अधूरे गर्भपात में क्या करें? – अपूर्ण गर्भपात के लक्षण और उपचार | Apurn garbhpaat ke lakshan or upchar

अक्सर गर्भपात के बाद सब कुछ दूर नहीं होता, अपूर्ण गर्भपात एक ऐसी अवस्था है जहां गर्भपात तो हो चुका है मगर प्रेगनेंसी के अवशेष अभी भी गर्भाशय में मौजूद है मतलब की…

गर्भपात के बाद जब भ्रूण के कुछ अंश गर्भाशय में बच जाते है इस परिस्थिति को अपूर्ण गर्भपात कहते है। अधूरा गर्भपात के मामले ज्यादातर स्वतत: गर्भपात (अनचाहा गर्भपात) के अन्दर होते हैं हालंकि abortion pills उपयोग करना भी अधूरा गर्भपात का कारण रहता है

शुरूआत में असफल गर्भपात पहचानना थोड़ा कठीन रहता हैं मगर इसके लक्षणों से इसकी पहचान की जा सकती हैं जिससे अपूर्ण गर्भपात के उपचार सही समय पर किया जा सके 

अपूर्ण गर्भपात के लक्षण और उपचार के प्रति गैर जिम्मेाराना हरकत जानलेेेेवा सबित हो सकता हैं इससे गर्भाशय का क्षतिग्रसत होना, महिला का कभी गर्भधारण ना कर पाना, मासिक धर्म चक्र को गंभीर नुकसान हो सकता हैं।

 

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अपूर्ण गर्भपात के लक्षण और उपचार – अधूरा गर्भपात में क्या करें? | apurn garbhpaat ke lakshan or upchar 

अपूर्ण-गर्भपात-के-उपचार-और-लक्षण

अधिकांशत:, अधूरा गर्भपात जो ट्रीटमेंट के वक्त अधूरा रहता हैं कुछ समय बाद स्वतत: पूर्ण भी हो जाता है

लेकिन कई बार शरीर को प्रेगनेंसी के अवशेषों को बाहर करने में समस्या आती हैं, जिससे गर्भपात अधूरा (अपूर्ण या असफल) रह जाता हैं मगर ट्रीटमेंट से भी इसे ठीक किया जा सकता हैं

अपूर्ण गर्भपात (incomplete abortion) होने पर ये लक्षण दिखाई पड़ते हैं…

  • भारी रक्त स्त्राव   
  • रक्त के थक्के जाना  
  • पेट में दर्द और ऐठन 
  • लंबे समय तक बुखार 
  • रक्त स्त्राव स्थाई रहना 
  • पीठ में दर्द और जकड़न 
  • प्रेगनेंसी लक्षण गायब 

हालांकि, गर्भपात के दौरान तथा बाद में ब्लीडिंग और क्रैपिंग का होना सामान्य रहता है तथा सभी गर्भवतियां इससे पीड़ित रहती हैं मगर अपूर्ण गर्भपात की अवस्था में जो सिम्टम्स दिखेंगे वह ऊपर अंकित हैं…

अपूर्ण गर्भपात में ब्लीडिंग और इन्फेक्शन का खतरा रहता है। इसका जितना जल्दी इलाज किया जाए उतना उपयुक्त रहता:

अधूरे गर्भपात में क्या करें – अधूरे गर्भपात के लक्षण और उपचार | adhura garbhpat me kya kare

गर्भपात अधूरा होने पर ट्रीटमेंट के लिए तीन रास्ते होते है…

  1. इंतजार करना – नेचुरली प्रेगनेंसी प्रोडक्ट बाहर आने का
  2. मेडिसिन लेना ( मेडिकल केयर के साथ )
  3. सर्जरी से प्रेगनेंसी अवशेषों को बाहर निकालना ( D&C )

हालंकि, यह आपके कंडीशन पर भी निर्भर करता, कौन सा मेथड आपके लिए सही रहेगा। डॉक्टर आपको सही सलाह ही देंगे, मगर ट्रीटमेंट से पहले कुछ टेस्ट करवाने होते हैं…

…इन जांचो के माध्यम से गर्भपात का कारण “miscarriage reason” पता किया जाता है (miscarriage reason in hindi), एचसीजी का स्तर गर्भपात जांचा जाता है (HCg level) जिसके बाद ही अपूर्ण गर्भपात का उपचार किया जाता हैं –

ये कुछ test है जो असफल गर्भपात में कराने होते है – garbhpat adhura me kya kare

फेटल हार्ट स्कैनिंग – fetal heart scanning

फेटल हार्ट स्कैनिंग – प्रेगनेंसी के रूटीन स्कैनिंग टेस्ट की तरह होते हैं जिसमें खासकर शिशु के दिल की धड़कनों को सुना जाता हैं। fetal heart scanning की वजह – इसमें शिशु के दिल की जांच की जाती है वह सामान्य तरीके से विकसित हो रहा या नहीं, परंतु यहां शिशु के जीवित होने की जांच की जाती है। 

पेल्विस एग्जाम – pelvice exam

पेल्विस एग्जाम में डॉक्टर महिला के रिप्रोडक्टिव ऑर्गन की जांच करते हैं जैसे – वैजाइना, सर्विक्स, फैलोपियन ट्यूब, वाल्व, ओवरी, जांच के बाद ही डॉक्टर किसी प्रकार के कॉम्प्लिकेशन को जान पाते है जिसके बाद उसका उपचार किया जाता हैं। 

क्वांटीटेटिव एचसीजी ब्लड टेस्ट (HCg test) – एचसीजी का स्तर गर्भपात 

इस तरह के टेस्ट के पीछे कारण होता है डॉक्टर महिला की प्रेगनेंसी के बारे में गहराई से समझना चाहते हैं। आखिर शरीर में क्या हो रहा है एचसीजी का स्तर गर्भपात – एचसीजी (HCg) जो एक प्रेगनेंसी हार्मोन हैं। HCg test तब कराया जाता हैं – अज्ञात योनि स्त्राव, मिसकैरेज तथा एक्टोपिक प्रेगनेंसी में

अल्ट्रासाउंड – ultrasound test

अल्ट्रासाऊंड एक नॉन-इनवेसिव टेस्ट है जिसमे साउंड वेव की मदद से, शरीर के अंदरूनी अंगो की तस्वीरें ली जाती है। अपूर्ण गर्भपात के उपचार में अल्ट्रासाऊंड टेस्ट से गर्भशय में बचे प्रेगनेंसी अवशेषों को खोजा जाता है जिससे असफल गर्भपात का उपचार किया जा सकें

अपूर्ण गर्भपात उपचार प्रक्रिया – अधूरा गर्भपात का इलाज कैसे किया जाता हैं | adhura garbhpat upchar tarike

एक असफल हुए गर्भपात को अन्य गर्भपात की तरह उपचार नहीं किया जाता, उदाहरण – missed abortion ( missed abortion in hindi), क्युकी यहां तो प्रेगनेंसी का ही पता नहीं रहता – फिटस डेवलप हो रहा है या नहीं, ब्लीडिंग भी नहीं होती

अधूरा गर्भपात का इलाज करने के लिए जिन तरीको का उपयोग किया जाता हैं लगभग सभी सामान रूप से इफेक्टिव होते हैै ये है वे तरीके…

इंतजार करना – अधूरा गर्भपात पूरा होने का

भले ये थोडा अस्वाभाविक लग सकता है मगर गर्भपात जो अपूर्ण रहता है कुछ समय पश्चात स्वतत: पूर्ण भी हों जाता है इसलिए आपको इंतजार करना चाहिए। 

यहां चिंता की जरूरत नहीं, हां कुछ केसो में सर्जरी की जरूरत पड़ती हैं क्युकी ये बिना सर्जरी (खर्चे) के होता है इसमें अत्याधिक रक्त स्राव का खतरा भी होता है जो खतरनाक साबित हो सकता हैं। 

भारी रक्त स्राव की अवस्था में D&C सर्जरी की ओर इशारा किया जाता है सर्जरी के बाद भी अगर ब्लीडिंग कम ना हों तब ब्लड ट्रांसफ्यूजन किया जाता है।

D&C सर्जरी – अधूरे गर्भपात का इलाज

Dilation & Curettage कराने के पीछे दो कारण होते हैं पहला ये, यह महिला की मर्जी से हो रहा है तथा दूसरा हैवी ब्लीडिंग रोकने के लिए, D&C से अधूरे गर्भपात का उपचार कैसे किया जाता हैं? 

वैसे तो इस समय महिला की सर्विक्स पहले ही खुली रहती हैं, इसलिए डॉक्टरों को सर्विक्स डाईलेट करने की अवश्यकता नहीं पड़ती…

डॉक्टर गर्भाशय में एक सक्शन डिवाइस यूज करते हैं यह शार्प इंस्ट्रूमेंट होता हैं इस प्रक्रिया को क्योरटेज भी कहा जाता है। जिसमें गर्भाशय की दीवारों से प्रेगनेंसी के अवशेषों को बाहर निकला जाता है।

D&C सर्जरी में खतरे –

  • सर्वाइकल डैमेज का खतरा
  • कांसेप्शन प्रोडक्ट पूरी तरह बाहर ना आना
  • इंफेक्शन
  • ब्लीडिंग
  • गर्भाशय में छेद
  • गर्भाशय में निशान पड़ना
  • कॉम्प्लिकेशन ऑफ एनेस्थीसिया

हालंकि, Dilation & Curettage एक सेफ प्रोसीजर है मगर जैसे कोई भी सर्जरी की तरह इसमें भी कुछ रिस्क जुड़े होते हैं। D&C सर्जरी प्रोसीजर से पहले आपको एनिस्थिसिया दे दिया जाता हैं

महिलाएं जिन्हें D&C सर्जरी के बाद भी ब्लीडिंग हो, डिस्चार्ज के साथ दुर्गंध, पेट में दर्द – ऐठन हो उन्हें डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए

मेडिकल ट्रीटमेंट – अधूरे गर्भपात का इलाज

असफल गर्भपात का मेडिकली उपचार करने में जिस मेडिसीन का उपयोग किया जाता हैं – मीसोप्रोसटल (cytotec), इस मेडिसिन को child abortion में भी प्रयोग किया जाता है

मीसोप्रोसटल, मौखिक अथवा योनि मार्ग में प्रयोग किया जाता है ये मेडिसिन गर्भाशय में संकुचन लाता हैं जिससे प्रेगनेंसी अवशेष बाहर आ जाते हैं। 

मीसोप्रोसटल (cytotec) को पहले अल्सर के ईलाज में उपयोग किया जाता था। अब इसे अपूर्ण गर्भपात के ईलाज में उपयोग किया जाता है।

मीसोप्रोसटल साइड इफेक्ट

  • डायरिया
  • जी मचलना
  • दर्द
  • उल्टी

मीसोप्रोसटल (cytotec) लगभग 80 से 99% असरदार रहता है खासकर 13 सप्ताह से पहले हुए गर्भपात में,

कुछ महिलाओं के लिए ये ट्रीटमेंट इफेक्टिव नहीं रहता, उन्हें D&C की जरूरत पड़ सकती है वैसे इसमें किसी प्रकार का खतरा नहीं होता, हां… ब्लड लॉस का रिस्क होता है।

असफल गर्भपात के उपचार में बहुत सी महिलाएं दवाइयों से अपूर्ण गर्भपात ईलाज करने को बेहतर मानती है क्युकी सर्जरी में रिस्क इन्वॉल्व होता है मगर इंतेजार करने से यह बेहतर ही है।

गर्भपात के बाद केयर टिप्स |apurn garbhpaat ke baad care tips

गर्भपात के दौरान महीला शारीरिक और मानसिक रुप से बहुत कुछ सहन करती है, जो आसान तो बिल्कुल भी नहीं होता। यदि ब्लीडिंग से परेशान होंगे तो इसे पढ़े – गर्भपात के बाद ब्लीडिंग रोकने की दवा

आपको खुद की देखभाल करनी चाहिए, आप इन टिप्स को अपनाए…

खुद को समय दें

किसी गर्भवति महिला के लिए शिशु को खोना संवेदनशील रहता हैं। तथा इस समय आप मानसिक रूप से कमजोर महसूस करेंगी… 

  • अकेलापन
  • गुस्सा
  • डिप्रेशन

पार्टनर को साथ रखे

गर्भपात दोनों पार्टनरस के लिए पीड़ादायक रहता, कुछ रिसर्च बताते गर्भपात से दोनों पार्टनरस समान रूप से गुजरते है बस तरीके अलग होते है इसलिए दोनों को साथ रखकर इसका सामना करना चाहिए।

गर्भपात के बाद क्या खाना चाहिए

क्योंकि गर्भपात में हार्मोन इंबैलेंस हुआ होता है इसलिए ऐसे खाद्य पदार्थ से दूर है जो आपकी कंडीशन खराब कर सकते हैं जैसे –

  • जंक फूड
  • शुगर बेस्ड ड्रिंक
  • बचा हुआ खाना

गर्भपात के बाद आपको हेल्दी चीजों का सेवन करना बेस्ट रहता हैं।

  • ग्रीन लीव्स
  • ड्राई फ्रूट्स
  • ड्राई जिंजर
  • गार्लिक
  • शीशम सीट
  • मिल्क

गर्भपात के बाद पीरियड

गर्भपात के बाद मासिक धर्म दोबारा शुरू होने में लगभग 1 माह तक का समय लग सकता है। यह कुछ चीज़ों पर निर्भर करता की आपका अगला पीरियड कब आयेगा…

टाइम

आपका पीरियड 4 से 6 सप्ताह, गर्भपात के बाद वापस आ जाएगा। लेकिन ये इसपर भी निर्भर करता है कि आप कितने समय से गर्भवती थी क्योंकि प्रेगनेंसी हार्मोन अभी भी आपके शरीर में है 

यदि 8 सप्ताह के बाद भी पीरियड चालू ना हो तो प्रेगनेंसी टेस्ट कराए और डॉक्टर से मिले

ड्यूरेशन

गर्भपात के बाद पहला पीरियड छोटा होगा, खासकर यदि आपका सर्जिकल अबॉर्शन हुआ हुआ होगा तो तथा लंबा यदि मेडिकल अबॉर्शन हुआ है।

ऐसा हार्मोन बदलाव के कारण है 

आपको आराम करना चाहिए, खुद को नोटिस करें किसी प्रकार की प्रतिक्रिया तो नहीं हो रही। पेट में दर्द, ऐठन कम करने के लिए वॉर्म कंप्रेशर या हॉट बॉटल का इस्तेमाल करें। 

अगर आप दर्द की दवाई लेने की सोच रही तो एस्प्रिन लेने से बचें, क्योंकि यह ब्लीडिंग को बढ़ा देता है। इसके बदले ibuprofen ( Advil, Motrin ) ले सकते हैं

यदि 1 घंटे में एक से दो पैड भीगने लगे तो डॉक्टर को दिखाएं

जैसे ही गर्भपात पूरा होगा आपके सिम्टम्स कम होना शुरू हो जाएंगे। नॉर्मल रूटीन में आने के लिए कुछ दिनों का समय लगेगा। आपको अभी आराम करना चाहिए।

Hindiram के कुछ शब्द


अपूर्ण गर्भपात के लक्षण और उपचार (Apurn garbhpaat ke lakshan or upchar), असफल गर्भपात के लक्षण, आपके पास तीन रास्ते होते है। जिससे अधूरे र्भपात का का इलाज कर सकते है। जो आपने इस लेख में जाना है।

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