सफेद पानी से कैसे छुटकारा पाएं? | ल्यूकोरिया का रामबाण घरेलू इलाज

आज के समय महिलाओं व लड़कियों में सबसे ज्यादा सफेद स्त्राव की समस्या व्याप्त हैं। साफ सफेद पानी जैसा स्त्राव सामान्यतः महिलाओं को पूरे मासिक चक्र भर अलग अलग समय पर होते रहता है। भारी कसरत, व्याम या भारी भरकम कार्य करने से इसमें बढ़ोतरी देखी जा सकती है। 

स्त्राव का रंग बहुत से चीज़ों पर निर्भर करता हैं यहां आप इसके आकार प्रकार से ही इसके होने की वजह को जान सकते हैं।

चलिए जानते है सफेद पानी का जाना कब – कब अस्वाभाविक रहता हैं? विशेषज्ञ को कब दिखाना चाहिए? श्वेत प्रदर या सफेद पानी का रामबाण दवा ईलाज क्या है सफेद पानी का घरेलू उपचार…

Table of Contents

सफेद पानी का रामबाण दवा | ल्यूकोरिया का घरेलू इलाज | Safed pani ki ramban dawa

Leucorrhoea-treatment-in-hindi

योनि स्राव एक सामान्य प्रक्रिया है जो प्रकृतिक रूप से योनि को स्वच्छ और स्निग्ध बनाने के लिए स्त्रावित होता है यह मासिक चक्र के अनुरूप परिवर्तित होते रहता हैं। ग्रीवा से श्लेमा का बाहर आना ही योनिक स्त्राव कहलाता हैं इसे “सफेद पानी” आयुर्वेद में “श्वेत प्रदर” कहा जाता हैं। 

सफेद रंग का चिपचिपा पदार्थ, जब ये रंग, गंध, गंधहिन अथवा दुर्गंध के साथ होने लगे निश्चित ही ये किसी बीमारी का लक्षण है अंग्रेजी में इस बिमारी को लूकोरिया के नाम से जाना जाता हैं।

श्वेत प्रदर (सफेद पानी की समस्या) को गहराई से समझने के लिए इसे हम पांच भागों में विभाजित करते हैं –

  1. पहला – इसमें सफेद पानी की समस्या सामान्यतः मासिक धर्म चक्र शुरूआत से लेकर मासिक धर्म चक्र के अंत तक ही रहता हैं।
  2. दूसरा – संभोग के दौरान क्षति लगने अथवा किसी ऐसे व्यक्ति के साथ सम्बंध स्थापित करना, जो पहले ही किसी यौन संक्रमण से पीड़ित हैं लूकोरिया का कारण बन सकता हैं।
  3. तीसरा – गर्भाशय के अन्दर इंफेक्शन होना भी सफेद पानी की समस्या का कारण बन सकता हैं।
  4. चौथा – यूट्रीन कैंसर की अवस्था में भी लूकोरिया के लक्षण दिखाई देते है 
  5. पांचवा – गर्भपात या गर्भाशय के अग्र भाग में इंफेक्शन, सूजन या लालीपन के कारण भी लूकोरिया हों सकता हैं।

ल्यूकोरिया के लक्षण / श्वेत प्रदर होने के क्या लक्षण होते हैं? | symptoms of luchoriya

ल्यूकोरिया का पहला और मुख्य लक्षण तो यहीं हैं योनि से अधिक मात्रा में स्त्राव (सफेद पानी) निकलता हैं जो दुर्गंध भरा भी हो सकता हैं।

  • योनि स्थल पर खुजली कि शिकायत रहतीं हो
  • आलस व थकान अधिक महसूस होता हो
  • स्वाभाव में चिड़चिड़ापन
  • किसी भी काम में मन न लगना
  • कमर दर्द
  • चक्कर आना
  • योनि मार्ग में तेज खुजली व जलन
  • दर्द भरा सहवास
  • हरा, पीला, गाढ़ा, चिपचिपा स्राव

सफेद पानी जाना स्वाभाविक या अस्वाभाविक ल्यूकोरिया | Normal or abnormal Safed pani aana | safed pani ka ramban dawa

ल्यूकोरिया स्वाभाविक होना

सफेद पानी का आना महिलाओं में स्वाभाविक से होता रहता है माहवारी के पूर्व या अंत में, अंडोत्सर्ग के दौरान, गर्भवास्था में भी सफेद स्त्राव देखने को मिल जाता हैं, यौन उत्तेजित होने पर भी योनि से सफेद स्त्राव निकलने लगता हैं

इसमें आपको किसी तरह के इलाज की जरूरत नहीं बल्कि सही जानकारी का होना ही पर्याप्त हैं… 

स्वाभाविक ल्यूकोरिया कब समान्य है?

  • नवजात बालिकाओं में
  • यौन उत्तेजित होने पर
  • रजो प्रवाह से पूर्व 
  • बिजोत्पत्ती के दिन
  • ज्ञात कारणों से 

ल्यूकोरिया अस्वाभाविक होना

अस्वाभाविक ल्यूकोरिया किसी गंभीर समस्या का संकेत है यहां आप स्त्राव के आकार – प्रकार, रंग को देखकर उस बीमारी का पता लगा सकते हैं जिस कारण से ल्यूकोरिया हो रहा है

उदाहरण के लिए – 

सफेद रंग का स्त्राव 

मासिक धर्म (पीरियड्स) के दौरान या इसके बाद सफेद रंग का स्त्राव सामान्य हैं लेकिन यदि इसके साथ आपको खुजली या जलन हो तब यह खमीर संक्रमण का कारण हो सकता है।

साफ और फैला हुआ स्त्राव  

यह श्लेष्मा है। जब स्त्राव साफ और फैला हुआ होने लगें (पानी के समान), यह संकेत हैं महिला अंडोत्सर्ग के क्षणों में है अर्थात Oviulation होने वाला है 

पीला या हरा स्त्राव 

स्त्राव अगर पीले या हरे रंग में हैं तब सतर्क हो जाना चाहिए क्युकी ये किसी गंभीर समस्या का संकेत है जैसे – तीव्र संक्रमण, आन्तरिक चोट, सूजन, स्त्राव के साथ दुर्गन्ध आ रहा हो तो आपको तुरन्त इसकी जांच करानी चाहिए

भूरा स्त्राव 

भूरा स्त्राव अक्सर माहवारी के अंत में दिखाई पड़ता हैं इसमें सामान्यतः श्लेष्मा बाहर आता है जब महिला गर्भधारण नहीं कर पातीं है

रक्त स्त्राव

स्त्राव के साथ रक्त आना, जों कई बार मासिक चक्र के बीच में भी होता है bloody discharge होने को प्रेगनेंसी के शुरुआती लक्षणों मे एक माना जाता है यह तब होता हैं जब अंडाणु निषेचित होकर खुद को गर्भाशय में स्थापित कर रहे होते है।

हालांकि, जब असमान्य रूप से योनि स्त्राव होने लगें (सफेद बदबूदार गाढ़ा स्त्राव) महिला खुद को कमजोर, दुर्बल महसूस करने लगे तब तुरन्त इसकी जांच कराएं। ये उन महिलाओं को अधिक होता है जो गर्भाशयग्रीवाशोथ अथवा योनिशोथ से पीड़ित हैं। 

सामान्यतः ल्यूकोरिया खुद कोई रोग नहीं अपितु गर्भाशय अथवा योनि से सम्बंधित अन्य रोगों का सूचक होता हैं ल्यूकोरिया में आपको निम्न लक्षण दिखेंगे –

लिकोरिया का घरेलू इलाज | सफेद पानी का रामबाण दवा घरेलू नुस्खा |  Safed pani ka ilaj | Safed pani ka ramban dawa

ल्यूकोरिया से बचाव किसी भी चिकित्सिय उपचार की तुलना में सर्वश्रेष्ठ है इसके लिए सर्वप्रथम आपको योनि कि साफ सफाई पर विशेष ध्यान देना चाहिए। धोने के लिए सर्वोप्युक्त फिटकिरी के जल का उपयोग योनि की सफाई में कर सकते हैं। यह जीवाणु नाशक और औषधि समान कार्य करता है।

  • मैथुन के बाद सौम्य साबुन से सफाई करना ना भूलें
  • मल-मूत्र त्याग के पश्चात संपूर्ण अंगो को अच्छी तरह से साबुन से धोएं
  • बार-बार गर्भपात होना भी सफेद पानी का प्रमुख कारण हो सकता है इसलिए महिलाओं को अनचाहे गर्भ के प्रति सतर्क रहते हुए गर्भ निरोधक उपायों का प्रयोग करना चाहिए 
  • शर्म त्यागकर इसके बारे में अपने पति एवं डाक्टर को बताएं

शीशम के पत्तों को सेवन करें – सफेद पानी का रामबाण दवा

रोज ताजा 8 से 10 शीशम के पत्तों को पीसकर जूस बनाएं तथा महिलाएं इसका रोज सेवन करें, सफेद पानी की समस्या में यह आयुर्वेदिक नुस्खा बहुत लाभ पहुंचाता है ध्यान रखे इसके लिए सदैव ताजा पत्तों का ही इस्तेमाल करें

प्रति रोज यदि ताजा शीशम के पत्ते संभव ना हो पाए तो ताजा शीशम के पत्तों को छांव में सुखाकर उसका पाउडर बना लें तथा रोज इसका सेवन करें।

नीम से लिकोरिया का इलाज – neem safed pani ka ilaj

आयुर्वेद मे ल्यूकोरिया के ईलाज के लिए नीम को बहुत ही कारगर औषधि मानी जाती है ये शरीर के हानिकारक जीवाणुओं से लड़ता और सभी दूषित पदार्थो को बाहर निकालता हैं।

औषधीय गुणों से भरपूर नीम में एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-फंगल, एंटी-इन्फ्लामेंट्री और एंटी-ऑक्सीडेंट जैसे गुण मौजूद हैं जो महिलाओं को सफेद पानी की समस्या से छुटकारा दिलाता हैं

नीम से लिकोरिया का ईलाज कैसे करें

  • नीम की ताजी पत्तियां लेंकर उसका जूस तैयार करें, तथा रोजाना 20ml की मात्रा में दो बार सेवन करें
  • नीम की ताजी पत्तियों को गर्म पानी में उबालें और ठंडा होने दें, इस पानी से जननांगो की सफाई करें
  • नीम का तेल संक्रमित स्थान (योनि) में लगाना श्वेत प्रदर में लाभ पहुंचाता हैं

आंवला सफेद पानी की रामबाण दवा – gooseberry safed pani ka ilaj 

भारत का करौंदा कहे जाने वाला ये फल एंटी ऑक्सीडेंट, एंटी-इन्फ्लामेंट्री और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाले गुणों के साथ आता हैं जिसका उपयोग महिलाओं को ल्यूकोरिया जैसी समस्या से निजात पाने में बहुत मदद करता हैं।

इसके लिए आप नियमित रूप से 4-4 चम्मच आंवला का जूस दो बार दिन में पिए 

आंवला से लिकोरिया का ईलाज कैसे करें

  • गर्म पानी के साथ आंवला चूर्ण का सेवन करें
  • आंवले का पेस्ट संक्रमित एरिया ( वेजाइना ) में लगाना लाभकारी रहता हैं ज्यादा लाभ के लिए दिन में 2 बार इसका प्रयोग करें
  • फ्रेश आंवले का सेवन भी leucorrhoea के लिए फायदेमंद रहता हैं

एलोवेरा सफेद पानी का रामबाण इलाज – alovera for leucorrhoea treatment 

ल्यूकोरिया में एलोवेरा का प्रयोग खुजली, जलन, इरिटेशन जैसी समस्याओं में आराम पहुंचती हैं। एलोवेरा के जूस का सेवन महिलाओं में गर्भाशय को मजबूत बनाने में मदद करता है।

एलोवेरा से लिकोरिया का ईलाज कैसे करें

  • रोजाना एलोवेरा का जूस पिए
  • फ्रेश एलोवेरा के पल्प को संक्रमित जगहों पर लगा सकते हैं
  • एलोवेरा और पानी को समान मात्रा में मिलाकर इससे वेजाइना की सफाई करना खुजली, जलन जैसी समस्या में राहत पहुंचाता है इरिटेशन जो ल्यूकोरिया के साथ आता हैं उसमें भी मदद करता हैं।

मेथी सफेद पानी का रामबाण इलाज – methi for leucorrhoea treatment

दर्द, सूजन, वेजाइनल इरिटेशन जो ल्यूकोरिया के साथ आते हैं उसमें मेथी का उपयोग आराम पंहुचाने के लिए बहुत ही कारगर औषधी है। ल्यूकोरिया में आप मेथी का सेवन निम्न प्रकार से कर सकते हैं।

मेथी से लिकोरिया का ईलाज कैसे करें

  • एक चम्मच मेथी दाना एक गिलास पानी में रात भर भिगोएं, अब छानकर इस पानी को रोज सुबह खाली पेट पिएं
  • चाहे मेथी के फ्रेश पत्तों को खाने के साथ भी प्रयोग कर सकते हैं।
  • मेथी पाउडर या चूर्ण को गर्म पानी के साथ प्रतिदिन सेवन करना भी फायदेमंद रहता हैं।

धनिया से सफेद पानी का ईलाज – coriander safed pani ki dawa

धनिये के बीज तथा पौधे दोनों को ही उन मेडिसिनल औषधियों में शामिल किया गया है जिसका उपयोग महिलाओं में डिस्चार्ज सम्बंधी समस्याओं के उपचार के लिए किया जाता है इसमें एंटीऑक्सीडेंट, एंटी इन्फ्लामेट्री जैसे गुण पाएं जाते हैं जो शरीर से उन हानिकारक तत्वों को बाहर निकाल देता है जो ल्यूकोरिया का कारण बन सकते हैं।

धनिया से लिकोरिया का ईलाज कैसे करें

  • एक चमक धनिया पाउडर, एक कप पानी में उबालें, आधा हो जाने पर इसे छानकर पिएं। 
  • आप धनिया पत्तों का उपयोग खाने में भी कर सकती हैं ये भी ल्यूकोरिया के इलाज में मददगार साबित होता हैं
  • काढ़ा बनाने के बाद इससे आप वैजाइना की भी सफाई कर सकते हैं।

अखरोट से लिकोरिया का ईलाज – wallnut safed pani ki dawa

अखरोट के पत्तों का उपयोग भी ल्यूकोरिया के ईलाज में बहुत कारगर होता हैं इसमें ऐसे गुण मौजूद हैं जो हीलिंग प्रोसेस को बहुत तेज कर देते हैं जों ल्यूकोरिया की समस्या से बहुत जल्दी छुटकारा दिलाने में मदद करता हैं।

अखरोट से लिकोरिया का ईलाज कैसे करें

  • अखरोट के ताजे पत्ते लीजिए, उन्हें पानी में 15 से 20 मिनट उबालें, ठंडा होने के बाद पानी अलग कर इससे योनि की सफाई करें
  • अखरोट के सूखे पत्तों का पाउडर बना लें, तथा इस पाउडर को आधा लीटर पानी में उबालें, छानकर, ठंडा होने दे। फिर इससे योनि की सफाई करें
  • एक गिलास पानी में अखरोट को भिगोकर सुबह खाली पेट खाना भी ल्यूकोरिया की समस्या में लाभकारी होता हैं

नारियल सफेद पानी की रामबाण दवा – coconut safed pani ka ramban ilaj 

ल्यूकोरिया के ईलाज में नारियल बहुत लाभकारी है। नारियल औषधीय गुणों से भरपूर हैं इसमें एंटी-ऑक्सीडेंट, एंटी-इन्फ्लामेंट्री, एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-वायरल जैसे गुण मौजूद है जो शरीर से हानिकारक दूषित पदार्थो को बाहर निकाल फेकने में सक्षम रहता हैं।

नारियल से सफेद पानी का ईलाज कैसे करें

  • रोज नारियल का पानी पीए
  • शुद्ध नारियल तेल संक्रमित अंगो पर लगाना भी लाभकारी होता हैं
  • नारियल तेल और नीम के तेल को मिलाकर संक्रमित अंगो पर लगाना, दर्द, खुजली, जी मचलना जैसे ल्यूकोरिया के लक्षणों को दूर करता है।

अमरूद सफेद पानी की रामबाण दवा – home remedy for leucorrhoea

अगर ल्यूकोरिया में होने वाले दर्द, खुजली, जलन जैसी समस्या से छुटकारा पाना चाहती है तो आप अमरूद के पत्तों को उबालकर सेवन कर सकते हैं जल्दी परिणाम पाने के लिए दिन में दो बार इनका सेवन करें

चावल पानी सफेद पानी का घरेलू नुस्खा – home remedy for leucorrhoea

चावल पानी जिसे “मांड का पानी” भी कहते हैं महिलाओं मे डिस्चार्ज सम्बंधी समस्याओं के ईलाज में बहुत उपयोगी रहता हैं। चावल में मौजूद स्टार्च सफेद डिस्चार्ज की समस्या से निजात दिलाने में मदद करता है।

तुलसी सफेद पानी का घरेलू नुस्खा – safed pani ka ilaj

तुलसी के हेल्थ बेनिफिट्स और औषधीय गुणों से तो आप सभी वाकिफ होगें, तुलसी के पत्तों का उपयोग लिकोरिया के ईलाज में भी किया जा सकता हैं। इसके लिए तुलसी के पत्तों को पानी के साथ ग्राइंड करें तथा शहद के साथ दिन में दो बार सेवन करें

केला से लिकोरिया का ईलाज – safed pani ka ilaj

  • केले को घी अथवा मक्खन के साथ खाना भी लिकोरिया की समस्या में बहुत आराम पहुंचाता हैं
  • पके केले को बीच से काटे, इसमें कच्ची फिटकिरी मिलाकर सेवन करें, यह भी ल्यूकोरिया के लिए बहुत अच्छी औषधी है।

एक्युपंक्चर से लूकोरिया का ईलाज – acupuncture se safed discharge ka ilaaj

एक्युपंक्चर एक उत्कृष्ट प्राचीन चिकित्सीय पद्धति है जिसमें शरीर के किसी निश्चित अंग पर दबाव डाल कर उससे संबंधित अंगो को प्रभावित किया जाता हैं।

श्वेत प्रदर के ईलाज में महिलाएं हाथों में जहां चूड़ी पहनती हैं वहां कलाइयों के ऊपर वाले हिस्से को दबाना या प्रेशर एप्लाई करना प्रदर रोग में लाभकारी होता हैं।

सप्लिमेंट सफेद पानी की रामबाण इलाज पतंजलि | suppliment likoria ki dawa patanjali

महिलाएं यदि लूकोरिया के ईलाज के लिए कोई सप्लिमेंट लेना चाहती है तो वे निम्न में कोई एक का चुनाव कर सकतीं है जों उनकी उपयोगिता के लिए सार्थक हो 

  • अशोकारिष्ट
  • दशमूलारिष्ट
  • चन्द्रप्रभावटी
  • नारी शुधा
  • स्त्री रसायन

प्रणायाम से लिकोरिया का ईलाज | safed pani aane ka ilaj pranayam

मासिक धर्म से जुड़ी सभी परेशानियों का यदि आप निश्चित ईलाज चाहती हैं तो नित्य रूप से प्रणायाम करना इसमें आपकी काफी मदद कर सकता हैं

विशेषकर कपालभाती प्रणायाम करना महिलाओं को मासिक धर्म से जुड़ी सभी परेशानियों में आराम दिलाता हैं यह महिलाओं में उनके गर्भाशय को मजबूत और सुदृढ़ भी बनाता हैं। इसके अलावा कुछ और भी प्रणायाम है जो आप नित्य रूप से अभ्यास कर सकतीं हैं जैसे –

  • अनुलोम विलोम
  • भस्त्रिका
  • धौती
  • शितकारी प्रणायाम
  • उड्डयन बंधा मुद्रा
  • शेतालेक प्रणायाम
  • शिवा प्रणायाम

योगासन से लिकोरिया का ईलाज | Yoga safed pani ka ilaj | Safed pani ka ramban ilaj

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वैसे तो लिकोरिया के इलाज में घरेलू उपायों के अलावा अन्य कोई उपाय प्रयोग की जरुरत पड़ेगी, लेकिन योगासनों के साथ इसका प्रयोग जल्दी परिणाम लाने में मदद करता हैं आप निम्न योगासनों का अभ्यास कर सकते हैं

  

स्वर्गासन – swargasan

ये एक ऐसा आसन है जिसमे शरीर को कंधों के सहारे बलैंस किया जाता हैं मेंटल और फिजिकल हैल्थ मेंटेन रखने के लिए ये आसन बेस्ट रहता है।

कैसे करे

  • पीठ के बल लेट जाएं
  • दोनों पैरों को उठाए – कूल्हों को, फिर पीठ को, हाथों से पीठ को सपोर्ट करें 
  • कलाइयों को पास लाए, पैर सीधे रखें तथा पूरा भार कंधो से संभाले 
  • लंबी गहरी सांस ले, 30 से 60 सेकंड करें

मत्स्यासन – matsyasan

पानी के बाहर मत्स्यासन करना शरीर को बहने देता है जैसे पानी में मछली

कैसे करे

  • पीठ के बल लेटें, पैर जुड़े हुए
  • हाथ कूल्हों के नीचे, हथेलियां नीचे की ओर
  • स्वांस भरे और सिर के साथ छाती उठाए
  • जितना हो सके इसमें रहे, साथ छोड़ते वापस चले जाए

पवनमुक्तासन – Pavanmuktasan

यह योगासन पेट संबंधित बीमारियों के लिए उपयोगी माना जाता है।

कैसे करे

  • पीठ के बल लेटें, पैर साथ में
  • स्वांस भरे और घुटनों को छाती के पास लाए, तथा जांघो को पेट पर दबाए
  • दोबारा स्वांस भरे और छोड़ते समय सिर को उठाएं तथा ठूडिडी से घुटना छुए, थोड़ा रुके
  • इसे दूसरे पैर के साथ करें।

संभलासन – sambhlasan

  • पेट के बल लेटें, हथेलियां बगल में
  • स्वांस भरे, राइट पैर, पैर सीधा रखें 
  • रूके और स्वांस लेते रहें 
  • दूसरे पैर के साथ दुहराए

पादहस्तासन – padhastasan

ये पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है और फेक्सिबिल्टी बढ़ाता है। ब्लड सरकुलेशन भी इंप्रूव करता हैं।

कैसे करे

  • सीधे खड़े होय, रीढ़ सीधे, पैर जुड़े हुए
  • धीरे से आगे झुके
  • उंगलियां पैरों के नीचे लाए या एकल पकड़े
  • पैरो और घुटनों को मोड़ने ना दें
  • लंबी गहरी सांसे ले वापस मुद्रा में आए

गर्भासन – garbhasan

इस आसन से शरीर में मुड़ाव किया जाता है जो ल्यूकोरिया जैसे समस्या में राहत पहुंचाता है

कैसे करे

  • पद्मासन में बैठे
  • दाया हाथ जांघों के बीच से लेते हुए बाय कान पकड़े 
  • बाए हाथ जांघों के बीच से लेते हुए दाए कान पकड़े 
  • कुछ देर रुके
  • वापस अपनी मुद्रा में आए

सफेद पानी से कैसे छुटकारा पाएं? | ल्यूकोरिया का घरेलू इलाज : Safed pani ka ilaj | white pani problem in female in hindi

आयुर्वेद में यदि आप श्वेत प्रदर (ल्यूकोरिया) का इलाज ढूंढ रहे हैं तो ये कुछ टिप्स है जिनका आपको विशेषकर ध्यान रखने की जरुरत होती हैं

 

तले – भुने खाद्य पदार्थों से परहेज करें

ल्यूकोरिया से पीड़ित महिलाओं को अधिक समय खाली पेट रहने से बचना चाहिए, लेकिन इसके साथ ही आपको विशेषकर तले – भुने खाद्य पदार्थों से परहेज करने कि आवश्यकता है खट्टी चीजें जैसे – आचार, दही ना खाए, भोजन के बाद सुपारी खाना फायदेमंद रहता हैं।

हेल्दी लाइफ़स्टाइल अपनाए

खराब लाइफ़स्टाइल भी ल्यूकोरिया का बहुत बड़ा कारण होता हैं इसलिए हेल्दी डाइट लें, तनाव कम ले, रात को अच्छी नींद ले

यौन क्रियाओं से परहेज

ल्यूकोरिया के समय जीतना हो यौन क्रियाओं से परहेज करे, यहीं आपके लिए उपयुक्त होगा

कसरत करें

मॉर्निंग वॉक, एक्सरसाइज को भी अपनी दिनचर्या में जरुर शामिल करें, सैनिटरी और हाइजीनिक मेजर को भी केयरफुली फॉलो करें…

कुछ जरुरी जीवन शैली में बदलाव

  • स्वच्छता का खास ध्यान रखें
  • योनी की पर विशेष ध्यान दें
  • गर्भपात या गर्भनिरोधक दवाइयों का अधिक सेवन ना करें
  • हर 4 से 6 घंटे में पैड बदले
  • स्टेरलाइज पैड इस्तेमाल करें

इन अवस्थाओं में डॉक्टर से संपर्क करें

  • योनि से लंबे समय तक स्त्राव हो रहा हो, खुजलाहट और जलन के साथ
  • पीला, हल्का लाल अथवा हल्का नीला योनि स्त्राव होने पर
  • योनि स्त्राव अधिक चिपचिपा, दुर्गंध युक्त होने पर ये महिला में कमजोरी व अन्य शारीरिक समस्याओ का कारण बन सकता है।

लूकोरिया में परहेज

  • अधिक तेल मसालेदार एवम नमक वाले आहार से बचें
  • बासी भोजन बिल्कुल ना खाएं, घर में बना पौष्टिक भोजन करें
  • योनिमार्ग की साफ सफाई को भूलकर भी अनदेखा ना करें, मल त्याग या शौच के बाद विशेषकर साफ सफाई का ध्यान रखें
  • अधिक चिंता तनाव न लें
  • ज्यादा तेज गर्म भोजन न खाएं
  • अपने अंडरगारमेंट को दिन में दो बार अवश्य बदले और कोशिश करे वो सूखे हों
  • पीरियड्स के दौरान योनि की साफ सफाई जरुर रखें, दिन में दो बार पैड्स बदले
  • लूकोरिया के ईलाज के दौरान संभोग ना करें

प्रश्न : श्वेत प्रदर क्यों होता हैं? 

बता दें कि श्वेत प्रदर अपने आप में कोई स्वतंत्र रोग नहीं है बल्कि अन्य रोगों का लक्षण मात्र है जो कि निम्न कारणों से हो सकते हैं जैसे – 

  • योनि व योनि के आसपास के क्षेत्रों की साफ सफाई का ध्यान नहीं रखना
  • बार बार गर्भ गिराना व गिर जाना
  • शारीरिक श्रम नहीं करना या वर्कआउट नहीं करना
  • अधिक आराम पस्त जिंदगी जीना
  • अत्याधिक संभोग करना
  • कभी कभी अधिक समय तक संभोग से दूर रहना भी कारण हो सकता हैं
  • विवाह के बाद शरीर में पोषक तत्वों की कमी
  • योनि में संक्रमण होना
  • रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाना
  • अत्याधिक मानसिक तनाव
  • शारीरिक कमजोरी और थकान
  • खून की कमी हो जाना
  • तेल मसालेदार भोजन का अधिक सेवन करना

Hindiram के कुछ शब्द

सफेद पानी की रामबाण दवा (Safed pani ka ilaj) – महिलाओं में सफेद स्त्राव का होना एक सामान्य क्रिया है, हालांकि, यदि स्त्राव अस्वभाविक रुप से होने लगें तो सतर्कता आवश्यक है। चिंता न करें सफेद पानी का रामबाण दवा महिलाओं को लिकोरिया जैसी समस्या से छुटकारा दिलाने में सक्षम हैं। Safed pani ka ramban dawa

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