जाने सैक्स के बाद वीर्य बढ़ाने के रामबाण उपाय – शुक्राणु की कमी के लक्षण

वीर्य की कमी के लक्षण का होना एक अत्यंत गंभीर स्थिति है। यह किसी भी पुरुष के पुरुषार्थ (मर्दानगी) पर स्पष्ट प्रहार है। आप भले बाहर से हष्ट पुष्ट नजर आए, जब वीर्य की कमी हो जाती हैं व्यक्ति खुद को मानसिक रूप से प्रताड़ित और कमजोर समझने लगता है।

शुक्राणु में कमी आने से अपना ही वंश आगे ले जाना व्यक्ति के लिए असंभव प्रतित होने लगता है। सेक्सुअल लाइफ और परिवारिक जीवन सीधेतौर पर प्रभावित होते है। यह कैसे निश्चित करें? की वीर्य की कमी के लक्षण है अथवा नहीं, यह जानने के लिए लेख पूरा पढ़े

शुक्राणु में कमी के कारण क्या क्या होते हैं? जब व्यक्ति शुक्राणु की कमी से ग्रसित हैं इसके दुष्प्रभाव क्या क्या हैं? शुक्राणु की कमी का इलाज कैसे करना है यह भी आप जानेंगे।

वीर्य की कमी दूर करने के उपाय, शुक्राणु बढ़ाने के लिए क्या खाना चाहिए? क्यों वीर्य में पतलापन आ जाता है? वीर्य की कमी के लक्षण

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वीर्य की कमी के लक्षण और दूर करने के उपाय – शुक्राणु की कमी के लक्षण

शुक्राणु का बनना अति दुर्लभ किन्तु अत्यंत जटिल प्रक्रिया भी है। जिसके लिए मानव शरीर में प्रमुख अंग जैसे हाइपोथैलेमस, पिट्यूटरी ग्रंथि और वृष्ण को एक समन्वय में आकर कार्य करना पड़ता है।

भारी धातुओं के लंबे संपर्क या वृष्ण के आसपास का वातावरण अधिक गर्म होना कुछ ऐसी स्थितियां पैदा करता है जो शुक्राणुओं की संख्या को प्रभावित करता है

वीर्य की कमी क्या हैं? शुक्राणु की कमी के प्रमुख कारण

यदि किसी पुरुष में वीर्य की कमी हो गई है तो सबसे पहले तो इसका पता नहीं चलता है। यानी कोई शुरुआती लक्षण नहीं होता हैं लेकिन कुछ ऐसे संकेत है जो वीर्य की कमी को बताते हैं

वीर्य में पतलापन आने लगना वीर्य की कमी होने का एक संकेत है। वीर्य गाढ़ा नहीं बनता है। यह प्रजनन क्षमता को भी प्रभावित करता हैं ऐसे व्यक्ति को संतान प्राप्ति में भी समस्याएं आने लगती हैं।

पुरुषों में वीर्य उनके पुरुषत्व को बढ़ाता है यानी ऐसे में यदि आपके अंदर वीर्य की कमी है तो आप सेक्स के दौरान आनंद में कमी महसूस करेगें। संभोग करते समय जल्दी स्खलन हो जाता हैं। वीर्य की कमी के लक्षण से लिंग में तनाव कम हो जाता है आप अपने आप में असहज महसूस करते हैं

शुक्राणु की कमी के लिए कौन कौन से कारण जिम्मेदार हैं?

  • मोटापा
  • रेडिएशन या भारी धातुओं से संपर्क
  • तनाव
  • वृष्ण के तापमान में बढ़ोतरी
  • शुक्राणु निर्माण में अवरोधक बाधाए
  • अनुवांशिक कारण
  • वीर्य स्खलन
  • वृषण में दर्द या विकार
  • टाइट कपड़े पहनना
  • दवाओं का सेवन
  • असंतुलित खानपान

शुक्राणु जांच क्या हैं? इसे कैसे किया जाता हैं | sperm count test

शुक्राणुओं का समान्य से कम होना, इस स्थिति को चिकित्सीय भाषा में ओलिंगोस्पर्मिया कहते हैं। लेकिन जब वीर्य में शुक्राणु पूरी तरह खत्म हो जाएं इसे एजूस्पर्मिया कहा जाता है। शुक्राणु में कमी का निर्धारण करने के लिए डॉक्टर कुछ खास जांच का सहारा लेते हैं

  • सामान्य शारीरिक परीक्षण
  • वीर्य विश्लेषण
  • जेनेटिक परीक्षण
  • हार्मोन परीक्षण
  • इजेकुलेशन के बाद यूरिन जांच
  • शुक्राणु रोधक एंटीबॉडीज परिक्षण
  • टेस्टिकुलर बायोप्सी
  • अंडकोष का अल्ट्रासाउंड

लक्षण जो बताते हैं वीर्य की कमी हो गई है | virya ki kami ke lakshan

यौवन से संबंधित समस्याएं जैसे लिंग का सख्त न होना, स्खलन की समस्या, यौन इच्छा में कमी, प्रोस्टेट या यौन समस्याओं का इतिहास, वृषण क्षेत्र में दर्द या सूजन, चेहरे और शरीर के बालों में कमी, गर्भधारण में असफलता आदि यह सब कहीं ना कहीं एक पुरुष में वीर्य की कमी की ओर संकेत हैं।

कई मामलो में वीर्य की कमी अन्य किसी स्वास्थ्य संबंधी रोग के संपर्क से भी हुआ होता है। यानी अगर आप ऐसी किसी बीमारी से ग्रसित है और दुबारा स्वस्थ बन जाते हैं तो आपका स्पर्म काउंट भी सामान्य हो जाएगा।

आईए इसे गहराई से समझते हैं…

चेहरे और शरीर के बालों में कमी आना

बाल झड़ना कभी भी अकारण वश नहीं होता हैं पुरुषों में मुख्यत: बालों का विकास टेस्टोस्टेरोन हार्मोन पर निर्भर करता है और यही टेस्टोस्टेरोन हार्मोन वीर्य बनने के लिए भी जिम्मेदार होता है

असमान्य स्तन वृद्धि

जब किसी पुरुष में असमान्य स्तन वृद्धि होने लगे तो यह शरीर में एस्ट्रोजन नामक हार्मोन बढ़ने का सीधा संकेत हैं। अत्यधिक मोटापा या कुछ खाद्य पदार्थों का सेवन असामान्य रूप से इस हार्मोन में वृद्धि करने लगता है और शरीर में जब एस्ट्रोजन बढ़ता है तो यह टेस्टोस्टेरोन को कम करने लगता है।

स्तंभन दोष या नपुंसकता

आमतौर पर इसका पता आसानी से लग जाता है। सेक्स के लिए लिंग में पर्याप्त कसावट (कड़ापन) होना अनिवार्य है कम समय तक तनाव या कसावट रहना भी स्तंभन दोष का प्रमुख लक्षण है जिसके कारण वीर्य में कमी होने लगती है।

संतानोत्पत्ति की समस्या

अधिकांश मामलों में इसका पता तब चलता है जब एक पुरुष पिता बनने की कोशिश करता है यदि आप नियमित और असुरक्षित यौन संभोग के 1 साल बाद भी अपने यौन साथी को गर्भधारण कराने में असमर्थ हैं यानी संतानोत्पत्ति में समस्या आ रही है तो ऐसे पुरुष एक बार सीमेन एनालिसिस जरूर कराएं

अंडकोष क्षेत्र में दर्द

गुप्त रोग विशेषज्ञ या बांझपन सलाहकार ही आपको इसके होने का सही विश्लेषण दे सकते हैं। आखिर यह क्यों हो रहा है? यदि आपको अंडकोष, लिंग या इसके आसपास के क्षेत्र में दर्द का अनुभव करें तो शीघ्र ही किसी गुप्त रोग विशेषज्ञ से परीक्षण कराएं। इससे आप किसी बड़े खतरे की संभावना को टाल सकते हैं

सर्जरी

अंडकोष की सर्जरी, कमर, पेट और जांघों के आसपास सर्जरी की गई है तो सीमेन एनालिसिस कराना आपके किसी भी संभावित समस्या का खुलासा कर सकता है

हार्मोन बदलाव होने से

बहुत से अध्ययनों से यह पता चलता है अधिक वजन बढ़ना, मोटापा, जीवनशैली, वातावरण और खानपान में अचानक बदलाव से अनेक हार्मोन बदलाव होते हैं। जो कहीं न कहीं पुरूषों में स्पर्म बनने की प्रक्रिया को प्रभावित करता हैं।

वीर्य की कमी दूर करने के उपाय | low sperm count treatment

आज हर व्यक्ति किसी न किसी तनाव से ग्रसित है जिसके फस्वरूप अधिकांश पुरुष लो स्पर्म काउंट की समस्या से जूझते है। एक सामान्य स्वस्थ पुरुष के वीर्य में सामान्य 15 मिलियन से 200 मिलियन शुक्राणु पति मिलीलीटर होता है यदि शुक्राणु 15 मिलियन से कम है यानी वीर्य की कमी हैं

कुछ सहज दवाओं के उपयोग से वीर्य में शुक्राणु की संख्या को समान्य कर सकते हैं –

स्वस्थ्य जीवनशैली अपनाएं

छोटे-छोटे बदलाव लाएं, समय पर सोएं, निश्चित समय पर भोजन करें। अटपटी चीज हो या नशीले पदार्थ इनसे परहेज रखें और खुद को इनके सेवन से बचाए। इन छोटे-छोटे बदलाव में ही सकारात्मक परिणाम आने लगेंगे।

टाइट कपड़े ना पहने

कपड़ों में ज्यादा नहीं मगर कुछ समान्य बदलाव जरूर करें। अपनी अलमारी से उन कपड़ों को खाली कर दें जो सामान्य से बहुत ज्यादा टाइट होते है। शरीर पर दबाव डालते हैं। खासकर अपने टाईट पेंट, इसके अलावा रात को ढीले ढाले वस्त्र पहन कर सोए तो ज्यादा लाभकारी रहेगा।

मोटापा कम करें

व्यस्त जीवन में कुछ समय खुद के लिए निकालना जिसमें आप अपने शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर कार्य करें, आपके बाकी की दिनचर्या में सकारात्मक प्रभाव डालेगा साथ ही यदि आप बहुत ज्यादा मोटे या दुबले हैं तो सामान्य अवस्था में आने और आपके अंदर वीर्य और ऊर्जा दोनों में बढ़ोतरी करेगा

पर्याप्त विटामिन डी ले

एक वैज्ञानिक अध्ययन से यह पता चलता है कि विटामिन डी और कैल्शियम की पर्याप्त मात्रा शुक्राणु स्वास्थ्य में सुधार करते हैं। कैल्शियम शुक्राणुओं की संख्या पर प्रतिकूल प्रभाव डालते हैं इसलिए वीर्य की कमी दूर करने के लिए विटामिन डी और कैल्शियम युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन जरूर करें

कसरत व व्यायाम करें

यहां भले आपका लक्ष्य वजन घटाना या कम करना ना हो, यदि आप ऐसे व्यक्ति हैं जिनका अधिकांश समय कुर्सी पर बैठे हुए बीतता है, ऐसे में दिन में कुछ समय के लिए शारीरिक हरकत में जाना शरीर के मेटाबॉलिज्म को नियंत्रित रखता है जो शुक्राणुओं के उत्पादन में सहायता करता है।

मेथी का सेवन

पुरुषों में वीर्य की कमी को पूरा करने के लिए मेथी एक चमत्कारिक मेडिसिनल जड़ी बूटी है। मेथी से बने सप्लीमेंट पर अनेक वैज्ञानिक शोध किए जा चुके हैं एक शोध जिसमें 30 आदमियों को 500 मिलीग्राम मेथी सप्लीमेंट लेने को दिया गया, 6 सप्ताह में उनके सेक्सुअल परफॉर्मेंस, स्ट्रैंथ और स्पर्म काउंट में बढ़ोतरी देखी गई।

जिंक की भरपूर मात्रा ले

जिंक हमारे शरीर के लिए बहुत जरूरी पोषक तत्व है जब शरीर को उपयुक्त मात्रा में जिंक मिलता है यह पुरुषों के सेक्सुअल हेल्थ पर सीधा प्रभाव डालता है। पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन हार्मोन स्त्राव के लिए जिंक का उपयुक्त मात्रा में होना जरूरी है।

अश्वगंधा

कई तरह के यौन बीमारियों का ईलाज और स्पर्म काउंट बढ़ाने में अश्वगंधा प्राचीन समय से प्रयोग में लाया जाता हैं। इसे भारतीय “जिनसेंग” के रूप में भी जाना जाता है।

हस्तमैथुन ना करें

बहुत हस्तमैथुन क्रिया भी स्पर्म काउंट कम होने का कारण रहता है। इसलिए जो व्यक्ति हस्तमैथुन करते हैं उन्हें इसे बंद करने का प्रयास करना चाहिए है। ऐसा करने पर कुछ सप्ताह में वीर्य सामान्य हो जाता है

Hindiram के कुछ शब्द

वीर्य की कमी के लक्षण का भले अत्यंत गंभीर स्थिति है। मगर सही जीवन शैली, खानपान और उचित दवाओं के उपयोग से वीर्य की कमी को दूर कर सकते।

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