ट्राईग्लिसराइड बढ़ने से कैसे रोकें? हाई ट्राईग्लिसराइड के रोकथाम उपाय | triglycerides in hindi

हाई ट्राइग्लिसराइड्स होने की संभावना अधिक उन लोगों को हैं जो बहुत ज्यादा “बेड कार्बोहाइड्रेट” लेते हैं। अथवा नियमित खर्च की जाने वाली कैलोरी ऊर्जा से अधिक कैलोरी का सेवन वे करते हैं। ट्राइग्लिसराइड्स हमारे शरीर में पाया गया (लिपिड) एक वसा का प्रकार है जो तब बनते हैं जब शरीर जरूरत से ज्यादा कैलोरी एकत्रित करने लगता है।

आज विश्व भर में दिल की बीमारी 1 करोड़ से भी ज्यादा लोगों के लिए प्रति वर्ष मृत्यु का कारण बनती हैं। जिनमें 80% मौते केवल हार्ट अटैक और स्ट्रोक के कारण होती हैं। दिल की बीमारी कई कारणों से होती हैं ट्राइग्लिसराइड्स का बढ़ना भी दिल की बीमारी की एक वजह है

यह हमारे रक्त में पाएं जाने वाले वसा (फैट) है जो वसा कोशिकाओं में जमा होते हैं। जब शरीर को भोजन के उपरान्त ऊर्जा की आवश्यकता पड़ती है तब इनका उपयोग किया जाता है।

ट्राइग्लिसराइड्स आमतौर पर मक्खन, तेल और वसा में पाए जाते हैं, जिनका हम नियमित रूप से अपने भोजन में सेवन करते हैं। लिपिड पैनल या लिपिड प्रोफाइल जैसे कुछ साधारण रक्त परीक्षण रक्त में ट्राइग्लिसराइड्स की मात्रा जांचने में मदद करता है

सटीक परिणाम प्राप्त करने के लिए परीक्षण से रात भर पहले उपवास करने के निर्देश दिए जाते हैं

Table of Contents

हाई ट्राइग्लिसराइड्स क्या है ट्राइग्लिसराइड्स कैसे कम करें । triglycerides in hindi | meaning of triglycerides in hindi

ट्राइग्लिसराइड्स और कोलेस्ट्रोल दोनों भिन्न वसा के प्रकार हैं। ज्यादातर लोग इनके बीच का अंतर भी नहीं जानते हैं। कोलेस्ट्रोल व्यक्तिगत कोशिकाओं और हार्मोन्स के निर्माण के लिए जिम्मेदार होते हैं। जो रक्त में पाए जाते हैं। वहीं ट्राइग्लिसराइड अतिरिक्त कैलोरी को जमा करते हैं और शरीर को ऊर्जा प्रदान करते हैं। सामान्य सीमा से परे दोनों हमारे लिए हानिकारक है

ट्राइग्लिसराइड्स क्या होते हैं? यह कैसे बनता हैं? –

ट्राइग्लिसराइड्स में होते हैं…

  • 3 फैटी एसिड (संतृप्त और असंतृप्त वसा अथवा दोनों)
  • ग्लिसरोल : साधारण चीनी या एक प्रकार का ग्लूकोस

कैसे जाने आपको ट्राइग्लिसराइड्स है या नहीं | know your triglycerides number

यदि आपने कभी ट्राइग्लिसराइड्स टेस्ट कराया होगा, तो नीचे दिए आंकड़ों की मदद से आप पहचान सकते हैं कि आपके रक्त में ट्राइग्लिसराइड्स सामान्य या असामान्य से ज्यादा है…

व्यस्को के लिए – triglycerides level for adults

समान्य – 150 मिलीग्राम प्रतिडेसिलीटर (mg/dl) से कम या 8.32 मिलीमोल प्रतिलीटर (m mol/L) से कम

बॉर्डर लाइन – 150 से 199 मिलीग्राम प्रतिडेसिलीटर (mg/dl) से कम या 8.32 से 11.05 मिलीमोल प्रतिलीटर (m mol/L) से कम

उच्च – 200 से 499 मिलीग्राम प्रतिडेसिलीटर (mg/dl) या 11.11 से 27.77 मिलीमोल प्रतिलीटर (m mol/L)

बहुत अधिक – 500 मिलीग्राम प्रतिडेसिलीटर या अधिक

बच्चों के लिए – triglycerides level for childrens

समान्य – 90 मिलीग्राम प्रतिडेसिलीटर (mg/dl) से कम या 5 मिलीमोल प्रतिलीटर से कम (m mol/L)

बॉर्डर लाइन – 90 से 129 मिलीग्राम प्रतिडेसिलीटर (mg/dl) से कम या 5 से 7.17 मिलीमोल प्रतिलीटर से कम (m mol/L)

उच्च – 130 या उससे अधिक मिलीग्राम प्रतिडेसिलीटर (mg/dl)

ट्राइग्लिसराइड्स जांच कैसे करवाएं

लिपिड पैनल जांच – यह परीक्षण रक्त में टीजी के स्तर को मापती है। टीजी माप लिपॉप्रोटीन पैनल (लिपिड पैनल) के अंतर्गत आता है। परीक्षण में कोलेस्ट्रॉल (एचडीएल/एलडीएल) और ट्राइग्लिसराइड्स का एक साथ मूल्यांकन किया जाता है। सामान्यत: डॉक्टर परीक्षण से रात भर पहले उपवास रखने के निर्देश देते हैं जिसके बाद हाथ की नसों से जांच के लिए रक्त सैंपल लिया जाता हैं

कुछ लैब्स बिना फास्टिंग (उपवास) के भी परीक्षण कराने की सुविधा देते हैं जहां उंगलियों में छेद कर रक्त सैंपल परीक्षण के लिए भेजा जाता है।

हाई ट्राइग्लिसराइड्स खतरनाक क्यों है? | Why are high triglycerides bad

सामान्य से बहुत अधिक ट्राइग्लिसराइड्स का लेवल लीवर और पेनक्रिएटिक (गुर्दे और यकृत) की बीमारी से जुड़े होते हैं। कुछ अध्ययनों के मुताबिक हाई ट्राइग्लिसराइड्स और हृदय संबंधी रोगों में भी संबंध पाया गया है, हालांकि, सभी एक्सपर्ट हाई ट्राइग्लिसराइड्स को हृदय संबंधी रोगों के लिए जिम्मेदार नहीं मानते हैं

रक्त में ट्राइग्लिसराइड्स का लेवल जिन व्यक्तियों में अधिक रहता है वे अन्य बीमारियों के भी शिकार हुए होते हैं जैसे – हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, मोटापा, हाई लेवल ऑफ बेड कोलेस्ट्रॉल (LDL) और लो लेवल ऑफ गुड कोलेस्ट्रॉल (HDL)

हाई ट्राइग्लिसराइड्स के लक्षण क्या है | high triglycerides symptoms

ट्राइग्लिसराइड्स स्तर के बढ़ने से धमनियों में ब्लॉकेज बढ़ जाता हैं। हाई ब्लड प्रेशर और शुगर, हृदय संबंधित अनेक बीमारियां होने की आशंका बढ़ जाती है।

विशेषज्ञों का कहना है ट्राइग्लिसराइड्स का अपना कोई लक्षण नहीं दिखता है यानी अगर इसका लेवल बढ़ा बढ़ा हुआ है तो सामान्यत: इसे पहचान पाना कठिन होता हैं। हालांकि, ट्राइग्लिसराइड्स यदि अनुवांशिक कारणों से विकसित हुए हैं तो त्वचा के नीचे फैट डिपाजिट दिखाई दे जाते हैं

इनके अलावा बेड कार्बोहाइड्रेट से परिपूर्ण आहार को ज्यादा खाना अथवा बीमारी या दवाओं के प्रभाव से भी ट्राइग्लिसराइड्स बढ़ जाता है।

हाई ट्राइग्लिसराइड्स को कैसे कम करें | ट्राइग्लिसराइड्स कम करने के घरेलू उपाय

कुछ खास दवाइयों का निर्धारण डॉक्टर करते हैं जब ट्राइग्लिसराइड्स बढ़ने लगता हैं। अनेक परिवर्तनों स्वस्थ्य जीवनशैली और खानपान में बदलाव के बावजूद ट्राइग्लिसराइड्स कम नहीं होता है इस स्थिति में दवाओं का उपयोग करना अधिक प्रभावी रहता है।

इलाज के लिए कब कौन सा माध्यम चयन किया जाएगा यह मरीज के उम्र, स्वास्थ्य, पहले से चल रही दवाओं, एलर्जी आदि के आधार पर किया जाता है।

ट्राइग्लिसराइड्स का इलाज | high triglycerides treatment

हाई ट्राइग्लिसराइड्स को कुछ घरेलू उपाय की मदद से भी कम (समान्य) कर सकते हैं जिनमें शामिल है –

अपनी डाइट से मीठा बिल्कुल कम कर दे

ऐडेड शुगर को अपनी कैलोरी इनटेक के 5 से 10% से भी कम ही रखें। रिफाइंड और ऐडेड शुगर में मौजूद एक्स्ट्रा कैलोरी ट्राइग्लिसराइड्स को बढ़ाती है इसलिए जितना हो सके अपनी डाइट से शुगर इनटेक पूरी तरह खत्म कर दें। ऐसा इसलिए क्योंकि शुगर में गैरजरूरी कैलोरी होती है जिसे लेने पर यह शरीर में स्टोर होने वाले ट्राइग्लिसराइड्स में बदल जाता है।

उदाहरण के लिए – बाजार में मिलने वाली जूस पैकेट, स्वीट डेजर्ट और कॉन्सेंट्रेड फ्रूट जूस

रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट्स को ना कहें

रिफाइंड वाइट फ्लोर (मैदे) से बनी खाने की चीजें लेने के बजाय होल ग्रेन से बने हुए खाद्य पदार्थों का चयन करें। सफेद चावल (सफेद आटे) से निर्मित खाद्यानों में मुख्यता बैड कार्बोहाइड्रेट सर्वाधिक एव प्रचुर मात्रा में होते हैं जो ट्राइग्लिसराइड्स लेवल बढ़ाने में समर्थ हैं। अपनी डाइट से कार्बोहाइड्रेट के ओवरऑल इंटेक को ही कम कर देना ग्लाइसेमिक इंडेक्स का नियंत्रण बनाने में मदद करता है।

कार्बोहाइड्रेट की जगह प्रोटीन और हेल्दी फैट्स लें, यह ब्लड शुगर को भी स्टेबल रखेगा और ट्राइग्लिसराइड्स को भी कम करेगा

अल्कोहल ना करें

जब हाई ट्राइग्लिसराइड्स ट्रीटमेंट चल रहा है, ऐसे में अल्कोहल जैसे नशीले पदार्थों का सेवन पूरी तरह बंद रखें। जब तक ट्रीटमेंट समाप्त नहीं हो जाता है। आपको बहुत ज्यादा या बार बार ड्रिंक करने से खुद को बचाना चाहिए। खासकर ज्यादा सेंसिटिव लोगों में यह ट्राइग्लिसराइड्स तेजी से वृद्धि कर सकता है।

ओमेगा 3 फैटी एसिड

ओमेगा-3 को एक हेल्दी और अच्छे फैट्स में गिना जाता हैं। ओमेगा-3 फैटी एसिड का नियमित सेवन ट्राइग्लिसराइड्स के लोअर लेवल को डिवेलप करने में मदद करता हैं। यह आपको मछली जैसे – साल्मन, ट्यूना में भरपूर मात्रा में मिल जाएगा। ओमेगा-3 के अन्य सोर्स – फ्लैक्सीड, फलियां, अखरोट, बादाम, हरी पत्तेदार सब्जियां आदि है

प्लांट बेस्ड फूड्स का सेवन करें

अपनी डाइट में अगर मांसाहारी भोजन नहीं लेना चाहते हैं तो इसे प्लांट बेस्ड फूड्स सोर्सेज से बदल लेना और प्लांट बेस्ड फूड्स सेवन करना ज्यादा फायदेमंद हैं। आप देखेंगे कुछ समय में आपका कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड काफी हद तक कम हो गए हैं। इसके लिए आप सुखी बींस, मटर, सोया आदि का सेवन करें

फाइबर से भरपूर रहे

फाइबर इंटेस्टाइन में पानी के साथ मिलकर जेल जैसा मैट्रिक्स बनाता है। इसका एक बड़ा फायदा यह है यह आपके डाइजेस्टिव ट्रैक्ट की हेल्थ को भी मेंटेन रखता है। ये शरीर में एब्सॉर्ड फैट्स परसेंटेज जिनमें ट्राइग्लिसराइड्स भी शामिल है उसको कम करता हैं। हाई फाइबर फूड्स ट्राइग्लिसराइड्स और कोलेस्ट्रॉल दोनों को कम करते हैं। फाइबर आपको भरा भरा महसूस कराते हैं जिससे आप ओवरईटिंग से बच जाते हैं।

अपने फैट इंटेक पर नजर रखें

सैचुरेटेड को अनसैचुरेटेड फैट्स से बदले। आपकी डाइट में जितना कम सैचुरेटेड फैट होगा या आपके ट्राइग्लिसराइड्स पर उतना ही सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। बाजार में मिलने वाले पैक्ड और फास्ट फूड दोनों ही बेड फैट्स के लिए जिम्मेदार होते हैं। हाइड्रोजेनेटेड ऑयल्स से बनी चीजों का सेवन भी परेशानी खड़ी कर सकता है इनकी जगह आप मानो या पॉली सैचुरेटेड फैट्स को छूने, ये आपके ट्राइग्लिसराइड्स लेवल पर भी ज्यादा प्रभाव नहीं डालेगा।

फ्रुक्टोज को लिमिट करें

फ्रुक्टोज फलों में पाए जाने वाला एक तरह का नेचुरल शुगर है यह शहद और कुछ तरह के टेबल शुगर में भी मौजूद रहते हैं। दिन में फलों को तीन से कम सर्विंग लेकर आप फ्रुक्टोज को भी लिमिट कर सकते हैं यह भी आपके ट्राइग्लिसराइड्स को मेंटेन रखने में मदद करेगा।

फल जिनमें फ्रुक्टोज ज्यादा होते हैं – आम, केला, अंगूर, तरबूज, पाइनएप्पल, ब्लैकबेरी

फल जिनमें फ्रुक्टोज नहीं होता – खट्टे फल, खरबूजा, एवोकाडो, टमाटर

अपने कैलोरी इनटेक पर ध्यान दे

दिन भर में आप कितनी कैलरीक ऊर्जा लेते हैं उस पर करीब से नजर डालें। अपनी एक्स्ट्रा कैलोरी में आप जितनी कटौती कर सकते हैं आपके लिए उतना फायदेमंद साबित होगा। यदि आप ओवरवेट है तो यह और भी फायदेमंद हैं। महिलाओं को अट्ठारह सौ कैलोरीज प्रतिदिन लेने का लक्ष्य रखना चाहिए। वहीं पुरुष 2000 कैलोरी प्रतिदिन ले सकते हैं। यह आपके एक्टिविटी लेवल पर भी निर्भर है सोने से ठीक पहले स्नैक्स करने से खुद को रोकें

कम कम करके खाएं

एक साथ बहुत सारा खाने की जगह, इसे टुकड़ों में बांटें, जहां आप तीन सर्विंग लेते थे उसकी जगह चार या पांच ले और संतुलित आहार करें।

कसरत करें

अपने वजन को नियंत्रित रखने की कोशिश करना एक बेहतर सोच है। वजन को नियंत्रित रखने के लिए जीवनशैली और खानपान में बदलाव लाना करना आपको हेल्दी और फिट रहने में मदद करता हैं। कुछ शोधों में यह सामने आया 5 से 10% वजन कम करना 20% ट्राइग्लिसराइड्स लेवल में कटौती कर सकता है।

हाई ट्राइग्लिसराइड्स के लिए सबसे अच्छी दवा

अधिकतर या देखा गया है जो लोग हाई ट्राइग्लिसराइड्स से पीड़ित होते हैं उन्हें अन्य बीमारियां भी होती है इसलिए हाई ट्राइग्लिसराइड्स को कम करने के लिए डॉक्टर जो दवाई निर्धारित करते हैं वे निम्न है –

  • फाइब्रेट्स, फैब्रिकोर, लोपिड, ट्राईकोर
  • निकोटीनिक एसिड
  • ओमेगा 3
  • स्टेनिंग

कितनी जल्दी हाई ट्राइग्लिसराइड्स को कम कर सकते हैं

चाहे आप आयुर्वेदिक दवाई ले या होम्योपैथी इन दवाओं का असर होने में समय लगता है। ट्राइग्लिसराइड्स को समान्य स्तर तक आने में लगने वाला समय मरीज की उम्र, स्वास्थ्य कंडीशन और ट्राइग्लिसराइड्स के स्तर पर भी निर्भर करता हैं।

यदि आप जल्द से जल्द ट्राइग्लिसराइड्स को समान्य करना चाहते हैं तो दवाओं के साथ-साथ अपने खान-पान और जीवनशैली में भी बड़े बदलाव लाने होंगे।

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