए होंगे यह फैब्रिक ऊट से आता होगा – जी हां आपने सही जाना है इसे ऊंट के बाहरी खाल से बनाया जाता है, यह भी दो तरह के होते हैं- एक तो जिसमें बाहरी खाल को लिया जाता है और दूसरी ऊपरी खाल (बाल वाले हिस्से को)।

 विशेषताएं:

  1.  गरम
  2.  ऊष्मा के सुचालक
  3.  मजबूत

 उपयोग:

  •  जैकेट
  •  बेल्ट

अल्पाका : (alpaca) यह नाम पश्चिमी अमेरिका में पाए जाने वाले मादा जंतु का है जो की ऊंट की तरह होते हैं। लोग इनसे मिलने वाले फाइबर को अल्पाका फैब्रिक बनाने में इस्तेमाल करते हैं। जब इससे फैब्रिक का निर्माण किया जाता हैं तो यह फूल सा जाता है जिससे इसमें लचीलापन भी आ जाता, जिससे इसकी पहचान कर सकते हैं।

 विशेषताएं

  1. आलीशान दिखता 
  2. गरम 
  3. कोमल

 उपयोग:

  • कपड़ों के बाहरी परत में
  • स्वेटर
  •  टोपी

लामा : (lamas) इसे बनाने वाले, पालतू लामा के खालो का उपयोग इस फैब्रिक को बनाने में करते हैं। वैसे जितने भी ऊंट, अल्पाका होते, सभी लामा पशुओं के शाखा से ही होते हैं

 विशेषताएं

  1. हल्काा
  2. मजबूत 
  3. ऊष्मा के सुचालक

 उपयोग

  • दीवारों को सजाने
  • कपड़ों में

रेशो से प्राप्त फैब्रिक्स

रेशम (silk) : यह फैब्रिक रेशम की कीटो के लारवा द्वारा बनाया जाता है जिसे कुकून भी कहते हैं। सबसे बेस्ट कुकून शहतूत के पेड़ से लिया जाता है।

सिल्क की पहचान

  • जलने पर बहुत तेजी से जलता
  • इसके आग को जल्दी नहीं बुझाया जा सकता

विशेषताएं

  1. कोमल
  2. चिकना
  3. चमकदार
  4. हल्का

उपयोग

  • फॉर्मल ड्रेस
  •  शर्ट

2. मैन मेड फाइबर तथा प्राप्त फैब्रिक्स

जिसे कृत्रिम या सिंथेटिक फाइबर कहां जाता है इसे इंसानों द्वारा विभिन्न रसायनिक अभी क्रियाओं के प्रयोग से निर्मित किया जाता है लेकिन यह हानिकारक भी होते हैं।

सिंथेटिक कपड़े के नाम फैब्रिक्स

पॉलिस्टर : यह एक तरह का पॉलीमर है। जिसमें एस्टर फंक्शनल ग्रुप जुड़ा होता है इसे अक्सर पॉलिथीन टेरापथैलेने (pet) से जोड़ा जाता है जिससे रेेशे बनाााए जाते हैं

विशेषताएं

  1. टिकाऊ
  2.  मजबूत
  3.  हल्का

उपयोग

  • स्पोर्ट्स कपड़े
  •  जूतों में

नायलॉन : यह फाइबर अपने लचीलापन और मजबूती की वजह से जाना जाता है

 

विशेषताएं

  1. चमकीला 
  2. लचकदार

उपयोग

  • जैकेट्स में

स्पंडेक्स / लाइक्रा : यह कृत्रिम फाइबर polyurethane से बना होता है। या अपने रबर जैसे खिंचाव और लचीलापन के कारण फेमस है। जिसका उपयोग अक्सर अंडर गारमेंट बनाने में किया जाता है

विशेषताएं:  

  1. हल्का
  2. लचीला
  3. सोख्ता नहीं

उपयोग:

  • स्पोर्ट्स वियर
  • होम फर्निशिंग

एक्रीलिक : यह रेशों के रूप में लिया जाता है बाद में इसके छोटे टुकड़े किए जाते हैं यह गर्म होते हैं जो ऊंट के फैब्रिक use नहीं करना चाहते, वो इसे इस्तेमाल कर सकते है।

विशेषताएं

  1. हल्का
  2. नरम
  3. हाइपो एलर्जी

उपयोग

  • स्वेटर
  • जैकेट्स
  • कारपेट


3. पॉली सिंथेटिक फाइबर

इसे इंसानों द्वारा प्रकृति से मिले फाइबर को कृत्रिम फाइबर के साथ मिलाकर बनाया जाता है मिश्रण की वजह से इनमें प्राकृतिक और कृत्रिम दोनों फाइबर के लाभकारी गुण आ जाते हैं

पॉली सिंथेटिक फाइबर के प्रकार 


पॉली कॉटन : क्या हैं? पॉली कॉटन एक सेमी सिंथेटिक फाइबर है। पॉली कॉटन अधिकतर कपास और पॉलिस्टर के मिश्रण से बनाए जाते हैं, परंतु लचीले पन के लिए स्पैंडेक्स या लाईक्रा का भी प्रयोग किया जाता है। यह कॉटन की अपेक्षा मजबूत, टिकाऊ और सस्ता होता है।

विशेषताएं

  1. अपेक्षाकृत मजबूत रहता
  2. लंबा टिकाऊ
  3. सस्ता

उपयोग

  • कॉटन में मजबूती के लिए
  • कपड़े में

रायोन : यह एक तरह का सिल्क फैब्रिक है जो लकड़ियों के गुदो या पौधों कि छालो को रसायनों में मिलाकर बनाया जाता है। इसे सिंथेटिक सिल्क भी कहा जाता है। क्युकी देखने में बिल्कुल सिल्क के समान रहता है। 

विशेषताएं

  1. सिल्क का अच्छा विकल्प
  2. चिकना

उपयोग

  • गर्मियों के कपड़े
  • कारपेट

लयोसैल (lyocell) : यह फाइबर भी रियान की तरह होते हैं। लेकिन इसे बनाने के लिए लकड़ी के गुदो को घोला जाता है, फिर उसे सुखा कर मशीनों से फाइबर तैयार किया जाता है।

विशेषताएं

  1. मजबूत
  2. जीवाणु रोधी 
  3. महंगे

उपयोग

  • कपड़े
  • बेल्ट 
  • चिकित्सीय पटिया

एसीटेट, ट्राइएसीटेट (acetate, triacetate) : इसे बनाने के लिए कॉटन के रेशों को लकड़ी के गुदो के साथ एसीटेट अम्ल में मिलाया जाता है। एसीटेट और ट्राई एसीटेट दोनों अलग होते हैं

विशेषताएं

  1. सिकुड़ जाते हैं
  2. जल्दी सोते हैं

उपयोग

  • कपड़ों में 
  • कोटिंग में

विस्कोज : यह आधे सेमी-सिंथेटिक रियोन फैब्रिक की तरह होते हैं। जिसमें लकड़ी के गुदो का उपयोग सिल्क की तरह किया जाता हैै

विशेषताएं

  1. कलर नहीं जाता
  2. हल्का

उपयोग

  • कपड़ों में


कुछ अन्य फैब्रिक के प्रकार

ग्लास फैब्रिक : यह ग्लास फाइबर के मदद से बनाएं जाते हैं यह मजबूत होते हैं साथी इनका उपयोग आग से बचने में भी किया जाता है

विशेषताएं

  1. लंबे टिकते हैं
  2. मजबूत

उपयोग

  • कपड़ों
  • ऑटोमोबाइल

मैटेलिक फैब्रिक : यह फैब्रिक मेटल से नहीं बने होते हैं बल्कि इस तरह के फैब्रिक या कपड़ों को बनाने के बाद उसमें metal की एक पतली परत चढ़ाई जाती है

विशेषताएं:

  •  flexible

उपयोग

  1. ठंड के कपड़े 
  2. सुरक्षा के कपड़े


FAQ : पूछे जाने वाले सवाल


सबसे अच्छा कपड़ा कौन सा है ?

कॉटन सबसे अच्छा कपड़ा है, क्युकी इसे आप साल के किसी भी वक्त पहन सकते है – सर्दी, गर्मी, बरसात जिसके बाद सिल्क, लिनन और कुछ सिंथेटिक्स कपड़े आते है, जिन्हें लोग अत्याधिक पहनना पसंद करते है।


वस्त्रों के प्रकार कितने होते है ?

वस्त्रों के प्रकार में कॉटन, सिल्क, और लिनन पहले आते है जिसके बाद ऊनी, खादी, मलमल, कश्मीरी, रेयान, लाइक्रा, स्पंडेक्स, ब्रोकेड, ग्रोगेट, पॉली कॉटन, विस्कोज रेयान, क्रेप के वस्त्र आते है

HINDIRAM के कुछ शब्द

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