महिलाओं में थायराइड की समस्या – लक्षण, कारण और उपचार के तरीके | mahilao me thyroid ke lakshan

इंसानी शरीर में गले के सामने एक तितली आकार का अंग होता है जो थायराइड हार्मोन बनाती और स्त्राव कराती है। ये हार्मोन शरीर के कार्यप्रणाली और संचालन में अहम भूमिका निभाता हैं। लेकिन जब थायराइड बहुत ज्यादा या बहुत कम हार्मोन बनाने लगे तो इसे थायराइड बीमारी कहा जाता है।

थायराइड बीमारी भी अनेक प्रकार है जैसे –

  • हाइपरथाइरॉएडिज्म
  • हाइपोथाइरॉएडिज्म
  • थायराइडडीटीस
  • हाशिमोतो थायराइडडीटीस

Table of Contents

थायराइड क्या है थायराइड बीमारी कैसे होती हैं महिलाओं में थायराइड के लक्षण | mahilao me thyroid ke lakshan

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थायराइड श्वास नली से लिपटा हुआ, गले के सामने स्तिथ, तितली के आकार का एक छोटा सा अंग है। यह बीच से छोटा और दोनों साइड से चौड़ा होता है थायराइड एक ग्लैंड है।

मानव शरीर में ऐसे बहुत से ग्लैंड है जो रात दिन स्त्रावित होंते रहते हैं। शरीर की कार्य प्रणाली में इनका बहुत बड़ा हाथ होता हैं। थायराइड ग्लैंड जो थायराइड हार्मोन बनाती है वह शरीर के कार्य संचालन में भी बहुत अहम भूमिका निभाती है।

शरीर में कोशिकाएं कितनी ऊर्जा उपयोग करेंगी इसका निर्धारण भी थायराइड ग्लैंड ही करती हैं। जब थायराइड सही से कार्य नहीं कर रहा होता है यह पूरे शरीर को प्रभावित करता हैं। जब ये बहुत ज्यादा थायराइड हार्मोन बनाने लगता है तो एक कंडीशन जिसे हाइपरथाइरॉयडिज़्म कहते है विकसित कर लेता है

बहुत कम थायराइड हार्मोन कि अवस्था को हाइपोथायरायडिज्म कहते है ये दोनों ही हेल्थ कंडीशन स्वास्थ्य की दृष्टि से अत्यंत गंभीर होते है तथा इन्हे चिकित्सीय इलाज व देख रेख की जरूरत है।

थायराइड क्या करता है – thyroid kya karta hai

थायराइड ग्लैंड शरीर में एक बहुत ही महत्वपूर्ण कार्य को पूरा करता है। थायराइड हार्मोन का स्त्राव कराना और उसे नियंत्रित करना। यहीं हार्मोन शरीर के मेटाबॉलिज्म को भी नियंत्रण में रखता है।

मेटाबॉलिज्म एक प्रक्रिया है जिसमें शरीर हमारे द्वारा खाए गए खाने को ऊर्जा में परिवर्तित करता हैं। इसी ऊर्जा का उपयोग शरीर अपने कार्यों को सुचारु ढंग से करने के लिए करता है। 

थायराइड कुछ अन्य हार्मोनो के साथ मिलकर मेटाबॉलिज्म को नियंत्रण में रखता है। जैसे – T4 (thyroxine) और T3 (triiodothyronine) यह दोनों हार्मोनो थायराइड द्वारा हि बनाए जाते हैं और शरीर की कोशिकाओं को संकेत देते है उन्हें कितनी मात्रा में ऊर्जा उपयोग करनी है। जब थायराइड सही से कार्य कर रहा होता है ये उचित मात्रा में हार्मोन का स्त्राव कराता है जिससे मेटाबॉलिज्म भी सही से कार्य कर पाता हैं।

हालांकि, ये सभी कार्य पिट्यूटरी ग्लैंड के निर्देशन में हो रहे होते है जो सिर में मस्तिष्क के नीचे स्थित होता हैं। पिट्यूटरी ग्लैंड रक्त वाहिनियों में थायराइड हार्मोन के प्रवाह तथा उनका नियंत्रण करती है। जब पिट्यूटरी ग्लैंड को लगता है थायराइड की मात्रा बहुत ज्यादा या कम है तो यह उसके अनुसार थायराइड ग्रंथि को संचालित करती है अपने हार्मोन से जिसे “थायराइड स्टिमुलेटिंग हार्मोन” कहा जाता है। जिससे शरीर वापस सामान्य अवस्था में आ सकें।

थायराइड की बीमारी क्या है – thyroid ki bimari kya hai | mahilao me thyroid ke lakshan

थायराइड बीमारी एक गंभीर चिकित्सीय अवस्था है जहां थायराइड सही मात्रा में थायराइड हार्मोन निर्मित नहीं कर रहा होता है। जब शरीर में थायराइड बहुत अधिक मात्रा में बनने लगता है तब शरीर शारीरिक ऊर्जा बहुत तेजी से उपयोग करने लगा होता है इस कंडीशन को हाइपरथाइरॉयडिज़्म कहते हैं।

जब शरीर बहुत जल्दी जल्दी ऊर्जा खत्म करने लगता हैं आप बहुत जल्दी थक जाती हैं ये दिल की धड़कनों को भी तीव्र बना देता है। आप वजन भी लूज करती हैं इन सभी कारणों से आप बहुत चिंतित भी रहने लगती हैं।

इसके विपरीत, जब थायराइड बहुत कम मात्रा में थायराइड हार्मोन बनाने या स्त्राव करने लगता है इसे हाइपोथाइरॉएडिज्म कहते हैं। जब शरीर के पास बहुत कम थायराइड होता है आप बहुत कमजोर महसूस करने लगती हैं, वजन का बढ़ना, ठंड बर्दाश्त कर पाना भी आपके लिए असक्षम हो जाता हैं।

वैसे थायराइड के ये दोनों कंडीशन बहुत से कारणों से आ सकते हैं यह जेनेटिक रूप से भी एक से दूसरे सदस्य में प्रवेश कर जाते हैं।

थायराइड से कौन प्रभावित होता है – thyroid se kon prabhabit hota hai

थायराइड बीमारी किसी को भी प्रभावित कर सकती है महिला, पुरुष, नौजवान, किशोर, वृद्ध सभी को। कुछ लोगों को ये जन्म से ही हों सकता है (महिलाओं में अक्सर उम्र बढ़ने के साथ मेनोपॉज के समय)

आज के समय थायराइड बीमारी का होना बहुत सामान्य हो गया है तथा महिलाएं इससे सबसे ज्यादा प्रभावित होती है पुरुषों की तुलना में महिलाओं में थायराइड विकसित होने की अधिक आशंका रहतीं है। थायराइड होने की संभावना तब और अधिक बढ़ जाती हैं जब – 

  • परिवार में पहले भी किसी को थायराइड की समस्या थीं
  • चिकित्सीय समस्या जैसे – परनिशस एनीमिया, टाइप वन डायबिटीज या ऑथोरिटीज
  • दवाइयां लेते हों जिसमें अधिक मात्रा में आयोडीन मौजूद हों
  • 60 से अधिक उम्र 
  • पहले भी थायराइड का ईलाज करा चुकें हैं

किन कारणों से थायराइड डिजीज होता है – kin karno se thyroid disease hota hai

थायराइड बीमारी के मुख्य दो प्रकार हैं हाइपोथाइरॉयडिज्म और हाइपरथाइरॉयडिज़्म, ये दोनों ही कंडीशन किसी अन्य बीमारी के कारण भी आ सकते हैं। ये थायराइड ग्लैंड की कार्य क्षमता को भी प्रभावित करते हैं।

कंडीशन जो हाइपोथाइरॉयडिज्म का कारण बनते हैं –

थायराइडिटीज – Thyroiditis

यह एक कंडीशन है जहां थायराइड ग्लैंड में सूजन आ जाती है थायराइडिटीज थायराइड से स्रावित होने वाले हार्मोन की मात्रा को कम कर देता है

हाशिमोटोस थायराइडिटीज – Hashimoto’s Thyroiditis

यह एक दर्द भरी बीमारी है (HT) एक ऑटोइम्यून कंडीशन जहां शरीर की कोशिकाएं थायराइड पर हमला कर उसे नुकसान पहुंचाने लगती हैं हाशिमोटोस थायराइडिटीज एक जन्मजात बीमारी भी हो सकता है।

पोस्ट-पार्टम थायराइडिटीज – post-partum thyroiditis

ये एक ऐसी कंडीशन हैं जो अधिकतर प्रेगनेंसी के बाद देखने को मिलती हैं पोस्ट-पार्टम थायराइडिटीज लगभग 5 से 9 % महिलाओं को प्रभावित कर सकता है। हालांकि, ये सिर्फ एक टेंपरेरी कंडीशन है। जो जल्द ही सामान्य भी हो जाता हैं।

आयोडीन की कमी – iodine deficiency

थायराइड आयोडीन का उपयोग थायराइड हार्मोन प्रोड्यूस करने के लिए करता है आयोडीन डिफिशिएंसी एक ऐसी समस्या है जो पूरी दुनिया में लाखों लोगों को प्रभावित किए हुए है

असक्रिय थायराइड ग्लैंड – non-functioning thyroid gland

कई बार थायराइड ग्लैंड जन्म से ही सही ढंग से कार्य नहीं कर रहा होता है। हालांकि, ये बहुत रेयर होते हैं जो लगभग 4000 में किसी एक बच्चे में हो सकता हैं। यदि इसे बिना इलाज के छोड़ दिया जाए तो भविष्य में शिशु शारीरिक और मानसिक दोनों रूप से गंभीर रूप से ग्रसित हो सकता हैं। इसकी जांच के अक्सर स्क्रीनिंग ब्लड टेस्ट कराएं जानें की जरुरत होती हैं।

कंडीशन जो हाइपरथाइरॉयडिज़्म का कारण बनते हैं – 

ग्रेव्स डिजीज

इस कंडीशन में थायराइड ग्लैंड अत्याधिक रूप से ओवरएक्टिव हो जाता है और बहुत ज्यादा मात्रा में हार्मोन स्रावित करने लगता है। इस समस्या को डिफ्यूज टॉक्सिक गोइटर (एनलार्ज्ड थायराइड ग्लैंड) भी कहा जाता है।

नोडल्स

हाइपरथाइरॉयडिज़्म, नोडल्स के ओवरएक्टिव हों जानें के कारण भी होते हैं जब थायराइड में केवल एक नोडल ओवरएक्टिव हो तब इसे टॉक्सिक ऑटोनॉमली फंक्शनिंग थायराइड नोडल कहा जाता है। वही जब बहुत सारे नोडल्स ओवरएक्टिव हों जाते हैं तो इसे टॉक्सिक मल्टी-नोडलर गोईटर कहा जाता है।

थायराइडिटीज

यह कंडिशन दर्द भरा या बिना दर्द के भी हो सकता है। थायराइडिटीज में जब थायराइड हार्मोन का स्त्राव होता हैं तब ये स्टोर होने लगते हैं ऐसा कुछ हफ्तों या महीनों तक हो सकता हैं।

एक्सेसिव आयोडीन

जब शरीर में बहुत ज्यादा आयोडीन हो जाता है (एक मिनरल जों थायराइड हार्मोन प्रोड्यूस करने में उपयोग किया जाता हैं) जिससे थायराइड आवश्यकता से ज्यादा थायराइड प्रोड्यूस करने लगता है। आयोडीन की आपको कुछ सामान्य दवाइयों में भी मिल सकता है जैसे – कफ सिरप, हाथ मेडिकेशन

थायराइड बीमारी के लक्षण | महिलाओं में थायराइड के लक्षण | thyroid bimari ke lakshan | mahilao me thyroid ke lakshan

थायराइड बीमारी के लक्षण सामान्य रोगो में दिखाई पड़ने वाले लक्षणों से काफी मिलते जुलते हैं यहां आप अनेक तरह के सिम्टम्स महसूस कर सकती है। हालांकि, यदि आपको थायराइड की बीमारी है तो शुरूआत में इसकी सही पहचान कर पाना कठिन होता है अक्सर इसे अन्य बीमारी समझने की भूल हो जाती हैं।

थायराइड बीमारी के लक्षणों को दो भागों में विभाजित किया जा सकता है एक हाइपरथाइरॉएडिज्म और दूसरा हाइपोथाइरॉएडिज्म

ओवरएक्टिव थायराइड के लक्षण (हाइपरथाइरॉएडिज्म)

  • बहुत जल्दी थक जाना, तनाव, चिड़चिड़ापन, घबराहट महसूस होना
  • नींद आने में दिक्कत
  • वजन घटना
  • थायराइड ग्लैंड में सूजन या बड़ा होना
  • कमजोरी, मसल्स वीकनेस या झटके महसूस होना
  • अनियमित मासिक चक्र या मैचुरेशन का बंद हो जाना
  • ताप के प्रति संवेदनशील
  • देखने में समस्या, आंखों में इरिटेशन

अंडरएक्टिव थायराइड के लक्षण (हाइपोथाइरॉएडिज्म)

  • हर समय थका हुआ महसूस करना
  • वजन बढ़ाना
  • भूलने की समस्या
  • बार-बार हेवी मेंस्ट्रूअल पीरियड
  • बालों का रुखा सुखा हो जाना
  • अटपटी आवाज हों जाना
  • ठंड बर्दाश न होना

थायराइड बीमारी का इलाज कैसे किया जाता है thyroid bimari ka ilaj kaise kiya jata hai

कई बार थायराइड को ठीक करना बहुत कठिन हो जाता है क्योंकि इसके लक्षण अधिकांशतः अन्य बीमारियों से इतने मिलते जुलते हैं कि कोई भी आसानी से कोई भ्रमित हो जाए कि जो सिंप्टम्स दिखाईं पड़ रहे हैं वो थायराइड के है या किसी अन्य बीमारी के, आप जो सिंप्टम्स प्रेगनेंसी में या बढ़ते उम्र के साथ महसूस करते हैं वही सिंप्टम्स आप थायराइड में भी देख सकती हैं।

ये कुछ ऐसे टेस्ट हैं जिनकी मदद से आप जान सकते हैं जो लक्षण आपको हो रहे हैं वह थायराइड के कारण है या किसी अन्य बीमारी के लक्षण है –

  • ब्लड टेस्ट
  • इमेजिंग टेस्ट
  • फिजिकल एक्जाम

रक्त जांच (ब्लड टेस्ट)

निश्चित ही रक्त जांच कराना थायराइड बीमारी पता लगाने का बहुत सरल और आसान तरीका है। थायराइड ब्लड टेस्ट में यह देखा जाता है आपके थायराइड सही से कार्य कर रहे हैं या नहीं, यह रक्त में थायराइड हार्मोन की मात्रा जांच कर किया जाता हैं जिसके लिए हाथों की नसों से रक्त के सैंपल लिए जाते हैं। थायराइड ब्लड टेस्ट से आप ये जान सकते हैं कहीं आपको –

  • हाइपोथाइरॉएडिज्म है
  • या हाइरथाइरॉएडिज्म

थायराइड ब्लड टेस्ट का उपयोग थायराइड डिसऑर्डर और इससे संबंधित हाइपर और हाइपो के इलाज में भी किया जाता हैं 

  • थायराइडीटिज
  • ग्रेव्स डिजीज
  • हैशीमोटोस डिसीज
  • गोइटर
  • थायराइड नोडल
  • थायराइड कैंसर

कुछ निश्चित ब्लड टेस्ट जो थायराइड के समय किए जाते हैं

  • थायराइड स्टिमुलेटिंग हार्मोन टेस्ट (THS)
  • T4 थायरॉक्सिन
  • FT4 : फ्री थायरॉक्सिन
  • T3 : ट्रीओडोथायरोनिन
  • FT3 : फ्री ट्रीओडोथायरोनिन

इसके अलावा कुछ अन्य ब्लड टेस्ट भी किए जा सकते हैं जैसे –

  • थायराइड एंटीबॉडीज
  • क्लैकिटोनिन
  • थायरोग्लोब्यूलीन

इमेजिंग टेस्ट – imaging test

कुछ केसो में केवल थायराइड को देख कर ही बहुत से सवालों का जवाब मिल जाता हैं। यहां आपके डॉक्टर एक इमेजिंग टेस्ट थायराइड स्कैन के जरिए थायराइड को देखते हैं इसके बड़े हुए आकार, साइज, शेप और ग्रोथ आदि को

यहां डॉक्टर अल्ट्रासाउंड जैसी तकनीक का भी उपयोग कर सकते हैं अल्ट्रासाउंड एक इमेजिंग तकनीक है जिसमें हाई फ्रिकवेंसी अल्ट्रासाउंड वेव का इस्तेमाल शरीर अंदर कोशिकाओं के इमेजेस लेने के लिए किया जाता है अल्ट्रासाउंड का उपयोग प्रेगनेंसी में आपको अत्याधिक रुप से देखने को मिल सकता है, हालांकि, इसका उपयोग अन्य बीमारियों को डायग्नोज करने में भी किया जाता है। एक्स-रे की तरह अल्ट्रासाउंड में रेडिएशन का उपयोग नहीं किया जाता हैं।

एक अल्ट्रासाउंड टेस्ट सामान्यतः 20 से 30 मिनट में हो जाता है।

फिजिकल एक्जाम – physical exam

एक और तरीका जिसमें डॉक्टर बहुत जल्दी आपके थायराइड की जांच कर सकते हैं – फिजिकल एग्जाम के जरिए। इसे डॉक्टर अपने ऑफिस में भी कर सकते हैं यह बहुत आसान और दर्द रहित जांच होता है जहां निरीक्षक गले को जांच कर थायराइड के ग्रोथ और एनलार्जमेंट को पता लगाते हैं।

थायराइड का इलाज कैसे होता है – thyroid ka ilaj kaise hota hai

थायराइड के इलाज में डॉक्टरों का मुख्य उद्देश होता है थायराइड हार्मोन के स्तर को सामान्य में लाना, इसे करने के बहुत से तरीके हैं। तथा सभी ट्रीटमेंट के तरीके आपके थायराइड कंडीशन पर निर्भर करते हैं।

अगर आप हाई लेवल ऑफ थायराइड हार्मोन की समस्या से गुजर रहे है (हाइपरथाइरॉएडिज्म), तो ट्रीटमेंट के कुछ तरीके

एंटीथायराइड ड्रग्स 

methimazole और propylthi ये कुछ मेडिसिन है जो थायराइड को हार्मोन स्रावित करने से रोकते हैं

रेडियोएक्टिव आयोडीन 

ये ट्रीटमेंट थायराइड के कोशिकाओं को क्षति पहुंचाता है जिससे उन्हें अधिक मात्रा में थायराइड हार्मोन स्रावित करने से रोका जा सके।

सर्जरी

ये एक निश्चित इलाज हैं जहां डॉक्टर सर्जरी की माध्यम से थायराइड को निकाल देते हैं। थायराइड ना होने से हार्मोन बनना भी बंद हो जाता है यहां फिर जीवन भर कृत्रिम रूप से थायराइड हार्मोन लिया जाता हैं।

लेकिन यदि आपमें लो लेवल ऑफ थायराइड हार्मोन की बीमारी है (हाइपोथाइरॉएडिज्म), तो मुख्य रुप से ट्रीटमेंट का उपाय

थायराइड रिप्लेसमेंट मेडिकेशन 

यहां दवाइयों के जरिए, शरीर में कृत्रिम रूप से थायराइड हार्मोन डाला जाता है। एक दवाई जिसका मुख्यत: उपयोग इस ट्रीटमेंट में किया जाता है – levothyroxine, इन दवाइयों के उपयोग से थायराइड को नियंत्रित किया जा सकता है तथा एक सामान्य जीवन भी जिया जा सकता हैं।

FAQ. कुछ महतत्वपूर्ण प्रश्नों के उत्तर

क्या मैं थायराइड का पता घर पर लगा सकती हूं?

आप घर पर ही थायराइड बीमारी के लिए सरल और आसान टेस्ट कर सकते हैं इसके लिए आपको केवल एक आईने और एक गिलास पानी की जरूरत पड़ेगी

घर पर थायराइड जांच के लिए इन स्टेप्स को फॉलो करें…

  • सबसे पहले अपने थायराइड का पता लगाए, अधिकतर इसे आप गले के सामने कॉलर बोन के ऊपर पाएंगे
  • अब आईने में देखते हुए, सिर पीछे की ओर झुकाए, अपने गले को देखे जिस जगह आप इसे देख रहें थे
  • जब आप तैयार हो जाए, गिलास से पानी पिना शुरू करें तथा इसी अवस्था में अपने थायराइड को देखे, जैसे – जैसे आप पानी गटक रहें हों आपको किसी तरह की गांठ या सूजन पता लगाने का प्रयास करना है 

इस टेस्ट को दो से तीन बार दोहराएं, जब आपको सही अंदाजा मिल जाएं जैसे कोई सूजन या गांठ महसूस करें तो तुरंत आपको नजदीकी डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए

क्या थायराइड बीमारी के साथ एक सामान्य जीवन जिया जा सकता है?

थायराइड बीमारी कई बार एक जीवंत लंबी मेडिकल कंडीशन हो सकती है। जिसमें लगातार आपको इसे मैनेज करने कि आवश्यक्ता पड़े, जिसमें आपको रोजाना दवाइयां लेने की जरूरत हो, यदि आप किसी भी प्रकार की थायराइड बीमारी से पीड़ित है तो ट्रीटमेंट में डॉक्टर आपको जांच कर निर्देश देते रहेंगे। थायराइड बीमारी के साथ भी एक सामान्य जीवन (बिना रोक टोक) के जिया जा सकता हैं।

हालांकि, शुरूआत में आपको खुद के लिए सही ट्रीटमेंट ढूंढने में समय लग सकता है।

Hindiram के कुछ शब्द

महिलाओं में थायराइड के लक्षण (mahilao me thyroid ke lakshan), थायराइड बीमारी एक कंडीशन जहां इसमें बनने वाला हार्मोन (thyroid hormone) बहुत ज्यादा या बहुत कम स्त्राव होने लगता है। ये दोनों ही कंडीशन स्वास्थ्य की दृष्टि से बहुत गम्भीर है जिनके लक्षण, उपचार और बचाव के तरीके आपने इस लेख में जाना है।

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